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   Jharkhand Board Class 9TH Science Notes | जीवन की मौलिक इकाई  

 JAC Board Solution For Class 9TH  Science  Chapter 5


1. कोशिका की खोज किसने और कैसे की?
उत्तर : कोशिका की खोज सर्वप्रथम रॉबर्ट हुक ने (1665) में की। उन्होंने कार्क
की एक महीन काट में मधुमक्खी के छत्ते के समान कोठरियों देखी जिन्हें उन्होंने
कोशिका (सेल-Cell) का नाम दिया।

2. कोशिका को जीवन की संरचनात्मक व क्रियात्मक इकाई क्यों कहते हैं?
उत्तर : सभी जीव कोशिकाओं के बने होते है। ये जीवन की मूलभूत इकाई
हैं। जीवित कोशिका में मूलभूत कार्य करने की क्षमता होती है अत: इसे जीवन की
संरचनात्मक तथा क्रियात्मक इकाई कहते हैं।

3. CO₂ तथा पानी जैसे पदार्थ कोशिका से कैसे अंदर तथा बाहर जाते हैं?
इस पर चर्चा करें।
उत्तर : CO₂ प्लैज्मा झिल्ली के आर-पार विसरण द्वारा आ-जा सकती है।
CO₂ कोशिका में एक अपशिष्ट पदार्थ है। कोशिका के बाह्य वातावरण में CO₂ की
सांद्रता कोशिका की अंदर की सांद्रता से कम होती है। अत: CO₂ कोशिका से बाहर
आ जाती है।
          जल के अणुओं का विसरण की परासरण कहलाता है। परासरण में जल के
अणु वर्णात्मक पारगम्य झिल्ली द्वारा उच्च जल की सांद्रता से निम्न जल की सांद्रता
की ओर जाते हैं।

4. प्लज्मा झिल्नी को वर्णात्मक पारगम्य झिल्ली क्यों कहते हैं?
उत्तर : प्लैग्मा झिल्ली केवल निश्चित वांछित पदार्थों को ही कोशिका के
अंदर आने देती है और अवांछित पदार्थों को रोक देती है। ये उन्हीं पदार्थों को बाहर
ले जाती है जिनकी आवश्यकता नहीं होती। इस तरह प्लैज्मा झिल्ली के आर-पार
पदार्थों का आना-जाना अथवा गम्यता का चयन अथवा वरण यह झिल्ली ही
करती है।

5. क्या आप दो ऐसे अंगकों का नाम बता सकते हैं जिनमें अपना अनुवांशिक
पदार्थ होता है?
उत्तर : (i) हरितलवक, (ii) माइटोकॉण्ड्यिा।

6. यदि किसी कोशिका का संगठन किसी भौतिक अथवा रासायनिक प्रभाव
के कारण नष्ट हो जाता है, तो क्या होगा?
उत्तर : कोशिका अपने कार्य नहीं कर पायेगी तथा इसकी मृत्यु हो जायेगी।

7. लाइसोसोम को आत्मघाती थैली क्यों कहते हैं?
उत्तर : लाइसोसोम, आत्मघाती थैली कहलाता है क्योंकि लाइसोसोम भोजन
के कणों, अन्य बाह्य कार्यों, कोशिका के पुराने कटे-फटे कोशिकांगो के पाचन में
सहायता करता है, जिससे प्राय: पुरानी कोशिका की मृत्यु हो जाती है।

8. कोशिका के अंदर प्रोटीन का संश्लेषण कहाँ होता है?
उत्तर : राइबोसोम्स में। राइबोसोम्स को प्रोटीन फैक्ट्री कहते है।

9. यदि प्लैज्मा झिल्ली फट जाए अथवा टूट जाए तो क्या होगा?
उतर-प्लैज्मा झिल्ली के फटने अथवा टूटने पर कोशिका द्रव्य में पाये आने
वाले कोशिकांग बिखर जायेंगे एवं कोशिका का संगठन नष्ट हो जायेगा।

10. यदि गॉल्जी उपकरण न हो तो कोशिका के जीवन में क्या होगा?
उत्तर : गॉल्जी उपकरण का मुख्य कार्य है पोलीसेकहेराइडसा, लिपिडस एवं
अन्य पदार्थों का श्रावण तथा उन्हें कोशिका से बाहर निकालना। यदि किसी कोशिका
में गॉल्जी उपकरण नहीं है तो ये कार्य नहीं होने के कारण कोशिका स्वयं समाप्त
हो जायेगी।

11. कोशिका झिल्ली को बनाने वाले लिपिड तथा प्रोटीन का संश्लेषण कहाँ
होता है?
उत्तर : (i) चिकनी अंत: प्रद्रव्यी जालिका द्वारा लिपिड्स का संश्लेषण
होता है। (ii) प्रोटीन का संश्लेषण राइबोसोम्स के द्वारा होता है।

12. अमीबा अपना भोजन कैसे प्राप्त करता है?
उत्तर : अमीबा एंडोसाइटोसिस द्वारा भोजन गहण करता है। प्लैज्मा झिल्ली
अंदर की ओर मुड़कर कप के आकार का गड्ढा बना लेती है जिसमें भोजन प्रविष्ट
हो जाता है। इसके बार यह भोजनधानी (खाद्यधानी) का रूप ले लेती है।

