Jharkhand Board Class 9TH Science Notes | ऊतक
JAC Board Solution For Class 9TH Science Chapter 6
6. ऊतक
1. ऊतक क्या है?
उत्तर : यह कोशिकाओं का वह समूह है जो बनावट तथा कार्य में समान होता
है तथा एक ही तरह के कार्य करता है।
2. बहुकोशिक जीवों में ऊतकों का क्या उपयोग है।
उत्तर : भोजन का पाचन, श्वसन क्रिया, उर्ल्सजन क्रिया एवं जनन आदि।
3. प्रकाश संश्लेषण के लिए किस गैस की आवश्यकता होती है?
उत्तर : कार्बन डाइऑक्साइड (CO₂)
4. सरल ऊतकों के कितने प्रकार हैं?
उत्तर : (i) मृदूतक, (ii) स्थूलकोण एवं (iii) दृढ़ ऊतक।
5. प्ररोह का शीर्षस्थ विभज्योतक कहाँ पाया जाता है?
उत्तर : जड़ तना एवं शाखाओं के शीर्ष पर स्थित होता है।
6. नारियल का रेशा किस ऊतक का बना होता है?
उत्तर : स्थलकोण ऊतक का।
7. फ्लोएम के संघटक कौन-कौन से हैं?
उत्तर : फ्लोएम के चार अवयव है―(i) चालनी नलिकाएँ, (ii) साथी
कोशिकाएँ (iii) फ्लोएम मृदूतक तथा (iv) फ्लोएम तंतु।
8. उस ऊतक का नाम बताएँ जो हमारे शरीर में गति के लिए उत्तरदायी हैं।
उत्तर : पेशी ऊतक।
9. न्यूरॉन देखने में कैसा लगता है?
उत्तर : न्यूरॉन को तंत्रिका कोशिका कहते हैं। इसमें एक कोशिकाकाय तथा
एक या अधिक एक्सान होते हैं। यह तंत्रिका तंत्र का निर्माण करता है।
10. हृदय पेशी के तीन लक्षणों को बताए।
उत्तर : हृदय पेशी के तीन लक्षण ― (i) यह केवल हृदय में पायी जाती
है। (ii) ये अनैच्छिक प्रकार की होती है अर्थात् हमारी इच्छा के नियंत्रण में नहीं
होती। (iii) इनमें साकोलिमा तथा पट्टियाँ नहीं होती हैं।
11. एरीओलर ऊतक के क्या कार्य है?
उत्तर : एरीओलर ऊतक के कार्य― (i) यह अंगों के बीच में स्थान को भरता
है। (ii) यह आंतरिक अंगों को सहारा देता है। (iii) यह ऊतकों की मरम्मत में
सहायक है।
12. ऊतक को परिभाषित करें।
उत्तर : ऊतक कोशिकाओं का एक समूह होता है जो उद्भव संरचना में समान
होती हैं। इनके कार्य भी समान होते हैं। जैसे पेशीय ऊतक।
13. रंध्र के क्या कार्य हैं?
उत्तर : रंध्र के मुख्य कार्य― (i) वाष्पोत्सर्जन व (ii) गैसों का आदान-प्रदान
करना है। वाष्पोत्सर्जन के दौरान जल वाष्प भी स्त्रों द्वारा ही बाहर निकलती है।
प्रकाश संश्लेषण एवं श्वसन के दौरान वातावरण से वात विनिमय द्वारा रंधो
द्वारा ही होता है।
14. कार्डिक (हृदयक) पेशी का विशेष कार्य क्या है?
उत्तर : यह हृदय का मायोकार्डियम बनाता है। इसका मुख्य कार्य है पूरे जीवन
भर लयबद्ध संकुचन तथा विमोचन।
15. पैरेकाइमा, ऊतक किस क्षेत्र में स्थित होते हैं?
उत्तर : यह वल्कुट, मज्जा, पूर्ण मध्योतक आदि में पाया जाता है।
16. पौधों में एपिडर्मिस की क्या भूमिका है?
उत्तर : (i) यह पौधों के शरीर का बाहा आवरण बनाता है। (ii) यह पौधों के
शरीर के आंतरिक ऊतकों की सुरक्षा करता है। (iii) यह सुरक्षात्मक ऊतक है। इसमें
अंतरा कोशिकीय स्थान नहीं होते हैं।
17. छाल (कार्क) किस प्रकार सुरक्षा ऊतक के रूप में कार्य करता है?
