Jharkhand Board Class 9TH Science Notes | हमारे आस-पास के पदार्थ
JAC Board Solution For Class 9TH Science Chapter1
अतिलघु उत्तरीय प्रश्न
1. किसी भी पदार्थ की अवस्था परिवर्तन के दौरान तापमान स्थिर क्यों रहता
है?
उत्तर : क्योकि दी गई ऊष्मीय ऊर्जा का उपयोग पदार्थ की अवस्था को बदलने
में उपयोग होता है।
2. वायुमंडलीय गैसों को द्रव में परिवर्तन करने के लिए कोई विधि मुझाइये।
उत्तर : दाब के बढ़ाने और तापमान घटाने से गैसों को द्रव में परिवर्तन किया
जा सकता है।
3. एसीटोन/पेट्रोल या इन डालने पर हमारी हथेली ठंदी क्यों हो जाती है?
उत्तर : जब हम एसीटोन/पेट्रोल/इत्र हथेली पर डालते है तो वह तुरन्त उड़
जाता है। वाष्पन के लिए ऊष्मा द्रव से ही सोख ली जाती है, जिससे हथेली को
ठण्डक मालूम होती है।
4. कप की अपेक्षा प्लेट से हम गर्म दूध या चाय जल्दी क्यों पी लेते हैं?
उत्तर : कप की अपेक्षा प्लेट में जगह अधिक फैलाव होने के कारण ही वाष्पन
तेज होगा। अत: गर्म चाय/दूध की चुस्की कप की तुलना में किसी तश्तरी के अधिक
तेजी से ले सकते हैं।
5. गर्मियों में हमें किस प्रकार के कपड़े पहनने चाहिये?
उत्तर : गर्मियों में हमें सफेद या हल्के रंग के कपड़े पहनने चाहिए क्योंकि
सफेद कपड़े अधिक ऊष्मा परावर्तित करते हैं और बहुत कम मात्रा में अवशोषित
करते है।
6. निम्नलिखित तापमानों को सेल्सियस इकाई में परिवर्तित करें―
(a) 293K, (b) 470K
उत्तर : (a) केल्विन मापक्रम पर तापमान = सेल्सियस मापक्रम पर तापमान +273
अथवा, 293K = सेल्सियस मापक्रम पर तापमान +273 अथवा सेल्सियस
मापक्रम पर तापमान = 293-273 = 20°C
(b) सेल्सियस मापक्रम पर तापमान = केल्विन मापक्रम पर तापमान -273
अथवा सेल्सियस मापक्रम पर तापमान = 470-273 - 197°C
7. निम्नलिखित तापमानों को केल्विन इकाई में परिवर्तित करें–
(a) 25°C
(b) 373°C
उत्तर : (a) केल्विन मापक्रम पर तापमान = सेल्सियस मापक्रम पर तापमान +273
अथवा, केल्विन मापक्रम पर तापमान = 25+2733298K
(b) केल्विन मापक्रम पर तापमान = सेल्सियस मापक्रम पर तापमान + 273
अथवा, केल्विन मापक्रम पर तापमान = 373+273 = 646K
8. निम्नलिखित पदार्थों को उनके कणों के बीच बढ़ते हुए आकर्षण के अनुसार
व्यवस्थित करें–(a) जल (b) चीनी (c) ऑक्सीजन
उत्तर : ऑक्सीजन → जल→ चीनी
9. निम्नलिखित में से कौन-से पदार्थ हैं―कुर्सी, वायु, स्नेह, गन्ध, घृणा,
बादाम, विचार, शीत, शीतल पेय, इत्र की सुगन्ध
उत्तर : कुर्सी, वायु, बादाम, शीतल पेय।
10. निम्नलिखित परीक्षण के कारण बनायें।
गर्मागरम खाने की गंध कई मीटर दूर से ही आपके पास पहुँच जाती है।
लेकिन ठंडे खाने की महक लेने के लिए आपको उसके पास जाना जड़ता है।
उत्तर : तापमान बदने से कणों की गति तेज हो जाती है। अत: गर्मागरम
खाने की गंध कई मीटर दूर से ही पहुँच जाती है। ठंडे खाने की महक लेने के लिए
उसके पास जाना पड़ता है। क्योंकि कम तापमान पर कणों की गति कम होती है।
11. स्वीमिंग पुल में गोताखोर पानी काट पाता है। इससे पदार्थ का कौन-सा
गुण प्रेक्षित होता है?
