Jharkhand Board Class 9TH Science Notes | क्या हमारे आस-पास के पदार्थ शुद्ध हैं
JAC Board Solution For Class 9TH Science Chapter 2
1. शुद्ध पदार्थ से आप क्या समझते हैं?
उत्तर : शुद्ध पदार्थ वह है जिसमें उपस्थित सभी कण समान रासायनिक प्रकृति
के होते हैं। एक शुद्ध पदार्थ एक ही प्रकार के कणों का बना होता है।
2. वायु में उपस्थित गैसों को उनके बढ़ते हुए क्वथनांक के अनुसार व्यवस्थित
करें।
उत्तर : ऑक्सीजन, ऑर्गन, नाइट्रोजन।
3. जब वायु को ठंदा किया जाता है तो कौन सा घटक पहले द्रव में परिवर्तित
होता है?
उत्तर : जिसका क्वथनांक सबसे कम होता है।
4. आप किस प्रकार पुष्टि करेंगे कि दिया हुआ रंगहीन द्रव शुद्ध जल है?
उत्तर : दिये हुए रंगहीन द्रव का हिमांक तथा क्वधाक ज्ञात करेंगे। यदि
हिमांक 0°C तथा क्वथनांक 100°C होता है तो रंगहीन द्रव शुद्ध जल है अथवा
शुद्ध जल नहीं है।
5. निम्नलिखित में से कौन सी वस्तुएँ शुद्ध पदार्थ है?
(a) बर्फ (b) दूध (c) लोहा (d) हाइड्रोक्लोरिक अम्ल (e) कैल्सियम
आक्साइड (f) पारा (g) ईंट (h) लकड़ी (i) वायु
उत्तर : (a) बर्फ, (c) लोहा, (d) हाइड्रोक्लोरिक अम्ल, (e) कैल्सियम
आवसाइड (f) पारा।
6. निम्नलिखित मिश्रणों में से विलयन की पहचान करें― (a) मिट्टी (b) समुद्री
जल (c) वायु (d) कोयला (e) सोडा जला
उत्तर : (b) समुद्री जल (c) वायु (e) सोडा जल।
7. निम्नलिखित में से कौन टिण्डल प्रभाव को प्रदर्शित करेगा―(a) नमक का
घोल (b) दूध, (c) कॉपर सल्फेट का विलयन (d) स्टार्च विलयन।
उत्तर : (a) दूध (d) स्टार्च विलयन।
8. निम्नलिखित को तत्व, यौगिक तथा मिश्रण में वर्गीकृत करें-(a) सोडियम
(b) मिट्ठी (c) चीनी का घोल (d) चाँदी (e) कैल्सियम कानिट (f) टिन (g)
सिलिकॉन (h) कोयला (i) वायु (j) साबुन (k) मीथेन (l) कार्बन
डाइऑक्साइड (m) रक्त।
उत्तर : तत्व– सोडियम, चाँदी, टिन, सिलिकॉन।
मिश्रण– मिट्टी, चीनी का घोल, कोयला, वायु, साबुन, रक्त।
यौगिक– कैल्शियम कार्बनिट, मीथेन, कार्बन-डाइऑक्साइड।
9. निम्नलिखित में से कौन-कौन से परिवर्तन रासायनिक हैं?
(a) पौधों की वृद्धि (b) लोहे में जंग लगना (c) लोहे के चूर्ण तथा बालू को
मिलाना (d) खाना पकाना (e) भोजन का पाचन (f) जल से वर्फ बनना (g)
मोमबत्ती का जलना।
उत्तर : (a) पौधों की वृद्धि (b) लोहे में जंग लगना (d) खाना पकाना (e)
भोजन का पाचन (g) मोमबत्ती का जलना।
10. दूध से दही बनना भौतिक परिवर्तन है या रासायनिक परिवर्तन?
उत्तर : रासायनिक परिवर्तन।
11. क्या होगा यदि एक संतृप्त विलयन को गर्म किया जाए?