उत्तर : यह मोटी भित्ति वाली मृत कोशिकाओं का बना होता है जिनमें सुबेरिन
नम जाती है। कार्क को फेलम भी कहते हैं। यह जलसह होती है। कार्क सुरक्षा प्रदान
करता है।
18. पादप ऊतकों के दो मुख्य समूहों (वर्गों) के नाम लिखो।
उत्तर : दो प्रकार के पादप ऊतक है―(i) विभज्योतक (ii) स्थायी ऊतक।
19. विभज्योतक की मुख्य विशेषता क्या है?
उत्तर : विभज्योतक की कोशिकाएं लगातार विभाजित होती रहती है और इस
प्रकार या ऊतक पौधे की लंबाई में वृद्धि में सहायता करता है।
20. क्या एककोशिक जीवों में श्रम विभाजन होता है?
उत्तर : नहीं, एककोशिक जीवों में श्रम विभाजन नहीं होता क्योंकि इन जीवों
में सभी जैव प्रक्रियाएँ एक कोशिका के द्वारा ही संपन्न होती है।
21. स्थायी ऊतक कितने प्रकार के होते हैं?
उत्तर : स्थायी ऊतक दो प्रकार के होते है―सरल ऊतक व जटिल ऊतक।
22. सरल ऊतक क्या है? पादपकाय में पाए जाने वाले सरल ऊतकों के नाम
लिखिए।
उत्तर : सरल ऊतक केवल एक प्रकार की कोशिकाओं का समूह है। पादपकाय
में पर जाने वाले सरल ऊतक है-पैरेंकाइमा (मृदूतक) कॉलेंकाइमा (स्थूलकोण
ऊतक) तथा स्क्लेरेंकाइमा (दृढ़ोतक)
23. हमारे शरीर में पाए जाने वाले पेशीय ऊतकों के नाम लिखिए।
उत्तर : (i) रेखित पेशी जिन्हें कंकाल पेशी या ऐच्छिक पेशी भी कहते हैं।
(ii) अरेखित पेशी इन्हें चिकनी पेशी या अनैच्छिक पेशी भी कहते हैं। (ii) हृदयक
पेशी।
24. संयोजी ऊतकों के मुख्य कार्य क्या हैं?
उत्तर : संयोजी ऊतकों के मुख्य कार्य शरीर के विभिन्न अंगों को एक-दूसरे
से जोड़ना, सहारा देना तथा साथ-साथ बाँधे रखना है।
25. विभिन्न प्रकार के संयोजी ऊतकों के नाम लिखिए।
उत्तर : अस्थि, उपस्थि, कंडरा, स्नायु तथा रुधिर।
26. उन ऊतकों के नाम लिखिए जो अपनी विभाजन की क्षमता खो चुके हैं।
उत्तर : स्थायी ऊतक।
27. अमाशय की भित्ति किस प्रकार के पेशी ऊतकों से बनी होती है?
उत्तर : चिकनी या अरेखित पेशी ऊतकों से। इन्हें अनैच्छिक पेशी ऊतक भी
कहते हैं।
28. एपिथीलियमी ऊतकों के कोई चार कार्य लिखो।
उत्तर : (i) सुरक्षा (ii) अवशोषण (iii) उत्सर्जन (iv) स्रावण।
29. एरिओलर ऊतक किस प्रकार का ऊतक है? इसका कार्य भी लिखो।
उत्तर : एरिओलर ऊतक संयोजी ऊतक है। यह शरीर गुहिका में स्थित अंगो
को आपस में जोड़ता है।
30. सख्त उपास्थि का नाम बताओ।
उत्तर : रेशेमय उपस्थि।
31. मृतक के दो कार्य लिखो।
उत्तर : (i) पौधों को सहरा देता है तथा (ii) यह खाद्य का संचय करता है।
32. ऊतक किसे कहते हैं? अथवा, ऊतक को परिभाषित कीजिए।
उत्तर : कोशिकाओं के ऐसे समूह को ऊतक कहते हैं जिनकी उत्पत्ति, रचना
व कार्य समान होते हैं।
33. लिगामेन्ट क्या है?
उत्तर : संयोजी ऊतक जो दो अस्थियों को जोड़ता है।
34. पौधों में पाए जाने वाले विभिन्न प्रकार के ऊतक कौन-कौन-से हैं?