उत्तर : द्रव के अणुओं के बीच आकर्षण बल कम प्रबल होते हैं।
12. पदार्थ के कणों की क्या विशेषताएँ होती हैं।
उत्तर : (i) पदार्थ के कणों के बीच रिक्त स्थान होता है।
(ii) पदार्थ के कण निरन्तर गतिशील होते है।
(iii) पदार्थ के कण एक-दूसरे को आकर्षित करते है।
13. किसी तत्व के द्रव्यमान प्रति इकाई आयतन को घनत्व कहते हैं।
(घनत्व = द्रव्यमान/आयतन)। बढ़ते हुए घनत्व के क्रम में निम्नलिखित को
सुव्यवस्थित करें–
वायु, चिमनी का धुआँ, शहद, जल, चॉक, रुई और लोहा।
उत्तर : चिमनी का धुओं < वायु < जल < रुई < चौक < लोहा
14. सामान्यत: ठोस पदार्थों की अपेक्षा द्रवों का घनत्व कम होता है। लेकिन
आपने बर्फ के टुकड़े को जल में तैरते देखा होगा। पता लगाइए, ऐसा क्यों
होता है।
उत्तर : बर्फ का घनत्व, जल से कम होता है।
15. निम्नलिखित तापमान को सेल्सियस में बदलें–
(a) 300K, (b) 573K
उत्तर : (a) केल्विन मापक्रम पर तापमान = सेल्सियस मापक्रम पर तापमान
+273 अथवा 300K = सेल्सियस मापक्रम पर तापमान +273 अथवा सेल्सियस
मानक्रम पर तापमान = 300-273 = 27°C
(b) सेल्सियस मापक्रम पर तापमान = केल्विन मापक्रम पर तापमान - 273
अथवा सेल्सियस मापक्रम पर तापमान = 573-273 = 300°C
16. निम्नलिखित तापमान पर जल की भौतिक अवस्था क्या होगी?
(a) 250°C, (b) 100°C
उत्तर : (a) द्रव, (b) गैसीय
17. निम्नलिखित तापमानों पर जल की भौतिक अवस्था क्या है–
(a) 25°C (b) 0°C (c) 100°C
उत्तर : (a) द्रव (b) ठोस (c) गैस।
18. पुष्टि हेतु कारण दें–(a) जल कमरे के ताप पद द्रव है। (b) लोहे की अलमारी
कमरे के ताप पर ठोस है।
उत्तर : (a) (i) जल का आयतन निश्चित होता है परन्तु उसका आकार '
निश्चित नहीं होता है। जल उस बर्तन का आकार धारण कर लेता है जिसमें उसे
रखा जाता है। (ii) जल आसानी से बहता है।
(b) (i) अलमारी का निश्चित आकार तथा निश्चित आयतन होता है।
(ii) अलमारी बहती नहीं है।
19. पदार्थ की मूलभूत इकाई क्या है?
उत्तर : परमाणु।
20. परमाणु सिद्धांत का प्रतिपादन किसने किया?
उत्तर : डाल्टन।
21. एक ऐसे पदार्थ का मान बताइए जिसकी तल में विलेयता ताप बढ़ाने से
घटती है।
उत्तर : गैसें (जैसे-co₂ गैस)
22. ग्लूकोज का अणुसूत्र C₆H₁₂O₆ है। इसका सरलतम सूत्र क्या होगा?