उत्तर : संतृप्त विलयन गर्म करने पर असंतृप्त विलयन बन जाएगा।
12. पृथक करने की सामान्य विधियों के नाम दें-(a) दही से मक्खन (b) समुद्री
जल से नमक (c) नमक से कपूर।
उत्तर : (a) अपकेन्द्रित करके (b) वाष्पीकरण (c) ऊर्ध्वपातन।
13. क्रिस्टलीकरण विधि से किस प्रकार के मिश्रणों को पृथक किया जा
सकता है?
उत्तर : क्रिस्टलीकरण द्वारा ऐसे क्रिस्टलों को पृथक किया जाता है जिनके
अवयवों की विलेयता भिन्न होती है।
14. अपने आसपास की चीजों को शुद्ध पदार्थों या मिश्रण में अलग करने का
प्रयत्न करें।
उत्तर : शुद्ध पदार्थ–ऑक्सीजन, कॉपर ऐलुमिनियम आदि।
मिश्रण–वायु, शर्बत, पीतल आदि।
15. निम्नलिखित में से प्रत्येक को समांगी तथा विषमांगी मित्रणों में वर्गीकृत
करें–सोडा-जल, लकड़ी, बर्फ, वायु, मिट्टी, सिरका, छनी हुई चाय।
उत्तर : समागी मित्रण – सोडा-जल, वायु, सिरका, छनी हुई चाय।
विषमांगी मिश्रण– लकड़ी, मिट्टी, बर्फ।
16. उन कारकों के नाम लिखो जिन पर किसी पदार्थ की विलेयता निर्भर करती
उत्तर : (i) ताप (ii) विलेय तथा विलायक की प्रकृति।
17. रक्त, ऐलुमिनियम और कार्बन डाइऑक्साइड को तत्व, यौगिक और मिश्रण
में वर्गीकृत कीजिए।
उत्तर : तत्व-ऐलुमिनियम, यौगिक-कार्बन डाइऑक्साइड तथा मिश्रण-रक्त।
18. ऐसे विलेय का नाम दीजिए जिसकी विलेयता ताप के साथ घटती है।
उत्तर : CO₂ की विलेयता ताप बढ़ने पर घटती है।
19. कोलाइडल विलयन का एक उदाहरण दीजिए।
उत्तर : दूध।
20. पदार्थ से आप क्या समझते हैं?
उत्तर : पदार्थ एक प्रकार का द्रव्य है जिसे भौतिक विधियों द्वारा किसी दूसरे
प्रकार के पदार्थों में परिवर्तित नहीं किया जा सकता है अर्थात पदार्थ द्रव्य का शुद्ध
रूप है। पदार्थ का संघठन सूक्ष्मतम (अणु या परमाणु) स्तर पर एक समान होता
है। इस प्रकार 'एक तत्व' या ‘एक यौगिक' जिन्हें हम शुद्ध पदार्थ भी कहते हैं।
पदार्थ हैं।
21. निम्नलिखित को तत्व, यौगिक और मिश्रण में वर्गीकृत कीजिए-कोयला,
मेथैन, कार्बन डाइऑक्साइड, चीनी का विलयन, ग्रेनाइट, ऐलुमिनियम,
ग्रेफाइट, हाइड्रोजन परऑक्साइड, रक्त, मिट्टी और चीनी।
उत्तर : तत्व― ऐलुमिनियम, ग्रेफाइट।
यौगिक― मेथैन, कार्बन डाइऑक्साइड, हाइड्रोजन, परऑक्साइड,
शर्करा।
मिश्रण– कोयला, चीनी का विलयन, ग्रेनाइट, रक्त, मिट्टी
22. संतृप्त एवं असंतृप्त विलयन क्या होते हैं?