उत्तर : पौधों में दो प्रकार के ऊतक पाए जाते हैं―(i) विभज्योतिकी ऊत्तक
(ii) स्थायी उत्तक।
35. कंडरा और स्नायु में एक अंतर लिखिए।
उत्तर : कंडरा अस्थि को अस्थि से जोड़ता है जबकि स्नायु अस्थि और पेशी
के साथ जुड़ा होता है।
लघु उत्तरीय प्रश्न
1. पौधों में वाष्पोत्सर्जन के कार्यों का उल्लेख करें।
उत्तर : वाष्पोत्सर्जन के कार्य (i) इसके कारण जड़ों, पानी व खनिज पत्तियों
तथा अन्य भागों तक पहुँचते हैं। (ii) फलों तथा फसलों को पकने में सहायता करता
है। (iii) आर्द्रता बनाए रखना जिससे पौधों के आस-पास ताप कम रहता है।
2. फ्लोएम के संघटक कौन-कौन से हैं?
उत्तर : (i) छलनी नलिका, (ii) साथी (सहचर) कोशिकाएँ,
(iii) फ्लोएम मृदूतक, (iv) स्कलेरेन्काइमा।
3. न्यूरॉन देखने में कैसा लगता है?
अथवा, न्यूरॉन का एक चिहित चित्र बनाएँ।
उत्तर : तांत्रिका तंत्र की कोशिकाओं को न्यूरॉन कहते है। न्यूरॉन तंत्रिका ऊतक
की इकाई है।
4. रेखित पेशी एवं अरेखित पेशी चित्र बनाकर अंतर स्पष्ट करें।
उत्तर : निम्नलिखित चित्र देखें―
5. हृदय पेशी के तीन लक्षणों को बताएँ।
केंद्रकीय होती हैं। (ii) ये पेशियाँ बिना थके एक ही लय में फैलती और सिकुड़ती
है। (iii) ये केवल हृदय भित्ति में पायी जाती है।
6. एरिओलर ऊतक के क्या कार्य हैं?
उत्तर : ये ऊतक त्वचा व पेशियों के बीच में तथा रूधिर वाहिकाओं के चारों
तरफ पाए जाते हैं। ये अंगों के बीच के स्थानों को भरते हैं, ये आन्तरिक अंगों की
सुरक्षा तथा ऊतकों की मरम्मत करने का कार्य करते हैं।
7. कितने प्रकार के तत्व मिलकर जाइलम ऊतक का निर्माण करते हैं? उनके
नाम बताएँ।
उत्तर : जाइलम (दारू) चार प्रकार की कोशिकाओं से मिलकर बना होता है।
वे है―(i) वाहिनिका, (ii) नलिका, (iii) दारू मृदूतक, (iv) दारू दृढ ऊतक।
8. पौधों में सरल ऊतक जटिल ऊतक से किस प्रकार भिन्न होते हैं?
उत्तर : साधारण ऊतक एक ही प्रकार की कोशिकाओं से बने होते है जो
समरूप कार्य करते है।
जटिल ऊतक एक से अधिक प्रकार की कोशिकाओं से मिलकर बने होते है
जो समरूप कार्य करते है।
9. कोशिका भित्ति के आधार पर पैरेन्काइमा, कॉलेन्काइमा और स्क्लेरेन्काइमा
के बीच भेद स्पष्ट करें।
उत्तर:
पैरेन्काइमा कॉलेन्काइमा स्क्लेरेन्काइमा
(मृदूतक) (स्थूल ऊतक) (दृढ़ ऊतक)
कोशिका भित्ति पतली व इनकी कोशिकाओं की इनकी कोशिकाओं की
सैल्यूलोज से बनी होती भित्ति कानों पर मोटी होती भित्ति लिग्निन जमा होने
है। है। जिसमें पैक्टिन जमा के कारण मोटी होती है।
होता है।
10. रंन के क्या कार्य हैं?
उत्तर : (i) गैसों का आदान-प्रदान करते हैं।
(ii) वाष्योसर्जन द्वारा वाष्प के रूप में अधिक जल का निष्कासन करते हैं।
11. कार्डिक (हृदयक) पेशी का विशेष कार्य क्या है?