उत्तर : CH₂O
23. एक अणु का सरलतम सूत्र CH₃ है तथा उसका अणुभार 30 है उसका
अणुसूत्र क्या होगा?
उत्तर : C₂H₆
24. प्राचीन भारतीय तथा ग्रीक दार्शनिकों तथा वैज्ञानिकों के अनुसार पदार्थ
कितने प्रकार के तत्वों से बने होते हैं?
उत्तर : प्राचीन भारतीय तथा ग्रीक दार्शनिको तथा वैज्ञानिकों के अनुसार सभी
पदार्थ 5 तत्वों से मिलकर बने है। ये तत्व है―पृथ्वी, वायु, आकाश, अग्नि तथा
जल।
25. पदार्थ क्या है?
उत्तर : जिसका कुछ द्रव्यमान हो तथा जो कुछ स्थान घेरता है पदार्थ या द्रव्य
कहलाता है।
26. पदार्थ की तीन अवस्थाएँ क्या हैं?
उत्तर : ठोस, द्रव तथा गैस।
27. योगिक तथा मिश्रण में से किसका संगठन निश्चित (स्थिर) होता है?
उत्तर : यौगिक का।
28. दूध से दही का बनना भौतिक परिवर्तन है या रासायनिक परिवर्तन?
उत्तर : रासायनिक परिवर्तन।
29. एक ऐसे अणु का उदाहरण दीजिए जो केवल एक परमाणु से बना हो।
उत्तर : He या कोई भी अन्य उत्कृष्ट गैस।
30. क्या होगा यदि एक संतृप्त विलयन को गर्म किया जाए?
उत्तर : संतृप्त विलयन गर्म करने पर असंतृप्त विलयन बन जाएगा।
31. उन कारकों के नाम लिखो जिन पर किसी पदार्थ की विलेयता निर्भर
करती है।
उत्तर : (i) ताप (ii) विलेय तथा विलायक की प्रकृति।
32. गैसें जिस बर्तन में रखी जाती हैं उसी का आयतन तथा आकार क्यों ग्रहण
कर लेती हैं?
उत्तर : गैसों के अवयव कण (अणु) गति करने के लिए स्वतंत्र होते हैं तथा .
लगातार विभिन्न दिशाओं में गतिशील रहते है क्योंकि इनके मध्य अंतराण्विक बल
नगण्य होते हैं। यही कारण है कि गैसें जिस बर्तन में रखी जाती हैं उसी का आयतन
व आकार ग्रहण कर लेती हैं।
33. गैसें दाब क्यों डालती हैं?
उत्तर : गैसों के अणु विभिन्न दिशाओं में लगातार गतिशील होते हैं। इस गति
के कारण गैसों के अणु परस्पर एक-दूसरे से टकराते हैं तथा बर्तन की दीवारों से भी
टकराते हैं। गैस अणुओं द्वारा बर्तन की दीवार पर लगातार टक्करों के कारण एक
बल लगता है जिसके कारण गैसें बर्तन की दीवारों पर दाब डालती हैं।
34. चाय जल्दी ठण्डी करने के लिए प्याले से तश्तरी में क्यों उड़ेली जाती है?
उत्तर : चाय को तश्तरी में उड़ेलने से, चाय का पृष्ठ बढ़ जायेगा और ऊष्मा
अधिक विकिरित होगी जिससे चाय शीघ्र ठण्डी हो जायेगी।
35. कमरे के एक कोने में इत्र की बोतल खोलने पर सुगंध पूरे कमरे में क्यों
हो जाती है?
उत्तर : जब हम इत्र की बोतल को एक कमरे में खोलते हैं तो इन वाष्पित
हो जाता है। गैसीय अवस्था में इन के अणु विभिन्न दिशाओं में गतिशील होने के
कारण कमरे की वायु में मिल जाते हैं। वायु के साथ ये अणु हमारी नाक के समीप
आते हैं तो हमें सुगंध आती है।
36. गैसों का संपीडन संभव है जबकि द्रवों का नहीं। ऐसा क्यों होता है?