उत्तर : किसी निश्चित ताप पर किसी घुलनशील पदार्थ का ऐसा विलयन
जिसमें उस दिए हुए ताप पर और अधिक विलेय घुलाने की शक्ति न हो, संतृप्त
विलयन कहलाता है।
किसी निश्चित ताप पर वह विलयन जिसमें और अधिक विलेय घोला जा सके
असंतृप्त विलयन कहलाता है।
23. जलीय विलयन के तीन उदाहरण दीजिए।
उत्तर : (i) जल में चीनी का विलयन, (ii) जल में दूध का विलयन और
(iii) जल में सिरके का विलयन।
24. निम्नलिखित का विलयन, कोलाइड तथा निलंबन में वर्गीकरण कीजिए।
चूने का पानी, लिखने की स्याही, मटमैला पानी।
उत्तर : विलयन-चूने का पानी; कोलाइड–लिखने की स्याही;
निलंबन–मटमैला पानी।
25. टिनडल प्रभाव से आप क्या समझते हैं?
उत्तर : कोलाइडी कणों द्वारा प्रकाश का प्रकीर्णन ही टिनडल प्रभाव
कहलाता है।
26. निम्नलिखित में से कौन-सा टिनडल प्रभाव दर्शाता है?
दूध, नमक का विलयन।
उत्तर : दूध, क्योंकि यह कोलाइडी विलयन है।
27. एक धातु और एक अधातु तत्त्व के नाम बताएँ।
उत्तर : धातु-सोना एवं अधातु-गंधक।
28. एक ऐसी धातु का नाम बताएँ जो द्रव के रूप में पाई जाती है।
उत्तर : पारा (मरकरी) धातु जो द्रव रूप में पाई जाती है।
29. विलयन में कणों का आकार क्या होता है?
उत्तर : 10⁻⁹m से कम।
लघु उत्तरीय प्रश्न
1. समांगी और विषमांगी मिश्रणों में अन्तर बताएँ।
उत्तर : समांगी प्रकृति― द्रव्य की वह स्थिति जिसमें सभी जगह गुण समरूप
हों, समांगी प्रकृति कहलाती है। जैसे, चीनी का घोल सर्वत्र समान रूप से मीठा
होता है। अत: चीनी का घोल समांगी है।
विषमांगी प्रकृति― द्रव्य की स्थिति जिसमें एक अंश के गुण दूसरे से भिन्न
हों, विषमांगी प्रकृति कहलाती है। जैसे मिट्टी युक्त पानी आदि।
2. उदाहरण के साथ समांगी एवं विषमांगी मिश्रणों में विभेद कीजिए।
उत्तर : समांगी प्रकृति― द्रव्य की वह स्थिति जिसमें सभी जगह गुण समरूप
हो, समांगी प्रकृति कहलाती है। जैसे, चीनी का घोल सर्वत्र समान रूप से मीठा
होता है। अत: चीनी का घोल समांगी है।
विषमांगी प्रकृति― द्रव्य की स्थिति जिसमें एक अंश के गुण दूसरे से भिन्न
हो, विषमांगी प्रकृति कहलाती है। जैसे मिट्टी युक्त पानी आदि।
3. विलयन, निलंबन और कोलॉइड एक-दूसरे से किस प्रकार भिन्न हैं?