उत्तर : हृदय पेशी बिना थके हुए एक लय में लगातार सिकुडने व फैलने का
कार्य करती है और रक्त को शरीर में पम्प करना भी है।
12. रेखित, अरेखित तथा कार्डिक (हृदयक) पेशियों में स्थित कार्य और स्थान
के आधार पर अंतर स्पष्ट करें।
उत्तर:
रेखित पेशी अरेखित पेशी कार्डिक पेशी
(i) कोशिकाएँ लम्बी, कोशिकाएँ लम्बी, कोशिकाएँ बेलनाकार
बेलनाकार तथा तिकोनी तथा अशाखित तथा शाखित होती है।
अशाखित होती हैं। होती है।
(ii) किनारे-किनारे अनेक केन्द्र में केवल एक ही केन्द्र में एक या दो
केन्द्रक होते हैं। केन्द्रक होता है। केन्द्रक होते हैं।
(iii) हाथ व टाँग तथा दूसरी अमाशय, आँत, युरेटर हृदय में उपस्थित होती
कंकालीय पेशी तथा ब्रोंकाई की है।
भित्तियाँ।
13. निम्नलिखित के नाम लिखें―
(a) ऊतक जो मुँह के भीतरी अस्तर का निर्माण करता है।
(b) ऊतक जो मनुष्य में पेशियों को अस्थि से जोड़ता है।
(c) ऊतक जो पौधों में भोजन का संवहन करता है।
(d) ऊतक जो हमारे शरीर में वसा का संचय करता है।
(e) तरल आधात्री सहित संयोजी ऊतक।
(f) मस्तिष्क में स्थित ऊतक
उत्तर : (a) चपटी एपिथीलियम (b) टैन्डन (c) फ्लोएम (वल्कल) (d) वसीय
ऊतक (e) रक्त (f) तंत्रिका ऊतक
14. निम्नलिखित में ऊतक के प्रकार की पहचान करें―
त्वचा, पौधे का वल्क, अस्थि, वृक्कीय नलिका अस्तर, संवहन बंडल।
उत्तर : (i) त्वचा―चपटी एपिथीलियम
(ii) पौधे का वल्क―कॉर्क (सुरक्षा ऊतक)
(iii) अस्थि―संयोजी ऊतक
(iv) वृक्कीय नलिका अस्तर―घनाकार एपिथिलियम
(v) संवहन बण्डल―संवहन ऊतक
15. छाल (कॉर्क) किस प्रकार सुरक्षा ऊतक के रूप में कार्य करता है?
उत्तर : कॉर्क एक सुरक्षा ऊतक की तरह कार्य करता है क्योंकि (i) इसकी
कोशिकाएँ मृत होती है तथा बिना स्थान छोड़े लगातार परत बनाती हैं। (ii) इसकी
भित्ति पर सबेरिन जमा होता है जो इसे गैसों के आदान-प्रदान में सहायता करने
योग्य बनाता है।
अत: कॉर्क ऊतकों की अत्यधिक पानी हानि बाह्य वायुमंडल के प्रभावों से
सुरक्षा प्रदान करती है।
16. अस्थि, उपास्थि, कंडरा तथा स्नायु के कार्य लिखिए।
उत्तर―अस्थि―अस्थि के मैट्रिक्स में कैल्शियम तथा मैग्नीशियम के
फॉस्फेट तथा कानिट होते हैं। अस्थियों उपास्थियों की अपेक्षा कठोर होती हैं जो
कंकाल का निर्माण करके उसे दृढ़ता प्रदान करती है।
उपास्थि― यह कोन्ड्रिन नामक प्रोटीन का बना होता है। ये शरीर के कोमल
अंगों, जैसे―नाक और कान की संरचना का कार्य करते है। यह लचीला तथा
मुलायम होता है। इसका मैट्रिक्स अर्द्धठोस होता है। शार्क मछली का पूरा कंकाल
उपास्थि का बना होता है।
17. निम्न दी गई तालिका को पूर्ण करें।
उत्तर―
18. अस्थि और उपास्थि में अंतर लिखिए।
उत्तर―अस्थि और उपास्थि के बीच अन्तर―
अस्थि उपास्थि
(i) अस्थि में उत्तक की प्रकृति स्थिर (i) उपास्थि में उत्तक की प्रकृति
और लचीली नहीं होती है। स्थिर लेकिन लचीली होती है।
(ii) अस्थि में कोशिका समतल होती (ii) उपास्थि में कोशिका बड़ी और
है। कोणीय होती है।
19. संयोजी उत्तक क्या होते हैं? उनके कार्य लिखिए।
उत्तर―वह उत्तक जो एक अंग को दूसरे अंग से या एक उत्तक को दूसरे
उत्तक से जोड़ता है, उसे संयोजी उत्तक कहते हैं। संयोजी उत्तक की कोशिकाएँ एक
गाढ़े तरल पदार्थ में डूबी होती है, उसे मैट्रिक्स कहते है। मैट्रिक्स उपास्थि की तरह
ठोस या फिर रक्त की तरह पतला भी हो सकता है।
20. एपीथीलियम उत्तक क्या होता है?
