झारखंड का मिनी बाबा धाम 'शिवगादी'
झारखण्ड के संथाल परगना प्रमंडल के साहिबगंज जिले में स्थित दूसरे बाबा धाम या मिनी बाबा धाम के नाम से प्रसिद्ध 'बाबा गाजेश्वर नाथ' धाम जिसे 'शिवगादी' भी कहा जाता है. यह एक अत्यंत प्राचीन और पौराणिक मान्यताओं वाला मंदिर है. यहां इस मंदिर के पास प्रकृति ने दोनों हाथों से अपने उपहार बांटे हैं. यहां की खूबसूरती देखते ही बनती है. इस वजह से यहां सैलानी सालों भर आते हैं और 'बाबा गाजेश्वर नाथ' के दर्शन करने के साथ यहां की मनोहारी दृश्यों का आनंद भी लेते हैं.
195 सीढ़ियों की चढ़ाई के बाद मिलता है मंदिर का दर्शन
यहां राजमहल की पहाड़ियों के बीच झर-झर गिरते झरने के मध्य एक गुफा मंदिर है. साहिबगंज जिले के बरहेट प्रखंड से 6 किलोमीटर की दूरी पर स्थित यह मंदिर दूर-दूर के लोगों के लिए आस्था का अद्भुत केंद्र है. यहां मंदिर तक पहुंचने के लिए लोगों को 195 सीढ़ियों की चढ़ाई करनी पड़ती है. इन सीढ़ियों की चढ़ाई के बाद ही मंदिर के दर्शन हो पाते हैं. यह मंदिर पहाड़ी पर स्थित है ऐसे में यह एक टूरिस्ट प्लेस भी है.
झारखण्ड के संथाल परगना प्रमंडल के साहिबगंज जिले में स्थित दूसरे बाबा धाम या मिनी बाबा धाम के नाम से प्रसिद्ध 'बाबा गाजेश्वर नाथ' धाम जिसे 'शिवगादी' भी कहा जाता है. यह एक अत्यंत प्राचीन और पौराणिक मान्यताओं वाला मंदिर है. यहां इस मंदिर के पास प्रकृति ने दोनों हाथों से अपने उपहार बांटे हैं. यहां की खूबसूरती देखते ही बनती है. इस वजह से यहां सैलानी सालों भर आते हैं और 'बाबा गाजेश्वर नाथ' के दर्शन करने के साथ यहां की मनोहारी दृश्यों का आनंद भी लेते हैं.
195 सीढ़ियों की चढ़ाई के बाद मिलता है मंदिर का दर्शन
यहां राजमहल की पहाड़ियों के बीच झर-झर गिरते झरने के मध्य एक गुफा मंदिर है. साहिबगंज जिले के बरहेट प्रखंड से 6 किलोमीटर की दूरी पर स्थित यह मंदिर दूर-दूर के लोगों के लिए आस्था का अद्भुत केंद्र है. यहां मंदिर तक पहुंचने के लिए लोगों को 195 सीढ़ियों की चढ़ाई करनी पड़ती है. इन सीढ़ियों की चढ़ाई के बाद ही मंदिर के दर्शन हो पाते हैं. यह मंदिर पहाड़ी पर स्थित है ऐसे में यह एक टूरिस्ट प्लेस भी है.