उत्तर:
वास्तविक विलयन कोलॉइड। निलंबन
(i) यह दो या अधिक यह सजातीय दिखने यह किसी ठोस का
पदार्थों का सजातीय वाला, लेकिन विषम- विषमजातीय मिश्रण है।
मिश्रण होता है। जातीय मिश्रण होता है। जो द्रव या गैस में
विक्षेपित रहना है।
(ii) विलेय के अणु दिखाई विलेय के अणु सूक्ष्मदर्शी ठोस अवस्था के अणु
नहीं दे सकते है। से दिखाई दे सकते हैं। नंगी आँखों से दिखाई दे
सकते है।
(iii) अणु का आकार 10⁻⁹ अणु का आकार 10⁻⁶ से अणु का आकार 10⁻⁶
मी. से कम होता है। 10⁻⁹ मी. के बीच होता मी. से अधिक होता है।
है।
(iv) छानकर संघटकों को संघटकों को केवल संघटकों को साधारणतया
पृथक नहीं किया जा अपकेंद्रीकरण द्वारा ही छानकर पृथक किया जा
सकता है। पृथक किया जा सकता सकता है।
है।
(v) उदाहरण: चीनी का दुग्ध।। गंदला पानी।
जलीय विलयन
4. पेट्रोल और मिट्टी का तेल (Kerosene oil) जो कि आपस में घुलनशील
हैं, के मिश्रण को आप कैसे पृथक् करेंगे। पेट्रोल तथा मिट्टी का तेल के
क्वथनांकों में 25°C से अधिक का अन्तराल है।
उत्तर : पेट्रोल व मिट्टी के तेल का पृथक्करण प्रभाजी आसवन विधि द्वारा
किया जाता है। दोनों के मिश्रण को प्रभाजी आसवन स्तम्भ में ले जाते है फिर ताप
को घटाकर उसे ठंढा कर संपीडित किया जाता है जहाँ वाष्प अपने-अपने क्वथनांक
के अनुसार पृथक् हो जाती है।
5. निम्न को रासायनिक और भौतिक परिवर्तनों में वर्गीकृत करें―
(i) पेड़ों को काटना, (ii) मक्खन का एक बर्तन में पिघलना, (iii) अलमारी
में जंग लगना, (iv) जल उवलकर वाष्प बनना, (v) विद्युत तरंग का
जल में प्रभावित होना तथा उसका हाइड्रोजन और ऑक्सीजन गैसों में
विघटित होना, (vi) जल में साधारण नमक का घुलना, (vii) फलों से सलाद
बनाना तथा (viii) लकड़ी और कागज का जलना।
उत्तर : (i) पेड़ों को काटना— भौतिक परिवर्तन
(ii) मक्खन का एक बर्तन में पिघलना— भौतिक परिवर्तन
(iii) आलमारी में जंग लगना— रासायनिक परिवर्तन
(iv) जल का उबलकर वाष्प बनना— भौतिक परिवर्तन
(v) विद्युत तरंग का जल में प्रवाहित होना तथा उसका हाइड्रोजन और
ऑक्सीजन गैसों में विघटित होना— रासायनिक परिवर्तन
(vi) जल में साधारण नमक का घुलना— भौतिक परिवर्तन
(vii) फलों से सलाद बनाना— भौतिक परिवर्तन
(viii) लकड़ी और कागज का जलना— रासायनिक परिवर्तन।
6. निम्नलिखित को पृथक् करने के लिए आप किन विधियों को अपनाएँगे?
(a) सोडियम क्लोराइड को जल के विलयन से पृथक् करने में।
(b) अमोनियम क्लोराइड को सोडियम क्लोराइड तथा अमोनियम क्लोराइड
के मिश्रण से पृथक करने में।
(c) धातु के छोटे टुकड़े को कार के इंजन ऑयल से पृथक करने में
(d) दही से मक्खन निकालने के लिए
(e) जल में तेल निकालने के लिए।
(f) चाय से चाय की पत्तियों को पृथक करने में।
