झारखण्ड की जनजातियों की भाषा, त्योहार, नृत्य, संगीत और वाद्ययंत्र
भाषा― संथाली, मुंडारी, कुडुख, खोरठा, नागपुरिया, सादरी, खड़िया, पंचपरगनिया,
हो, मालती, कुड़माली, हिन्दी उर्दू, बांग्ला
त्योहार― सरहुल, कर्मा, सोहराई, बदना, टुसु, ईद, क्रिसमस, होली, दशहरा।
लोक संगीत― एकहरिया, डोमकच, दोहरी, जनानी झुमर, मरदाना झूमर, फगुवा,
उदासी, पावस, पहिलसंझा, अधरतिया, भिनसरिया, प्रतकाली, झुमटा।
लोक नृत्य― पाइका, छऊ, जदुर, करमा, नचनी, नटुआ, अग्नि, संथाल, जमदा,
घटवारी, माथा, सोहराई।
वाद्य यंत्र― ततवाद्यः, केदरी, गुपिजंत्र, सांरगी, टुइला, भूआंग।
सुषिर वाद्य― बांसुरी, आड़बांसी, शाहनाई, मदनभेरी, सिंगा, शंख।
घन वाद्य― करताल, झांझ, थाला, मंजीरा, घंटा।
अनवद्ध वाद्य― मांदर, ढोल, ढाक, धमसा, नगाड़ा, दमामा, कारहा, तासा, जड़ीनागरा,
ढंका, ठपचांगू
चित्रकला― संथाली भितिचित्र, उरांव भितिचित्र