झारखण्ड की जनजातियों का प्राचीन इतिहास एवं प्रजातियां
◆ छोटानागपुर की प्राचीनतम जनजातियां― खड़िया, विरहोर, असुर
◆ खड़िया बिरहोर व असुर के बाद की जनजाति― कोरवा
◆ खड़िया बिरहोर, असुर व कोरवा के बाद की जनजाति–मुंडा, उरांव और हो
― कोरवा
◆ मुंडा, उरांव और हो के बाद की जनजातियां
― चेरो, खरवार, भूमिज तथा संथाल
◆ झारखण्ड की जनजातियों का ऐतिहासिक क्रम
― खड़िया, बिरहोर, असुर, कोरवा, चेरो, खरवार, भूमिज संथाल
◆ झारखण्ड की जनजातियों की संख्या― 32 (असुर, बैगा, बंजारा, बथुडी, बेदिया,
बिंझिया, बिरहोर, बिरजिया, चेरो, चीक
बड़ाइक, गोंड, गोड़ाइत, हो, करमाली,
खड़िया, खोंड, किसान, कोरा, कोरवा,
लोहरा, माहली, माल पहाड़िया, मुंडा,
उरांव, परहिया, संथाल, सौरिया पहाड़िया,
सबर, भूमिज, खरवार, कवर, कोल)
◆ झारखण्ड की आदिम जनजातियों की संख्या― 8 (बिरहोर, कोरवा, असुर,
परहिया, विरजिया, सौरिया पहाड़िया,
माल पहाड़िया, सबर)
प्रजातियां
◆ प्रोटो–ऑस्ट्रोलाइड― असुर, बिरहोर, खड़िया, कोरा. सबर, लोहरा, भूमिज।
◆ ऑस्ट्रोलायड (प्री-द्रविडियन)― मुण्डा, सौरिया पहाडिया, माल पहाड़िया, कोरवा हो,
संथाल, परहिया, गौंड, बथुडी, करमाली, कदर, कोल।
◆ कॉकेसॉयड (द्रविड़)― उरांव, चेरो, खरवार, किसान, बिझिया, बेदिया, चीक,
बड़ाईक, गोड़ाइत, महली, बैगा, विरझिया।