उत्तर : गैसों के अवयव कणों (अणुओं) के मध्य बहुत अधिक रिक्त स्थान
पाए जाते हैं, दाब बढ़ाने पर ये रिक्त स्थान कम हो जाते है इसलिए गैसों का
संपीडन सरलता से किया जा सकता है।
इसके विपरीत द्रवों में अवयव कणों (अणुओं) के मध्य अधिक रिक्त स्थान
नगण्य होता है इसलिए दाब बढ़ाने पर इनका संपीडन नहीं होगा।
37. ठोस को अधिक क्यों नहीं दबाया जा सकता है?
उत्तर : ठोस को अधिक दबाया नहीं जा सकता है क्योंकि इसके अणु पहले
से ही अत्यन्त पास-पास संगठित रहते हैं और उनके बीच मुश्किल से कोई स्थान
होता है।
लघु उत्तरीय प्रश्न
1. निम्नलिखित प्रेक्षण के कारण बताएँ―
गर्मा-गरम खाने की गंध कई मीटर दूर से ही आपके पास पहुँच जाती है
लेकिन, ठंढे खाने की महक लेने के लिए आपको उसके पास जाना पड़ता
है।
उत्तर : पदार्थ के कण निरंतर गतिशील रहते हैं तथा तापमान बढ़ने पर कणों
की गति तेज हो जाती है। खाने से गंध विसरण द्वारा हम तक पहुँचती है। गर्म खाने
का तापमान अधिक होने के कारण विसरण की दर ठंढे खाने की अपेक्षा अधिक होती
अत: कई मीटर दूर से ही गंध हम तक पहुँच जाते हैं।
2. स्वीमिंग पूल में गोताखोर पानी काट पाता है। इससे पदार्थ का कौन-सा
गुण प्रेक्षित होता है?
उत्तर : स्वीमिंग पूल में पानी होता है जो द्रव अवस्था में होता है। पानी का
काट पाने से पदार्थ का यह गुण प्रेक्षित होता है कि द्रवों के कणों के बीच लगने
वाला बल कम होता है अतः पानी के कण आसानी से अलग हो जाते हैं।
3. पदार्थ के कणों की क्या विशेषताएँ होती हैं?
उत्तर : (i) पदार्थ के कणों के बीच रिक्त स्थान होता है।
(ii) पदार्थ के कण निरंतर गतिशील होते हैं।
(iii) पदार्थ के कण एक-दूसरे को आकर्षित करते हैं।
4. सामान्यतया ठोस पदार्थों की अपेक्षा द्रवों का घनत्व कम होता है। लेकिन
आपने वर्फ के टुकड़े को वर्फ पर तैरते देखा होगा। पता लगाइए ऐसा क्यों
होता है?
उत्तर : बर्फ का टुकड़ा पानी पर तैरता है क्योंकि यह अपने अधिक आयतन
के कारण अपने द्रव्यमान से अधिक पानी हटा सकता है। इसीलिए बर्फ का टुकड़ा
तैरता रहता है। बर्फ का आयतन अपने उस जल से जिससे वह बना होता है अधिक
होता है।
5. किसी भी पदार्थ की अवस्था परिवर्तन के दौरान तापमान स्थिर क्यों
रहता है?