13. परासरण क्या है?
उत्तर : किसी अर्ध-पारगम्य झिल्ली द्वारा जल के अणुओं का अपनी उच्च
सांद्रता वाले क्षेत्र से निम्नतर सांद्रता वाले क्षेत्र में भ्रमण करना परासरण कहलाता है।

14. जीव द्रव्य क्या है?
उत्तर : कोशिका द्रव्य व नाभिक से निर्मित जीवन प्रदान करने वाले पदार्थ
को जीव द्रव्य कहते है।

15. कोशिका क्या है?
उत्तर : जीवों की संरचनात्मक व कार्यात्मक इकाई को कोशिका कहते है।

16. दो एक कोशिकीय जंतुओं के नाम बताओ।
उत्तर : पैरामीशियम व अमीबा।

17. प्रोटोप्लाज्म (जीव द्रव्य) शब्द का प्रयोग सर्वप्रथम किसने किया?
उत्तर : जे.ई. परकिंजे ने 1839 में।

18. जर्मन जीव वैज्ञानिकों के नाम लिखो जिन्होंने कोशिका सिद्धांत प्रस्तुत किया।
उत्तर : एम. श्लिडन (1838) और टी. श्वान (1839)।

19. उस पदार्थ का नाम लिखो जिससे केद्रिक (न्यूक्लिओलस) बना होता है।
उत्तर : केद्रित नाभिक में पाया जाता है जो आर.एन.ए. से बना होता है।

20. जीन क्या है?
उत्तर : जीन डी.एन.ए. का भाग होता है जो गुणसूत्र पर रेखीय रूप से लगे
होते हैं। ये गुणसूत्र की कार्यात्मक इकाई है।

21. कोशिका द्रव्य क्या है ?
उत्तर : प्लैज्मा झिल्ली और नाभिक को छोड़कर कोशिका का शेष भाग द्रव्य
कहलाता है। इसमें कोशिका के सभी अंगक होते है।

22. उस वैज्ञानिक का नाम बताओ जिसने 17वीं शताब्दी में आठ सूक्ष्मदर्शी को
बनाया था?
उत्तर : (i) राबर्ट हुक ने 1665 में सूक्ष्मदर्शी की खोज की थी।
(ii) ल्यूवेनहक ने 1674 में जीवाणु के देखने के लिए सूक्ष्मदर्शी में आवश्यक
परिवर्तन किए थे।

23. कोशिका भित्ति सजीव है या निर्जीव?
उत्तर : निर्जीव।

4. प्लैज्मा झिल्ली सजीव है या निर्जीव?
उत्तर : सजीव।

25. कोशिका के नियंत्रण केद्र का नाम लिखें।
उत्तर : केंद्रक या नाभिक।

26. राइबोसोम का क्या कार्य है?
उत्तर : राइबोसोम प्रोटीन संश्लेषण का कार्य करता है।

27. किस कोशिकांग को आत्मघाती थैली कहा जाता है?
उत्तर : लाइसोसोम।

28. कौन-सा कोशिकांग अंतर्द्रव्यी जालिका को खुरदरा बनाता है?
उत्तर : राइबोसोमा

29. प्रत्येक का एक कार्य लिखो-(i) खुरदरी अंतर्दव्यी जालिका (iचिकनी
अंतर्द्रव्यी जालिका।
उत्तर : (i) खुरदरी अंतर्द्रव्यी जालिका की सतह पर राइबोसोम होते है जो
प्रोटीन संश्लेषण का कार्य करते हैं।

(ii) चिकनी अंतर्द्रव्यो जालिका पर राइबोसोम नहीं होते। ये लिपिडों को सावित
करती हैं।

30. कोशिकाओं की संख्या कैसे बढ़ती है?
उत्तर : कोशिकाओं की संख्या कोशिका विभाजन द्वारा गुणित होकर बढ़ती है।

31. कोशिका विभाजन के समय केद्रक झिल्ली का क्या होता है?
उत्तर : कोशिका विभाजन के समय केंद्रक झिल्ली गायब हो जाती है।

32. कोशिका विभाजन के समय क्रोमेटिन पदार्थ का क्या होता है?
उत्तर : कोशिका विभाजन के समय क्रोमेटिन धागे जैसी रचनाओं में बदल
जाते हैं, जिन्हें गुणसूत्र कहते हैं।

33. युग्मकों में गुणसूत्रों की क्या संख्या होती है?
उत्तर : युग्मकों में अपनी मातृ कोशिका से आधी संख्या गुणसूत्रों की होती है।

34. अर्थसूत्री विभाजन को न्यूनकारी विभाजन क्यों कहते हैं?
उत्तर : अर्धसूत्री विभाजन को न्यूनकारी विभाजन कहते है क्योंकि इसमें
गुणसूत्रों की संख्या घटकर आधी रह जाती है।