उत्तर―एपीथीलियम उत्तक जन्तु शरीर की बाह्य सतह का निर्माण करता है।
ऐपीथीलियम उत्तक पूरे शरीर के चारों ओर व भीतरी सतहों के रक्षक आवरण बनाता
है। इसकी कोशिकाएं एक-दूसरे से बिल्कुल सटी होती है और उनके अन्दर अन्तः
कोशिकीय पदार्थ की मात्रा कम या बिल्कुल नहीं होती। कोशिकाओं का भित्ति के
रूप में पाए जाने के कारण इसे बहुत अच्छा रक्षक उत्तक माना जाता है। हमारी
त्वचा, मुँह का बाह्य आवरण, फेफड़े इत्यादि सभी एपीथीलियम उत्तक के बने
होते हैं।
21. संरक्षीय या त्वचीय उत्तक क्या होते हैं?
उत्तर―संरक्षीय या त्वचीय उत्तक पौधे के सभी भागों की बाह्य परत में
उपस्थित होते हैं। जैसे―पत्तियाँ, फूल, तना और जड़। संरक्षीय उत्तक की परत
एक कोशिका मोटी तथा दैकी होती है।
संरक्षीय उत्तकों के कार्य―(i) पौधे के सभी भागों को रक्षा प्रदान करते हैं।
(ii) वाष्पीकरण के द्वारा पानी के अभाव को कम करते हैं। (i) गैसों-कार्बन
डाइऑक्साइड, ऑक्सीजन, पानी के वाष्प का आदान-प्रदान करते है।
22. संवहन उत्तक और संवहन वण्डल से क्या तात्पर्य है।
उत्तर―लैटिन में संवहन का अर्थ है-नली और वाहिका, जो द्रव्य का
परिवहन करती है। दारू और वल्कन को एक साथ संवहन उत्तक कहते है।
दारू और वल्कन एक साथ समूह में पाए जाते है, इसे संवहन बण्डल कहते है।
23. जंतुओं में जाए जाने वाले विभिन्न उत्तकों के नाम लिखिए।
उत्तर―जंतुओं में चार प्रकार के उत्तक पाए जाते हैं, जो निम्नलिखित है―(i)
एपीथीलियम या उपकलना उत्तक (ii) संयोजी उत्तक, (iii) पेशी उत्तक, (iv) तंत्रिका
उत्तक।
24. सरल स्थायी ऊत्तक के विभिन्न प्रकार बताइए और प्रत्येक का कार्य लिखिए।
उत्तर―सरल स्थायी ऊत्तक निम्नलिखित प्रकार के होते है―
(a) स्थूल उत्तक के कार्य ―स्थूल उत्तक के निम्न प्रमुख कार्य है―(i) पौधों
को यांत्रिक बल देना, (ii) स्थूल उत्तक, स्टॉर्च और मिठास बनाता है।
(b) मृदु उत्तक के कार्य -मृदु उत्तक के निम्नलिखित मुख्य कार्य है―(i)
पौधों को बल प्रदान करना। (ii) भोजन बनाना तथा संग्रह करना। (iii) पौधों के
अपशिष्ट उपज को संग्रहित करना। जैसे-टैनिन, गोंद, रेसिन इत्यादि। (c) दृढ़
उत्तक के कार्य―इसके प्रमुख कार्य निम्न है―(i) यह पौधे को यांत्रिक शक्ति
प्रदान करता है। (ii) यह लम्बी पत्तियों को स्थिरता प्रदान करता है।
25. मृदु उत्तक (पैरेकाइमा) तथा स्थूल उत्तक (कॉलेंकाइमा) में अंतर स्पष्ट
कीजिए।
उत्तर―मृदु उत्तक तथा स्थूल उत्तक के बीच अन्तर―
मृदु उत्तक स्थूल उत्तक
(a) यह पौधों में पर्याप्त मात्रा में (i) यह बाह्य त्वचा से नीचे उपस्थित
उपस्थित होता है। होता है।
(ii) इसमें अन्तर कोशिकीय स्थान भी (ii) इसमें अन्तर-कोशिकीय स्थान नहीं