उत्तर : किसी पदार्थ का ताप बढ़ाने पर वह एक निश्चित ताप पर अवस्था
में परिवर्तन करके दूसरी भौतिक अवस्था प्राप्त कर लेता है। अब इसका ताप स्थिर
रहता है क्योंकि अब समस्त ऊष्मा अवस्था परिवर्तन में काम आती है तथा यह तब
तक रहता है जब तक पदार्थ एक अवस्थता से दूसरी अवस्था में पूर्ण रूप से न
बदल जाए, ऐसी ऊष्मा को पदार्थ की गुप्त ऊष्मा कहते हैं।
6. वायुमंडलीय गैसों को द्रव में परिवर्तन करने के लिए कोई विधि सुझाइए।
उत्तर : हम जानते हैं कि पदार्थ की अवस्थाएँ दाब व तापमान के द्वारा तय
होती है। ताप कम करके व दाब बढ़ाकर पदार्थ की अवस्था परिवर्तन किया जा
सकता है। वायुमंडलीय गैस की ऊपर ऊँचाई पर ताप कम होने के कारण गैस
संघनित होकर बादलों में बदल जाती हैं जो द्रव की छोटी-छोटी बूँदों से मिलकर
बना होता है।
7. गर्म, शुष्क दिन में कूलर अधिक ठंढा क्यों करता है?
उत्तर : गर्म, शुष्क दिनों में वायुमंडल में जलवाष्प कम होती है जिसके कारण
वाष्पीकरण की दर बढ़ जाती है। जब कूलर चलता है जो उसका जल अपनी
वाष्पीकरण की ऊर्जा अपने वातावरण से लेता है तथा तेजी से वाष्पित होता है,
अतः कूलर अधिक ठंढा करता है।
8. गर्मियों में घड़े का जल ठंढा क्यों होता है?
उत्तर : गर्मियों में वायुमंडल में जलवाष्प कम होता है जो वाष्पन की दर को
बढ़ा देती है। घड़े में छोटे-छोटे रन्ध्र होते हैं जिनसे पानी धीरे-धीरे रिसता रहता है
जो वाष्पन के लिए ऊष्मा जल से वे वायुमंडल से लेता है। जिससे घड़े आस-पास
का वातावरण ठंडा हो जाता है। जिससे घड़े का पानी ठंढा हो जाता है।
9. ऐसीटोन/पेट्रोल या इत्र डालने पर हमारी हथेली ठंढी क्यों हो जाती है?
उत्तर : ऐसीटोन/पेट्रोल या इत्र वाष्पशील पदार्थ है जब इन्हें हथेली पर रखते
हैं तो हाथ की गर्मी के कारण इनका वाष्पन तेज हो जाता है। इसके लिए ये ऊर्जा
हथेली से लेते हैं जिससे वह ठंडी हो जाती है।
10. कप की अपेक्षा प्लेट में हम गर्म दूध या चाय जल्दी क्यों पी लेते हैं?
उत्तर : कप में दूध या चाय की सतह का क्षेत्रफल कम होता है जिससे वाष्पन
धीमा होता है और वह देर में ठंडी होती है। अतः पीने में देर लगती है। लेकिन प्लेट
में डालने पर चाय या दुध की सतह का क्षेत्रफल बढ़ जाता है जिससे वाष्पन तेजी
से होता है और उसे ठंढा होने में कम समय लगता है। अतः पीने में देर नहीं लगती।
11. गर्मियों में हमें किस प्रकार के कपड़े पहनने चाहिए?
उत्तर : गर्मियों में हमें सफेद या हल्के रंग के कपड़े पहनने चाहिए क्योंकि
सफेद या हल्का रंग उष्मा का अच्छा परावर्तक होता है जिससे हम ठंडापन महसूस
करते हैं।
12. निम्नलिखित अवलोकनो हेतु कारण लिखें―
(a) नैफ्थलीन को रखा रहने देने पर यह समय के साथ कुछ वास पदार्थ
छोड़े बिना अदृष्य हो जाती है।
(b) हमें इत्र की गंध बहुत दूर बैठे हुए भी पहुँच जाती है।
उत्तर : (a) नैफ्थलीन की गोलियाँ बिना कोई अवशेष छोड़े गायब हो जाते
है क्योंकि उनका उर्ध्वपातन हो जाता है। अर्थात्, वे द्रव अवस्था में बदले बिना सीधे
गैसीय अवस्था में परिवर्तित हो जाते हैं।
(b) इत्र के कण अपने-आप हवा के कणों के साथ मिलकर चारो तरफ फैल
जाते हैं। इत्र के कणों के इस तरह फैलने के कारण कुछ दूरी पर बैठे होने के बावजूद
हम इसकी गंध प्राप्त कर लेते हैं।
13. निम्नलिखित पदार्थों को उनके कणों के बीच बढ़ते आकर्षण के अनुसार
व्यवस्थित करें– (a) जल, (b) चीनी, (c) ऑक्सीजन
उत्तर : अन्तराण्विक आकर्षण बल सबसे कम गैस में फिर द्रव में सबसे
अधिक ठोस में होता है। अतः यह ऑक्सीजन में सबसे कम, फिर जल में तथा ।
सर्वाधिक चीनी में होगा।
14. निम्नलिखित तापमानों पर जल की भौतिक अवस्था क्या है?