35. गुणसूत्रों का आदान-प्रदान किस भाग में होता है?
उत्तर : काएज्मा में

36. ससीमकेन्द्रक कोशिका क्या है ?
उत्तर : एक ससीमकेंद्रक कोशिका में झिल्लियों से घिरा एक केंद्रक होता है।
इस कोशिका में केंद्रक के अतिरिक्त झिल्लियों से बने और भी कई कोशिकांग होते
है। माइटोकोण्डिया, अंतद्रव्यी जालिका, गाल्जीकाय कुछ ऐसे कोशिकांग है। पादप
कोशिकाओं में कुछ और विशिष्ट कोशिकांग होते है, जैसे―लवक (Plastids),
बड़ी-बड़ी धानियों तथा कोशिका भित्ति।

37. असीमकेदक कोशिका क्या है?
उत्तर : एक असीमकेंद्रक कोशिका में न तो केंद्रक होता है और न ही कोई
भीतरी शिल्लियों जो कि कोशिका झिल्ली से जुड़ी हो। ये पृथ्वी पर जीवन के पुरातन
रूपों से बनी हैं।

38. कौन-सा कोशिकाग 'पाचन शैली' कहलाता है और क्यों?
उत्तर : लाइसोसोम को 'पाचन पैली' कहते है क्योंकि इसमें सक्रिय एन्जाइम
होते है जो सभी शव पदार्थों के अपघटन तथा पाचन के लिए सक्षम होते है।
लाइसोसोम अंतकोशिकीय पाचन संस्थान के रूप में कार्य करते हैं।

39. जीन क्या है? इसके कार्यों के बारे में लिखिए।
उत्तर : जीन डी. एन. ए. का छोटा भाग है जो एक विशिष्ट प्रोटीन के लिए
संकेत होता है। जीन गुणसूत्रो की एक कार्यात्मक इकाई है। एक जीन कोशिका के
एक या एक से अधिक कार्यों के लिए उत्तरदायी हो सकती है। इसके साथ-साथ एक
ही कार्य जीनों के एक समुच्चय द्वारा भी किया जा सकता है।

40. विसरण तथा परासरण में दो अंतर बताओ।
उत्तर : विसरण तथा परासरण में अंतर―
विसरण।                                                     परासरण
(i) यह क्रिया प्रायः पदार्थ की तीनों            (i) यह क्रिया केवल द्रव पदार्थों में
अवस्थाओं (गैस, द्रव और ठोस)                     होती है।
में होती है।
(ii) इसमें अर्द्ध पारगम्य झिल्ली होना         (ii) इसमें दो भिन्न सांद्रण घोलों के
आवश्यक नहीं है।                                       मध्य अर्द्ध पारगम्य झिल्ली का
                                                                होना आवश्यक है।

                                   लघु उत्तरीय प्रश्न

1. कोशिका को जीवन की संरचनात्मक व क्रियात्मक इकाई क्यों कहते हैं?
उत्तर : अनेक जीवों का शरीर केवल एक कोशिका का बना होता है जैसे―
अमीबा बहुकोशिका जीवों का शरीर अनेक कोशिकाओं होती जो विभिन्न कार्य करती
हैं और विभिन्न अंगों का निर्माण करती हैं।
      एक कोशिकीय जीव की सभी जैविक प्रक्रियाएँ एक ही कोशिका में होती है।
बहुकोशिका जीवों में भी प्रत्येक कोशिका मूलभूत जैविक प्रक्रिया करती हैं। जैसे
श्वसन, प्रोटीन बनाना आदि।
             अत: कोशिका जीवन की संरचनात्मक व क्रियात्मक इकाई है।

2. CO₂ तथा पानी जैसे पदार्थ कोशिका से कैसे अन्दर तथा बाहर जाते हैं?
इस पर चर्चा करें।
उत्तर : CO₂ की सांद्रता जब कोशिका में उच्च हो जाती है विसरण द्वारा ये
कोशिका से बाहर निकल जाती हैं। और जब CO₂ की सांद्रता निम्न होती है तो
बाहर से यह कोशिका में आ जाती है।
जल के अणु परासरण के कारण कोशिका की पर्णात्मक पारगम्य दिल्ली द्वारा
उच्च जल की सांद्रता से निम्न जल की सांद्रता की ओर जाता है।

3. प्लैज्मा झिल्ली को वर्णात्मक पारगम्य झिल्ली क्यों कहते है?
उत्तर : प्लैज्मा दिल्ली कुछ पदार्थों को तो कोशिका के अन्दर व बाहर आने
देती है। परन्तु कुछ पदार्थों को न अन्दर आने देती है न कोशिका के बाहर जाने देती
है। इसीलिए इसे चयनात्मक पारगम्य झिल्ली कहते है।