(g) बालू से लोहे की पिनों को पृथक करने में।
(h) भूसे से गेहूँ के दानों को पृथक करने में।
(i) पानी में तैरते हुए महीन मिट्टी के कण को पानी से अलग करने के लिए।
(j) पुष्प की पंखुड़ियों के निचोड से विभिन्न रंजकों को पृथक करने में।
उत्तर : (a) वाष्पीकरण, (b) उर्ध्वपातन, (c) छानने की क्रिया, (d) अप-
केन्द्रीकरण, (e) कीप-पृथक्करण, (f) छानने की क्रिया, (g) चुम्बकीय पृथक्करण
(h) ओसाई, (i) निधारने की क्रिया, (j) क्रोमेटोग्राफी।
7. चाय तैयार करने के लिए किन-किन चरणों का प्रयोग करेंगे। विलयन,
विलायक, विलेय, पुलना, पुलनशील, अधुलनशील, धुलेय (फिल्ट्रेट) तथा
अवशेष शब्दों का प्रयोग करें।
उत्तर : क्रम 1: एक पतीली में थोड़ी पानी (विलायक) गर्म करें।
क्रम 2: एक केतली में थोड़ी चाय-पत्तियों (विलेय) डालें।
क्रम 3 : उबलते पानी को केतली में डाल दें और पत्तियों को कुछ देर फलने
दें। यह एक विलयन में बदल जाएगा।
क्रम 4: एक कप में चीनी (विलेय) डाले।
क्रम 5: विलयन का केतली में हिलाएँ।
क्रम 6: छलनी से छानकर विलयन को कप में डालें। दो छोटे चम्मच दूध
डालें। चम्मच से मिलाएँ। अब चाय तैयार हैं। चाय की पत्तियाँ (अवशेष) छलनी
में रह जाएँगी जबकि चाय (छना हुआ भाग) विलयन में भुल जाएगी। चीनी और
दूध घुलनशील विलेय है जबकि चाय की पत्तियाँ अघुलनशील विलेय है।
8. निम्नलिखित में से प्रत्येक को समांगी और विषमांगी मिश्रणों में वर्गीकृत
करें― सोडा पानी, लकड़ी, वर्फ, वायु, मिट्ठी, सिरका, छनी हुई चाय।
उत्तर : सोडा पानी― समांगी
लकड़ी― विषमांगी
बर्फ― समांगी
वायु― विषमांगी
मिट्टी― विषमांगी
सिरका― समांगी
छनी हुई चाय― समांगी
9. आप किस प्रकार पुष्टि करेंगे कि दिया हुआ रंगहीन द्रव शुद्ध जल है?
उत्तर : यह सुनिश्चित करने के लिए कि हमें दिया गया रंगहीन द्रव―शुद्ध
जल है, हम उसके क्वधनांक की जाँच करेंगे। शुद्ध जल 373°K और सामान्य
वायुमंडलीय दाब (latm) पर उबलता है, लेकिन लवण मिला जल 373°K से उच्च
ताप भर उबलता है।
10. विलयन क्या है? विलयन की दो प्रमुख विशेषताओं का उल्लेख करें।
उत्तर―विलयन दो या दो से अधिक पदार्थों का एक समांग मिश्रण है जिसमें
किसी निश्चित ताप पर विलेय और विलयक की आपेक्षिक मात्राएँ एक निश्चित
सीमा तक निरंतर परिवर्तित हो सकती है।
विलयन की दो प्रमुख विशेषताएँ―(i) किसी विलयन में विलेय के कणों
की त्रिज्या 10⁻⁷ सेमी से कम होती है जिस कारण इन कणों को अति सूक्ष्मदर्शी द्वारा
भी नहीं देखा जा सकता है। (ii) वियलन में विलेय के कण विलयक में इस प्रकार
घुल-मिल जाते है कि हम एक का दूसरे में विभेद नहीं कर सकते।
11. विलेयता (solubility) की परिभाषा दें, किसी ठोस पदार्थ की जल में
विलेयता पर ताप का क्या प्रभाव पड़ता है?