है और नहीं भी। होता है।
26. दृढ़ उत्तक (स्कलेरेकाइमा) तथा स्थूल उत्तक (कॉलेंकाइमा) में अंतर स्पष्ट
कीजिए।
उत्तर―दृढ़ उत्तक तथा स्थूल उत्तक के बीच अन्तर―
दृढ़ उत्तक स्थूल उत्तक
(i) इसमें कोशिका का आकार लम्बा (i) इसमें कोशिका का आकार, पतली
संकीर्ण तथा दोनों सिरों से नुकीला दीवार कोनों से माटी, गोलाकार,
होता है। अंडाकार और बहुभुजी भी होते है।
(ii) इसमें कोशिका की प्रकृति प्रायः (ii) इसमें कोशिका की प्रकृति सजीव
मृत होती है। होती है।
27. रेखित तथा अरेखित पेशी में अंतर स्पष्ट कीजिए।
उत्तर―रेखित तथा अरेखित पेशी में अंतर―
अरेखित पेशी रेखित पेशी
(i) इनके कोशिकाओं में केवल एक (i) इनके कोशिकाओं में एक से
केन्द्रक होता है। अधिक केन्द्रक पाए जाते हैं।
(ii) इनकी कोशिकाएँ तर्क रूप होती (ii) इनकी कोशिकाएँ बेलनाकार होती
हैं। है।
(iii) इनमें पट्टियाँ नहीं होती है। (iii) इनमें गहरी एवं हल्की पट्टियाँ होती
हैं।
(iv) यह स्वतः फैलती एवं सिकुड़ती (iv) यह इच्छा से फैलती और
है। सिकुड़ती है।
दीर्घ उत्तरीय प्रश्न
1. संवहन उत्तक को किस प्रकार वर्गीकृत किए जा सकते हैं? वर्णन करें।
उत्तर―सर्वहन उत्तर दो प्रकार के होते है―(i) दारू (ii) वल्कल
दारू एक संचालित उत्तक है। दारू जड़, तना, पत्तियों, फल और फूल द्वारा
लगातार वाहिका बनाता है। दारू चार विभिन्न प्रकार (तत्त्व) से बना होता है। ये
है―(i) वाहिनिका, (ii) नलिका, (iii) दारू मृदु उत्तक, (iv) दारू दृढ उत्तक।
दारू जड़ तंत्र से पानी तथा खनिज को पौधे के विभिन्न भागों में ले जाता है।
दारू पौधे को यांत्रिक बल देता है। वल्कन एक सजीव संचलित उत्तक है। यह चार
तत्त्वों से मिलकर बनता है।
(i) छलनी नली―इनमें नलीय कोशिकाओं को छिद्रित दीवार होती है।
(ii) सहचर कोशिकाएँ ― मृदु कोशिकाओं का विभेदीकरण।
(iii) वल्कर मृदु उत्तक―मुख्यतः खाद्य सामग्री संग्रहित करना।
(iv) वल्कन तन्तु―पौधे को यांत्रिक बल प्रदान करता है। यह धागा, रस्सियाँ
और अपरिष्कृत कपड़ा बनाने के काम में आता है।
उपरोक्त संवहन उत्तक का नाम लैटिन शब्द के संवहन से लिया गया है जिसका
अर्थ है―नली और वाहिका, जो द्रव्य का परिवहन करती है। सामान्य रूप से दारू
और वल्कन को एक साथ संवहन उत्तक कहते है।
2. रेखित, अरेखित एवं कार्डिक (हदयक) पेशियों में शरीर में स्थित कार्य और
स्थान के आधार पर अंतर स्पष्ट करें।
उत्तर : रेखित, अरेखित एवं कार्डिक (हृदयक) पेशियों में अंतर-
रेखित पेशी अरेखित पेशी हृदयक पेशी
(i) दीर्घ, बेलनाकार तथा छोटी तुर्काकार तथा छोटी बेलनाकार एवं
अशाखित। नुकीली सिरे। चपटे सिरे।
(ii) बहुकेन्द्रकीय, परिधीय एक केन्द्रकयी तथा एक केन्द्रकीय तथा