4. क्या अब आप निम्नलिखित तालिका में दिए गए रिक्त स्थानों को भर
सकते हैं, जिससे कि प्राकैरियोटी तथा यूकैरियोटी कोशिकाओं में अंतर स्पष्ट
हो सके―
प्रोकैरियोटी कोशिका                   यूकरियोटी कोशिका
(i) आकार प्रायः छोटा                  (i) आकार प्राय: बड़ा
(1-10μm) 1μm=10⁻⁶m                (5-100μm)
(ii) केन्द्रकीय क्षेत्र :                       (ii) केन्द्रकीय क्षेत्र:
...... और उसे........कहते है।                सुस्पष्ट जो चारों ओर से
                                                       केन्द्रकीय झिल्ली से घिरा रहता
                                                       है।
(iii) क्रोमोसोम : एक                      (iii) क्रोमोसोम: एक से अधिक
Friv) झिल्ली युक्त कोशिका अंगक    (iv) ................................
अनुपस्थित
उत्तर : प्रोकेरियोटिक कोशिका― अस्पष्ट केन्द्रक क्षेत्र में केवल क्रोमैटिक
पदार्थ होता है और उसे केन्द्रकाय कहते है।
      यूकैरियोटिक कोशिका― झिल्ली युक्त कोशिका अंगक उपस्थित होते है।

5. यदि किसी कोशिका का संगठन किसी भौतिक अथवा रासायनिक प्रभाव
के कारण नष्ट हो जाता है, तो क्या होगा?
उत्तर : यदि कोशिका संघटन नष्ट हो जाता है तो कोशिका अपने कुछ
आधारभूत कार्य जैसे श्वसन, पोषण तथा उत्सर्जन आदि नहीं कर सकती तथा
प्रोटीन का निर्माण नहीं कर सकती जिससे जीव के समस्त कार्य रुक जाएँगे तथा
जीव की मृत्यु हो सकती है।

6. लाइसोसोम को आत्मघाती थैली क्यों कहते हैं?
उत्तर : जब कोशिका नष्ट होती है तो लाइसोसोम फट जाते हैं तथा एन्जाइम
अपनी ही कोशिका को खा (पचा) लेते हैं। अत: लाइसोसोम को आत्महत्या की
थैली कहते हैं।

7. पादप कोशिकाओं तथा जंतु कोशिकाओं में 'तुलना करें।
उत्तर : हाँ, हम जन्तु व पादप कोशिका में तुलना कर सकते हैं तथा निम्न
अन्तर कर सकते हैं―
पादप कोशिकाएँ                                        जन्तु कोशिकाएँ
(i) पादप कोशिका में सैल्यूलोज की           (i) जन्तु कोशिका में कोशिका
बनी कोशिका भित्ति होती है।                         भित्ति नहीं होती।
(ii) इसमें हरित लवक पाए जाते हैं।।         (ii) इसमें हरित लवक नहीं होते।
(iii) इसमें बड़ी-बड़ी रिक्तिकाएँ होती         (iii) इसमें रिक्तिकाएँ पाई नहीं जाती
है।                                                              या बहुत छोटी होती हैं।
(iv) इसमें सेन्ट्रोसोम नहीं होता।              (iv) इसमें सेन्ट्रोसोम होता है।

8. प्रोकैरियोटी कोशिकाएँ यूकैरियोटी कोशिकाओं से किस प्रकार भिन्न
होती हैं?
उत्तर:
यूकैरियोटी                                                      प्रोकैरियोटी
(i) सामान्यत: आकार बड़ा होता है (5        (i) सामान्यत: आकार छोटा होता है
-100 माइक्रोमीटर)।                                   (1-10 माइक्रोमीटर)
(ii) केन्द्रक द्रव्य केन्द्रक झिल्ली द्वारा         (ii) केन्द्रक क्षेत्र केन्द्रक झिल्ली से
घिरा रहता है।                                              घिरा नहीं होता
(iii) एक से अधिक गुण सूत्र होते हैं।         (iii) एक मात्र गुण सूत्र होता है।
(iv) केन्द्रिका पायी जाती है।                    (iv) केन्द्रिका नहीं पायी जाती हैं।
(v) झिल्लियों से बने कोशिकांग पाए           (v) झिल्लियों से बने कोशिकांग
जाते है।                                                       नहीं पाए जाते।
(vi) कोशिका विभाजन समसूत्री तथा     (vi) कोशिका विभाजन विखंडन या
अर्धसूत्री दोनों विधियों से होता है।                मुकुलन द्वारा होता है।

9. यदि प्लैग्मा झिल्ली फट जाए अथवा टूट जाए तो क्या होगा?
उत्तर : प्लैज्मा झिल्ली कोशिका का एक बाह्य आवरण है जो कोशिका के
आन्तरिक पदार्थों को बाह्य वातावरण से अलग करती है। इसकी प्रकृति अर्दपारगम्य
होती है। यदि यह फट जाती है तो कोशिका का आन्तरिक पदार्थ बाह्य वातावरण से
मिल जाएगा तथा चयनात्मक कार्य समाप्त हो जाता है।

10. यदि गॉल्जी उपकरण न हो तो कोशिका के जीवन में क्या होगा?
उत्तर : यदि कोशिका में गॉल्जीकाय न हो तो अन्तर्द्रव्यी जालिका में बने
पदार्थों का कोशिका के अन्दर व बाहर आवश्यक भागों को स्थानान्तरण बन्द हो
जाएगा। लाइसोसोम का निर्माण नहीं होगा जिसमें बहुत से एन्जाइमों व हार्मोनों का
निर्माण नहीं होगा जिससे कोशिका से अपशिष्ट पदार्थों का निष्कासन नहीं होगा। इन
सबसे कोशिका का जीवन कम हो जाएगा।