उत्तर―विलेयता―एक निश्चित ताप पर 100 ग्राम विलायक (solvent)
को संतृप्त करने के लिए किसी पदार्थ की जितनी मात्रा (ग्राम में) की आवश्यकता
होती है, उसे उस ताप पर उस पदार्थ की विलेयता कहते हैं।
अर्थात् विलेयता = 100 × विलेय की मात्रा/विलायक की मात्रा
20°C ताप पर जल में नमक की विलेयता 30 है। इसका अर्थ यह हुआ कि
इस ताप पर 100 ग्राम जल में 30 ग्राम जल घुलने पर संतृप्त विलयन बनेगा।
विलेयता पर ताप का प्रभाव ― साधारणतः ठोस पदार्थ की जल में विलेयता
ताप बढ़ने से बढ़ती है। यथा―पोटैशियम नाइट्रेट, अमोनियम ब्रोमाइड आदि। कुछ
ऐसे भी ठोस पदार्थ हैं जिनकी विलेयता ताप बढ़ने से घटती है। यथा―सोडियम
सल्फेट, कैल्शियम हाइड्रॉक्साइड आदि।
12. निलंबन (suspension) क्या है? इसका उदाहरण दें।
उत्तर―निलंबन वस्तुतः दो या अधिक पदार्थों का विषमांग मिश्रण
(heterogeneous mixture) है। जब बड़े आकार वाले (10⁻⁵ सेमी या अधिक)
परिक्षेपित पदार्थ (dispersed particle) किसी परिक्षेपण माध्यम (dispersion
medium) में अवलंबित रहते है तब इसे निलंबन (suspension) कहते हैं।
उदाहरण के लिए, जल में वायु के महीन कण, गंदी मिट्टी के कण आदि तथा हवा
में धुआँ इत्यादि निलंबन के उदाहरण है।
निलंबन अस्थायी होता है और कुछ समय बाद निलंबित कण नीचे बैठ जाते
हैं। इन कणों को अपनी आँखों द्वारा अथवा एक साधारण माइक्रोस्कोप की सहायता
से देखा जा सकता है। इसके कण छन्नापत्र (filterpaper) के आर-पार नहीं आ-जा
सकते हैं।
13. कोलॉइड (colloid) क्या है? इसका उदाहरण दें।
उत्तर― कोलॉइड दो पदाथों का विषमांग मिश्रण है। इसमें परिक्षेपित कणों का
आकार 10⁻⁷ सेमी. तथा 10⁻⁵ सेमी के बीच होता है तथा परिक्षेपण (dispersion)
काफी समय तक स्थायी रहता है। यह परिक्षेपण कोलॉइड कहलाता है। कोलॉइड
स्थायी होता है। स्थिर छोड़ देने पर कोलॉइड के कणों में परिक्षेपण माध्यम से अलग
हो जाने की बहुत कम प्रवृत्ति पाई जाती है। इसके कण छन्नापत्र के आर-पार आ-जा
सकते हैं। कोलॉइड के कण इस प्रकार सिर्फ आँखों से नहीं देखे जा सकते,परन्तु
अति सूक्ष्मदर्शी (ultramicroscope) से इन्हें देखा जा सकता है। दूध, गोंद, खून,
स्याही आदि कोलॉइड के उदाहरण है।
14. वास्तविक विलयन क्या है? इसका उदाहरण दें।
उत्तर― वास्तविक विलयन दो या दो से अधिक पदार्थों का समांग मिश्रण
(homogenous mixture) है। इसमें घुले हुए कणों का आण्विक आकार 10⁻⁸
सेमी. होता है। इसके कण परिक्षेपण माध्यम के साथ इस प्रकार घुल-मिल जाते हैं
कि दोनों में विभेद करना कठिन हो जाता है। वास्तविक विलयन सबसे अधिक स्थायी
और पारदर्शक होता है। इसके परिक्षेपित कण छन्ना-पत्र के आर-पार आसानी से
आ-जा सकते हैं। वास्तविक विलयन के परिक्षेपित कण अति सूक्ष्मदर्शी
(ultramicroscope) द्वारा भी नहीं देखे जा सकते हैं। उदाहरण, जल में चीनी
अथवा नमक का विलयन।
15. कोलॉइड एवं वास्तविक विलयन में क्या अन्तर है?
