जहां नंदी ने रावण को भगवान शिव के धाम में प्रवेश से रोका
देवधर में बाबा बैद्यनाथ धाम के मंदिर और रेलवे स्टेशन से तीन किलोमीटर और देवघर बस स्टैंड से 2 किलोमीटर की दूरी पर नंदन पहाड़ स्थित है. इस पहाड़ को प्रकृति की खूबसूरती का उपहार तो मिला ही है पौराणिक मान्यताओं और कथाओं के चिन्हों से भी यह पहाड़ भरा पड़ा है. आपको बता दें कि बच्चों के लिए भी यह घूमने के लिए सबसे अच्छा प्लेस है. यहां उनके मनोरंजन के लिए भी खूब सारे प्रबंध हैं. ऐसे में आइए हम आज आपको नंदन पहाड़ की यात्रा पर ले चलते हैं.
नंदन पहाड़ को लेकर क्या है पौराणिक मान्यताएं
आपको बता दें कि इस नंदन पहाड़ पर नंदी का एक मंदिर है. इसके बारे में पौराणिक मान्यता यह है कि यहां से पास में स्थित बैद्यनाथ धाम मंदिर यानी शिवधाम परिसर में लंकापति रावण ने जबर्दस्ती प्रवेश करने की कोशिश की नंदी भगवान शिव के द्वारपाल हैं ऐसे में उनकी तरफ से रावण को यहां परिसर में प्रवेश से पहले उसे रोकने की कोशिश की गई. इसके बाद गुस्से से लाल रावण ने उन्हें यहां फेंक दिया और तब से यह पहाड़ नंदी के नाम पर नंदन पहाड़ के नाम से जाना जाता है. यहां नंदी की एक विशाल प्रतिमा भी है. यहां नंदी, शिव, पार्वती, कार्तिक, गणेश, मां काली, सरस्वती, हनुमान सहित कई देवी देवताओं के मंदिर स्थित हैं. जिनके दर्शन के लिए लोग यहां आते हैं. यहां पहाड़ी की चोटी पर एक पानी का कुंड (झील) भी है और यहां लोग पिकनिक के लिए आते हैं.
यहां घूमने वाले सूर्योदय और सूर्यास्त का मनोरम दृश्य भी देखने आते हैं
इसके साथ ही आपको बता दें कि यहां सूर्योदय और सूर्यास्त के समय का दृश्य काफी मनोरम होता है. पर्यटक यहां उगते सूर्य की लालिमा और डूबते सूर्य की बेहतरीन छठा का दर्शन करने भी आते हैं. यहां बच्चों के लिए काफी सारी मनोरंजन की व्यवस्था है. जैसे नंदन हिल एंटरटेनमेंट पार्क जहां बच्चों के खेलने के लिए पार्क, एक भूत घर होने के साथ एक बूट हाउस और एक दर्पण घर भी है. इसके साथ यहीं फूडिंग के लिए एक रेस्तरां भी है. पहाड़ पर पानी का जो कुंड या झील है वहां बोटिंग की भी व्यवस्था है. यहां एक छोटी रेलगाड़ी पर बैठकर चक्कर लगाने का आनंद भी लिया जा सकता है. इस टॉय ट्रेन को बच्चों के लिए खास बनाया गया है. बच्चे इसमें बैठकर पार्क में घूमने का आनंद लेते हैं.