11. कोशिका का कौन-सा अंगक विजलीघर है? और क्यों?
उत्तर : माइटोकॉन्ड्रिया को कोशिका का ऊर्जा संयत्र कहते है। माइटोकॉन्ड्रिया
में ऊर्जा का निर्माण होता है जो ए.टी.पी. के रूप में एकत्र होती है। यह ऊर्जा बहुत-
सी जैविक प्रक्रियाओं में काम आती है। अत: माइटोकॉन्द्रिया को ऊर्जा संयंत्र
कहते हैं।

12. कोशिका झिल्ली को बनाने वाले लिपिड तथा प्रोटीन का संश्लेषण कहाँ
होता है?
उत्तर : कोशिका झिल्ली का निर्माण करने वाले लिपिडों व प्रोटीन का संश्लेषण
अन्तर्द्रव्यो जालिका में होता है।

13. अमीबा अपना भोजन कैसे प्राप्त करता है?
उत्तर : अमीबा एक कोशकीय जीव है। अमीबा की कोशिका में रसधानियाँ
होती है। इनमें से एक खाद्य रिक्तिका होती है। खाद्य रसधानी भोजन से भरी होती
है। इससे अमीबा अपना भोजन प्राप्त करता है।

14. परासरण क्या है?
उत्तर : वर्णात्मक पारगम्य झिल्ली द्वारा पानी के अणुओं की उच्च सान्द्रण क्षेत्र
से निम्न सान्द्रण क्षेत्र की तरफ गति को परासरण कहते हैं। पानी की गति उसमे घुले
हुए पदार्थों पर निर्भर करती है।

15. ससीमकेंद्रक कोशिका क्या है?
उत्तर―एक ससीमकेंद्रक कोशिका में झिल्लियों से घिरा एक केंद्रक होता है।
इस कोशिका में केंद्रक के अतिरिक्त झिल्लियों में बने और भी कई कोशिकांग होते
हैं। माइटोकोण्ड्यिा अंतर्द्रव्यी जालिका, गॉल्जीकाय कुछ ऐसे कोशिकांग है, पादप
कोशिकाओं में कुछ और विशिष्ट कोशिकांग होते है, जैसे―लवक (plastids),
बड़ी-बड़ी धानियों तथा कोशिका भित्ति।

16. असमीकेंदक कोशिका क्या है?
उत्तर―एक असीमकेंद्रक कोशिका में न तो केंद्रक होता है और न ही कोई
भीतरी झिल्लियाँ जो किस कोशिका झिल्ली से जुड़ी हों। ये पृथ्वी पर जीवन के
परातन रूपों से बनी हैं।

17. असमीकेंद्रक व ससीमकेंद्रक कोशिकाओं में भेद बताइए।
उत्तर―असीमकेंद्रक तथा ससीमकेंद्रक कोशिका में अंतर―
असीमकेंद्रक                                             ससीमकेंद्रक
(i) सामान्यतः आकार छोटा होता है।         (i) सामान्यतः आकार बड़ा होता है।
(1-10 माइक्रो-कॉन)                                   (5-10 माइक्रो- कॉन)
(ii) केंद्रिका नहीं पाई जाती है।                 (ii) केद्रिका पाई जाती है।
(iii) केंद्रिक क्षेत्र केंद्रक झिल्ली से घिरा      (iii) केंद्रक द्रव्य केंद्रक झिल्ली द्वारा
नहीं होता है।                                               घिरा रहता है।
(iv) एक मात्र गुणसूत्र होता है।                (iv) एक से अधिक गुणसूत्र होते है।
(क) कोशिका विभाजन या विखंडन          (v) कोशिका विभाजन समसूत्री तथा
मुकुलन विधि द्वारा होता है।                          अर्दसूत्री दोनों विधियों से होता है।

18. प्लैज्या झिल्ली और कोशिका भित्ति में अंतर स्पष्ट करें।
उत्तर―
कोशिका भित्ति                                         प्लैज्मा झिल्ली
(i) यह मुख्य रूप से सेल्यूलोज से          (i) यह मुख्यतः लिपिड तथा प्रोटीन
बनी होती है।                                          से बनी होती है।
(ii) केवल पादप कोशिका में पाई          (ii) पादप कोशिका तथा जंतु कोशिका
जाती है।                                                 दोनों में पाई जाती है।
(iii) यह कोशिका झिल्ली से बाहर       (iii) यह कोशिका का बाह्य आवरण है।
स्थित बाह्यतम दृढ भित्ति है।

19. कोशिका में विद्यमान दोनों न्यूक्लिक ऐसिड के नाम बताइए? वे क्या कार्य
करते हैं?
उत्तर ― कोशिका में पाए जाने वाले दो न्यूक्लिक एसिड प्रमुख हैं―
(i) डीऑक्सीराइबोज न्यूक्लिक एसिड (DNA)
(ii) राइबोज न्यूक्लिक एसिड (RNA)
कार्य―(i) डीऑक्सीराइबोज न्यूक्लिक एसिड―ये आनुवंशिक सूचना को
संग्रह करने तथा उसे एक पीढ़ी से दूसरी पीढ़ी में स्थानान्तरित करने के लिए उत्तरदायी
हैं। (ii) राइबोज न्यूक्लिक एसिड―ये प्रोटीन संश्लेषण में सहायक होते हैं।