उत्तर : परिक्षेपण में जब परिक्षेपित कणों का आकार लगभग 10⁻⁷ से 10⁻⁵
सेमी के बीच रहता है तो उसे कोलॉइड कहते हैं। कोलॉइड के कण बरतन के पेंदी
में नहीं बैठते हैं, अर्थात् कोलॉइड स्थायी है। कोलॉइड दो पदार्थों का विषमांग मिश्रण
है। इसके कण छन्ना-पत्र के आरपार आ-जा सकते हैं, इसके कणों को अति सूक्ष्मदर्शी
(ultramicroscope) द्वारा देखा जा सकता है; यथा―दूध, खून आदि।
वास्तविक विलयन में परिक्षेपित कणों के आकार आण्विक आकार वाले
(10⁻⁸ सेमी) होते हैं। वास्तविक विलयन सबसे अधिक स्थायी होता है। वास्तविक
विलयन दो या दो से अधिक पदार्थों का समांग मिश्रण है। इसके कण भी छन्ना-पत्र
के आरपार आ-जा सकते हैं, इसके कणों को अति सूक्ष्मदर्शी द्वारा भी नहीं देखा जा
सकता है।
दीर्घ उतरीय प्रश्न
1. प्रज्ञा ने तीन अलग-अलग पदार्थों की घुलनशीलताओं को विभिन्न तापमान
पर जाँचा तथा नीचे दिए गए आँकड़ों को प्राप्त किया। प्राप्त हुए परिणामों
को 100 g जल में विलेय पदार्थ की मात्रा, जो तृप्त विलयन बनाने हेतु
(a) 50g जल में 313K पर पोटैशियम नाइट्रेट के संतृप्त विलयन प्राप्त करने
हेतु कितने ग्राम पोटैशियम नाइट्रेट की आवश्यकता होगी?
(b) प्रज्ञा 353 K पर पोटैशियम क्लोराइड का एक संतृप्त बिलयन तैयार
करती है और विलयन को कमरे के तापमान पर ठंडा होने के लिए छोड़
देती है। जव विलयन ठंढा होगा तो वह क्या अवलोकित करेगी? स्पष्ट
करें।
(c) 293K पर प्रत्येक लवण की घुलनशीलता का परिकलन करें इस तापमान
पर कौन-सा लवण सबसे अधिक घुलनशील होगा?
(d) तापमान में परिवर्तन से लवण की घुलन-शीलता पर क्या प्रभाव पड़ता
है?
उत्तर : 100g विलायक में विलेय की घुलने वाली अधिकतम मात्रा को उस
विलयन में विलेय की पुलनशीलता कहते है (एक निश्चित ताप और दाब पर)।
(a) 313°K पर, 100 g जल अधिकतम 62g पोटैशियम नाइट्रेट को घोल
सकता है।
∴ 313°K पर, 50g जल अधिकतम 31g पोटैशियम नाइट्रेट को घोलेगा।
(b) कक्षीय तापमान को 20 से. (लगभग) लिया जाता है। 20 से. = (20+
27-3)K = 293K
353°K पर 100 g जल अधिकतम 54g पोटैशियम क्लोराइड घोल सकता
है जबकि 293°K पर, 100 g जल अधिकतम 35 ग्रा. पोटैशियम क्लोराइड को
घोल सकता है। तापमान घटने के साथ-साथ ठोसों की द्रव मे घुलनशीलता भी घट
जाती है। अत: पोटैशियम क्लोराइड का पाउडर नीचे बैठना आरंभ कर देता है।
(c) 20° से = (20+ 272)K = 293°K
पोटैशियम नाइट्रेट की घुलनशीलता = 32g
सोडियम क्लोराइड की घुलनशीलता = 36g
पोटैशियम क्लोराइड की धुलनशीलता = 35g
अमोनियम क्लोराइड की धुलनशीलता = 24g
20° से. सोडियम क्लोराइड की घुलनशीलता अधिकतम होती है।
(d) (i) तापमान बढ़ने पर ठोसों की द्रव में घुलनशीलता बढ़ती है और तापमान
घटने पर घटती है।
(ii) तापमान बढ़ने से द्रवों में गैसों की धुलनशीलता घटती है और तापमान
घटाने पर बढ़ती है।
2. निम्न की उदाहरण सहित व्याख्या करें―
(a) संतृप्त विलयन, (b) शुद्ध पदार्थ, (c) कोलाइड, (d) निलंबन।
उत्तर : (a) संतृप्त विलयन-किसी विशेष तापमान पर कोई विलयन जितने