केन्द्रक केन्द्रक बीच में केन्द्रक बीच में।
स्थापित।
(iii) गहरे तथा हल्के रंग की पट्टिकाएँ नहीं होती है। पट्टिकाएँ उपस्थित।
पट्टिकाएँ।
(iv) ऐच्छिक संकुचन तेजी संकुचन धीरे-धीरे होता ये तेजी से संकुचित
से थोड़े समय के लिए। है, परंतु लंबे काल तक होती है तथा स्वतः ही
जल्दी ही थकान महसूस एवं पेशी को धकान का निरंतर एक ही लय में
करती है। नहीं होता। बिना धके फैलती
अनुभव तथा सिकुड़ती
रहती है।
(v) ये कंकाल से जुड़ी हुई ये शरीर में अंगों की ये हृदय का
होती है जैसे सिर, हाथ, दीवारों में पायी जाती है। मायोकार्डियम बनाती
पैर, जीभ तथा फैरेग्स। है।
3. कोशिकाभित्ति के आधार पर पैरेन्काइम कोलेन्काइमा और स्केलेरेन्काइमा
के बीच भेद स्पष्ट करें।
उत्तर : मृदुतक, स्थूलकोण ऊतक एवं दृढ़ ऊतकों में अंतर―
मृदुतक स्थूलकोण ऊतक दृढ़ ऊतक
(i) यह गोल, महीने यह बुभुजी कोशिकाओं यह मोटिी भित्ति वाली
कोशिका भित्ति वाली का बना होता है। उनके कोशिकाओं का बना
कोशिकाओं का बना बीच अंतराकोशिकीय होता है जो आकार में
होता है जिनमें केन्द्र स्थान नहीं होते है। ये लंबी अथवा अनियमित
विद्यमान होता है तथा सजीव होती हैं। होती हैं। ये कोशिकाएँ
उनके बीच मृत होती है।
अंतराकोशकीय स्थान
पाए जाते हैं। ये सजीव
होते हैं।
(ii) कोशिकाभित्ति पेक्टिन कोशिकाभित्ति पेक्टिन इनकी कोशिकाभित्ति
तथा सेल्यूलोज की बनी एवं सेल्यूलोज की बनी विग्निन की बनी होती
होती है। होती है। है।
4. पौधे में पाए जाने वाले विभिन्न प्रकार के ऊतकों की संरचना का वर्णन
करें।
उत्तर : पौधे में निम्नलिखित तीन प्रकार के ऊतक पाये जाते हैं―
(i) मृदु ऊत्तक ―मृदु ऊतक पौधे में व्यापक
रूप से वितरित होते हैं। इसकी कोशिकाएँ सजीव, पतली दीवार की
तथा अंडाकार, बहुभुजी या दीर्घ होती हैं। इनमें जगह हो भी सकती है
और नहीं भी। मृदु ऊतक की प्रत्येक कोशिक में बहुत सारे केन्द्रीय
रिक्तीकरण होते हैं। ऊतक में पर्णहरित होता है जिसे मृदु ऊतक कहते हैं।
इसका मुख्य कार्य भोजन बनाना तथा संग्रह करना है।
(ii) स्थूल ऊतक ―यह एक सजीव ऊतक है जो पौधे के कठोर भाग
में पाया जाता है। इसकी कोशिकाएँ पतली दीवार की परन्तु कोनों पर
मोटी होती हैं जहाँ पर कई संख्या में कोशिकाएँ जुड़ती है। यहाँ सेलुलोज
और पेक्टिन के जमाव के कारण कोने मोटे होते हैं।
(iii) दृढ़ ऊतक ―दृढ़ ऊतक मृत कोशिकाओं से मिलकर बनता है
जिसमें जीवद्रव्य नहीं होता है। दृढ़ ऊतक की लंबाई 1 मिमी से होकर
550 मिमी तक निर्भर करती है। यह पौधे को यांत्रिक शक्ति प्रदान करता है।
इन कोशिकाओं की आकृति गोलाकार, अंडाकार, बेलनाकार या डम्बल की
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