20. जीन क्या है? इसके कार्यों के बारे में लिखिए।
उत्तर―जीन डी.एन.ए. का छोटा भाग है जो एक विशिष्ट प्रोटीन के लिए
संकेत होता है। जीन गुणसूत्रों की एक कार्यात्मक इकाई है। एक जीन कोशिका के
एक या एक से अधिक कार्यों के लिए उत्तरदायी हो सकती है। इसके साथ-साथ एक
ही कार्य जीनों के एक समुच्चय द्वारा भी किया जा सकता है।

21. क्रोमेटिन, क्रोमेटिड और क्रोमोसोम (गुणसूत्र) में अंतर बताइए।
उत्तर―क्रोमेटिन, क्रोमेटिड तथा क्रोमोसोम में अंतर―
क्रोमेटिन―क्रोमेटिन केंद्र में न्यूक्लियोप्रोटनी से बना आनुवंशिक पदार्थ का
पतला जाल-सा होता है। यह उपापचयी रूप से सक्रिय नहीं होता है।

क्रोमेटिड―प्रत्येक क्रोमोसोम कोशिका विभाजन के समय दो भागों में बँट
जाता है। प्रत्येक भाग को क्रोमेटिड कहते हैं। प्रत्येक क्रोमोसोम के दोनों क्रोमेटिड
आपस में सेट्रोमीयर से जुड़े रहते हैं।

क्रोमोसोम―केंद्रक में उपस्थित क्रोमेटिन कोशिका विभाजन के समय लम्बे
धागों जैसी संरचनाओं में बदल जाते हैं, जिन्हें क्रोमोसोम कहते हैं। क्रोमोसोम पर
उपस्थित जीन आनुवंशिक गुणों के वाहक होते हैं।

22. काइऐज्मेटा (काइऐज्मा) क्या है? इसका महत्त्व बताइए।
उत्तर―काइऐज्मेटा (काइऐज्मा) वह क्षेत्र है जहाँ पर आनुवंशिक पदार्थ का
विनिमय समजात गुणसूत्रों के क्रोमेटिड्स के मध्य होता है।

महत्व―इससे गुणसूत्रों की रचना बदलने से जीनों के नए युग्म बनते है
अर्थात् संतति कोशिकाओं के गुणसूत्र अपने जनकों से गुणात्मक रूप में भिन्न होता
है और जीवों में 'विभिन्नता' के कारण बनते हैं। ये विभिन्नताएँ जैव विकास
(organicevaluation) का आधार है।

23. अर्द्धसूत्री विभाजन कहाँ होता है? इस विभाजन में कितनी कोशिकाएँ बनती
उत्तर―अर्द्धसूत्री विभाजन केवल जनन अंगों में होता है। इस विभाजन में
लगातार दो बार होता है―अर्द्धसूत्री विभाजन I तथा अर्द्धसूत्री विभाजन II. इस
प्रकार एक पूर्ण अर्द्धसूत्री विभाजन के फलस्वरूप चार कोशिकाएँ प्राप्त होती हैं।

24. अर्द्धसूत्री विभाजन I की विभिन्न अवस्थाओं के नाम लिखिए।
उत्तर―अर्द्धसूत्री विभाजन I में गुणूत्रों की संख्या घटकर आधी रह जाती है,
इसलिए इसे न्यूनकारी विभाजन कहते हैं। यह विभाजन चार अवस्थाओं में पूरा होता
है―पूर्णावस्था, मध्यवस्था, पश्चावस्था तथा अत्यावस्था। पूर्णावस्था सबसे लम्बी
अवस्था है तथा पाँच विभिन्न अवस्थाओं में पूरी होती है।

                               दीर्घ उतरीय प्रश्न  

1. निम्नलिखित परासरण प्रयोग करें―
छिले हुए आधे-आधे आलू के चार टुकड़े लो, इन चारों को खोखला करो
जिससे कि आलू के कप बन जाएँ। इनमें से एक कप को उबले आलू में
बनाना है। आलू के प्रत्येक कप को जल वाले बर्तन में रखो। अब
(a) कप 'A' को खाली रखो,
(b) कप 'B' में एक चम्मच चीनी डालो,
(c) कप 'C में एक चम्मच नमक डालो तथा
(d) उबले आलू से बनाए गए कप 'D' में एक चम्मच चीनी डालो आलू
के इन चारों कपों को दो घंटे तक रखने के पश्चात् उनका अवलोकन करो
तथा निम्न प्रश्नों का उत्तर दो-
(i) 'B' तथा 'C' के खाली भाग में जल क्यों एकत्र हो गया? इसका वर्णन
करो।
(ii) 'A' आलू इस प्रयोग के लिए क्यों महत्त्वपूर्ण है?
(iii) 'A' तथा 'D' आलू के खाली भाग में जल एकत्र क्यों नहीं हुआ?
इसका वर्णन करो।
उत्तर : (i) आलू बहुत-सी कोशिकाओं से बना हुआ होता है। कोशिकाओं की
कोशिका झिल्ली अर्द्धपारगम्य होती है। आलू A व C के खाली भाग में क्रमश:
चीनी तथा नमक भरा है जबकि इनके बाहरी भाग पानी के सम्पर्क में है। अत: पानी
का सान्द्रण आलू के अन्दर की तुलना में बाहर के बर्तन में अधिक होता है। अतः
पानी की गति परासरण के कारण बाहर के बर्तन से आलू के अन्दर की तरफ होता
है। अत: आलू कप B व C में पानी भर जाता है।