अधिकतम विलेय को घोलने में सक्षम होता है, उसे संतृप्त विलयन कहते है।
एक बीकर में 100 मिली. जल को लगभग 25° से. पर गर्म कीजिए और
जल में धीरे-धीरे सोडियम क्लोराइड घोलिए, तब तक कि और सोडियम क्लोराइड
विलयन में घुलना बंद न कर दें। विलयन का तापमान 25° से. बनाए रखें। इस
प्रकार यह विलयन जल में 25° से. पर तैयार सोडियम क्लोराइड का संतृप्त
विलयन है।
(b) शुद्ध पदार्थ―जिन पदार्थों का रंग, स्वाद और बनावट देय तापमान
और दाब पर हमेशा समान रहता है, वे शुद्ध पदार्थ होते है।
(c) कोलाइड―एक विषमांगी मित्रण जिसमें विलेय के कणों का आकार 1
nm (10⁻⁹ मी.) और 100nm (10⁻⁷ मी.) के बीच होता है, कोलॉइड विलयन
कहलाता है। जैसे―दूध, गोंद, जेली।
(d) निलंबन―निलंबन एक विषमजातीय अथवा विषमांगी मिश्रण है जिसमें
विलेय के कण घुलते नहीं है बल्कि पूरे माध्यम में बहुमात्रा में निलंबित रहते है।
जैसे―गंदला पानी, बुरादा-जल का मिश्रण, चाक पाउडर-जल का मिश्रण आदि।
3. निम्नलिखित मिश्रण के अवयवों को पृथक करने की विधि बताएँ―
सल्फर + रेत + चीनी+ आयरन रेतन
उत्तर : इस मिश्रण के चार अवयव है―सल्फर, रेत, चीनी तथा आयरन
रेतन।
मिश्रण के ऊपर से एक चुम्बक कोई बार चलाते हैं। आयरन रेतन, चुम्बक
द्वारा आकर्षित हो जाती है। वह चुम्बक से चिपक जाती है और पृथक हो जाती है।
चीनी, गंधक तथा रेत के शेष मिश्रत को पानी में डालकर विलोडन करते है।
इससे जल में चीनी घुल जाती है। छानने पर छनित्र में चीनी का विलयन प्राप्त होता
है। छनित्र को वाष्पित करके चीनी प्राप्त की जा सकती है। अवशेष में सल्फर तथा
रेत होते हैं।
सल्फर तथा रेत के मिश्रण को कार्बन डाइ सल्फाइड के साथ हिलाते हैं जिससे
सल्फर, कार्बन डाइ सल्फाइड में घुल जाता है और रेत बिना घुले रहता है। छानने
पर, सल्फर विलयन के रूप में छनित में प्राप्त होती है। कार्बन डाइ सल्फाइड के
वाष्पन से सल्फर प्राप्त की जा सकती है। रेत, फिल्टर पेपर पर अवशेष के रूप में
बच जाता है।
4. एक कोलाइड किस प्रकार वास्तविक विलयन व निलंबन से भिन्न होता
है?
उत्तर : निलम्बन, कोलॉइड तथा विलयन तीनों रासायनिक परिक्षेपण के
विभिन्न प्रकार हैं। इनमें निम्नलिखित समानताएँ तथा विभिन्नताएँ हैं―
निलम्बन कोलॉइड विलयन
1. यह स्थायी नहीं है।। यह स्थायी होता है। यह काफी स्थायी होता
है।
2. कुछ देर छोड़ने के बाद इसके परिक्षिप्त कण नीचे इसके भी परिक्षिप्त कण
इसके परिक्षिप्त कण नीचे नहीं बैठते हैं। नीचे नहीं बैठते हैं।
बैठ जाते हैं।
3. परिक्षिप्त कणों को आँखों अल्ट्रामाइक्रोस्कोप से। सूक्ष्म-से-सूक्ष्म
या माइक्रोस्कोप से देखा देखा जा सकता है। माइक्रोस्कोप से भी नहीं
जा सकता है। देखा जा सकता है।
4. कणों का आकार 10⁻⁵ कणों का आकार 10⁻⁷ से कणों का आकार 10⁻⁷ से
सेमी या उससे बड़ा होता। 10⁻⁵ सेमी तक होता है। भी छोटा होता है।
5. यह विषमांगी होता है। यह भी विषमांगी होता यह समांगी होता है।
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