(ii) इस प्रयोग में खाली कप A इसलिए आवश्यक है क्योंकि यह दर्शाता है
कि यदि दो विलयन लिए जाएँ जिनका सान्द्रण बराबर होता है तो पानी के अणुओं
में कोई गति नहीं होती।

(iii) आलू कप A व D में पानी इसलिए नहीं भरता क्योंकि आलू कप D
उबले हुए आलू से बना है। अत: उसकी कोशिकाएँ मृत हो जाती हैं तथा कोशिका
झिल्ली अर्द्धपारगम्यता खो देती है। अतः परासरण नहीं होता जिससे पानी बाहरी
बर्तन से आलू में प्रवेश नहीं करता। आलू कप A को खाली रखा गया है। अत:
अर्द्धपारगम्य कोशिका झिल्ली के दोनों तरफ का सान्द्रण बराबर होता है। अत: पानी
के अणु बाहर से अन्दर की तरफ गति नहीं करत। अत: आलू कप A व D में पानी
नहीं भरता है।

2. जंतु एवं पादप कोशिकाओं में अंतर बताइए।
उत्तर―जंतु एवं पादप कोशिकाओं में अंतर―
जंतु कोशिका                                    पादप कोशिका
(i) कोशिका का अनियमित आकार।     (i) मोटी एवं कड़ी कोशिका भित्ति के
                                                           कारण कोशिका का नियमित
                                                           आकार।
(ii) कोशिका भित्ति अनुपस्थित।           (ii) कोशिका भित्ति उपस्थित।
(iii) कोशिका रसयुक्त रिक्तिकाएँ          (iii) कोशिका रसयुक्त रिक्तिकाएँ
अनुपस्थित।                                            उपस्थित।
(iv) लवक अनुपस्थित                        (iv) लवक उपस्थिता
(v) तारककाय उपस्थित                      (v) तारककाय या सेंट्रो साम
                                                             अनुपस्थित
(vi) सामान्यतः पक्षमाक्षिका और         (vi) सामान्यतः पक्षमाक्षिका और
कशाभिका उपस्थित                                 कशाभिका अनुपस्थित

3. समसूत्री तथा अर्द्धसूत्री विभाजन में अंतर बताइए।
उत्तर―
समसूत्री विभाजन                             अर्द्धसूत्री विभाजन
(i) सभी कोशिकाओं में सम्पन्न।          (i) केवल जनन-कोशिकाओं में
                                                         सम्पन्न।
(ii) विभाजन के फलस्वरूप स्तम्भ     (ii) विभाजन के फलस्वरूप संतति
कोशिकाओं के गुणसूत्रों की                     कोशिकाओं में गुणसूत्रों की
संख्या में कोई परिवर्तन नहीं।                    संख्या जनन कोशिकाओं की
                                                             गुणसूत्रों की संख्या की आधी।
(iii) सम्पूर्ण प्रक्रम पाँच अवस्थाओं में    (iii) सम्पूर्ण प्रक्रम दो उप- विभाजनों
सम्पन्न।                                                   में सम्पन्न प्रत्येक विभाजन में 5
                                                              अवस्थाएँ।
(iv) प्रोफेज अवस्था संक्षित।               (iv) प्रोफेज अवस्था विलंबित एवं
                                                            पाँच चरणों में सम्पन्न।
(v) प्रोफेज में गुणसूत्र युग्मित नहीं         (v) प्रोफेज में गुणसूत्र युग्मित होते
होते।                                                      हैं।
(vi) जीव-विनिमय या क्रॉसिंग              (vi) जीन-विनिमय या क्रॉसिंग ओवर
ओवर अनुपस्थित होने के कारण                  होता है। फलस्वरूप गुणूसत्र
गुणसूत्र पदार्थों को आदान-प्रदान                 पदार्थों का आदान-प्रदान भी
भी अनुपस्थित                                         होता है।
(vii) समसूत्री प्रक्रम के पूर्ण होने के       (vii) अर्द्धसूत्री प्रक्रम पूर्ण होने के
पश्चात दो संतति कोशिकाओं                        पश्चात चार संतति कोशिकाओं
का निर्माण।                                               का निर्माण।

4. एक कोशिका की सूक्ष्मदर्शीय संरचना का वर्णन कीजिए।
उत्तर―एक कोशिका का अध्ययन सूक्ष्मदर्शी यंत्र से हम करते हैं। एक कोशिका
को तीन भागों में बाँटते हैं―
(1) कोशिका धरातल (Cell surface)―इसके अंतर्गत दो रचनाएँ आती
हैं―
(i) कोशिका भित्ति (Cell wally)―एक कोशिका चारों ओर से एक मोटे
और कड़े आवरण द्वारा घिरी होती है, इसी आवरण को कोशिका भित्ति कहते हैं। यह
रचना निर्जीव होती है। इसका कारण यह है कि कोशिका भित्ति एक निर्जीव पदार्थ
की बनी होती है, जिसे सेल्यूलोस (Cellulose) कहते है। इसी के कारण
कोशिकाभित्ति कड़ी और निर्जीव होती है। यह कोशिका को निश्चित रूप प्रदान करती
है तथा उसको सुरक्षा और सहारा भी प्रदान करती है।

(ii) कोशिका झिल्ली (Plasma membrane)―कोशिका भित्ति से सटी
हुई कोशिका के चारों ओर एक बहुत पतली, मुलायम और लचीली झिल्ली होती
है। इसको प्लाज्मा झिल्ली कहते हैं। यह झिल्ली जीवित होती है। इलेक्ट्रॉन सूक्ष्मदर्शी
में यह एक दोहरी झिल्ली में दिखाई पड़ती है जिसके बीचो-बीच में अनेक छिद्र
मौजूद होते हैं।

(2) कोशिका द्रव्य (Cytoplasm)―जीव द्रव्य दो भागों में विभक्त होते
है। जीव द्रव्य को जो भाग कोशिका भित्ति और केदक के बीच होता है,
उसे द्रव्य कहते है और केंद्रक के भीतर जो द्रव्य होता है, उसे केंद्रक
द्रव्य कहते है। कोशिका द्रव्य में अनेक अकार्बनिक पदार्थ, जैसे–खनिज,
लवण और पानी तथा कार्बनिक पदार्थ, जैसे―कार्बोहाइड्रेट, वसा,
प्रोटीन आदि होते हैं, जो निर्जीव पदार्थ होते हैं। कोशिका द्रव्य में
विभिन्न संरचनाएँ होती है, जो निम्नलिखित है―
(i) अंतर्घद्रव्यी जालिका (Endoplasmic recticulum)
(ii) राइबोसोम (Ribosomes)
(iii) रिक्तिकाएँ (Vacuoles)
(iv) माइटोकॉण्ड्यिा (Mitochondria)
(v) गॉल्जी उपकरण (Golgiapparatus)
(vi) लवक (Plastids)
(vii) लाइसोसोम (Lysosome)

(3) केंद्रक (Nucleus)―कोशिका द्रव्य के बीच एक बड़ी गोल गाढ़ी
(dense) संरचना पाई जाती है, इसी को केंद्रक कहते हैं। सभी जीवित कोशिकाओं
में केंद्रक मौजूद रहता है। केंद्रक एक पतली झिल्ली क्षरा चारों ओर से घिरा होता
है, इसे केंद्रक झिल्ली कहते है।
         केंद्रक के अन्दर गादा अर्धतरल द्रव्य भरा रहता है, जिसे केंद्रक द्रव्य कहते
हैं। केंद्रक द्रव्य में महीन धागों की जाल जैसी रचना पाई जाती है, जिसे
क्रोमैटिन-जाल (chromatinnetwork) कहते हैं। क्रोमैटिन-जाल के धागे (tread)
की तरह रचनाएँ गुणसूत्र (chromosomes) कहलाती है।

5. एक कोशिका के मुख्य कार्यात्मक क्षेत्र कौन-से हैं? एक चित्र की सहायता
से स्पष्ट करें।
उत्तर―एक कोशिका के तीन प्रमुख कार्यात्मक क्षेत्र होते हैं, जो निम्नलिखित
है―
(i) कोशिका झिल्ली―कोशिका झिल्ली लिपिड तथा प्रोटीन की बनी होती
है। यह कोशिका के अवयवों का यांत्रिक सुरक्षा प्रदान करती है। कोशिका झिल्ली
जीवद्रव्य तथा केन्द्रक को चारों ओर से घेरे रहती है।

(ii) केन्द्रक―कोशिका के केन्द्र या केन्द्र के समीप स्थित गोल या अंडाकार
रचना केन्द्रक कहलाती है। केन्द्रक के चारों ओर एक ही परत वाली झिल्ली होती
है, जिसे केन्द्रक झिल्ली कहते हैं। केन्द्रक झिल्ली द्रव तथा कोशिका द्रव को
अलग-अलग करती है।
          केन्द्रक झिल्ली द्वारा केन्द्रक द्रव तथा कोशिका द्रव के मध्य पदार्थों का
स्थानान्तरण होता है।
        केन्द्रक के प्रमुख अवयव इस प्रकार है―(a) क्रोमेटिन―केन्द्रक में केन्द्रक
झिल्ली के समीप क्रामोटिन पाया जाता है। यह तन्तुओं के एक ताने-बाने के रूप
में होता है। क्रोमोटिन में मुख्यतः डी.एन.ए. पाया जाता है।
(b) केन्द्रिका―इसमें आर-एन-ए- - या जाता है।
(c) कोशिका द्रव्य―केन्द्रक के अतिरिक्त कोशिका का शेष भाग कोशिका
द्रव्य कहलाता है। इसमें विभिन्न कोशिकांग पाए जाते हैं। ये कोशिकांग कोशिका के
विभिन्न कार्य करते हैं।



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