(a) 25°C (b)0°C (c) 100°C
उत्तर : (a) 25°C पर–द्रव
(b) 0°C पर–ठोस
(c)100°C पर–वाष्प
15. पुष्टि हेतु कारण दें–
(a) जल कमरे के ताप पर द्रव है।
(b) लोहे की अलमारी कमरे के ताप पर ठोस है।
उत्तर : (a) साधारण तापक्रम पर पानी द्रव होता है क्योंकि इसका कोई निश्चित
आकार नहीं होता। यह उस बर्तन का आकार ग्रहण कर लेता है जिसमें इसे रखा
जाता है। । दूसरा, यह आसानी से प्रवाहित हो सकता है। अर्थात् यह दद न होकर
तरल है।
(b) लोहे की आलमारी एक ठोस है क्योंकि इसका आकार निश्चित होता है।
यह प्रवाहित नहीं होती है। अर्थात् यह दृढ़ है।
16. निम्नलिखित चित्र के लिए A,B,C,D,E तथा F की अवस्था परिवर्तन को
नामांकित करें—
उत्तर : A—संलयन, B—वाष्पन, C—संघनन,
D—ठोसीकरण, E—उर्ध्वपातन, F—उर्ध्वपातन।
17. 273 K पर बर्फ को ठंढा करने पर तथा जल को इसी तापमान पर ठेगा
करने पर शीतलता का प्रभाव अधिक क्यों होता है?
है। फलतः बर्फ वातावरण से अधिक ऊष्मा अवशोषित कर सकता है। यही कारण
है कि समान ताप पर होते हुए भी बर्फ पानी की अपेक्षा अधिक ठंढक पहुँचाता
है।
18. उबलते हुए जल अथवा भाप में से जलने की तीव्रता किसमें अधिक महसूस
होती है?
उत्तर : 373 K पर वाष्प के कणों की ऊर्जा समान ताप पर पानी के कणों की
ऊर्जा से अधिक होती है। ऐसा वाष्प के कणों द्वारा वाष्पन की गुप्त ऊष्मा के रूप
में अतिरिक्त ऊर्जा अवशोषित किए जाने के कारण होता है। अतः जब वाष्प त्वचा
के संपर्क में आता है तो समान ताप पर उबलते पानी की अपेक्षा अधिक ऊर्जा मुक्त
करता है। फलतः 373K पर वाष्प द्वारा समान ताप पर उबलते पानी की अपेक्षा
अधिक जलन पैदा होती है।
19. वरसात की अपेक्षा गर्मी में कपड़े जल्दी सूख जाते हैं। क्यों?
उत्तर : पानी के वाष्पन की दर वायुमंडल के ताप के समानुपाती और वायुमंडल
की आर्द्रता के विलोमानुपाती होती है। गर्मी में वायुमंडल की आर्द्रता के विलोमानुपाती
होती है। गर्मी में वायुमंडल का ताप अधिक और वायुमंडल में आर्द्रता कम होती है
जिसके कारण पानी का वाष्पन तेजी से होता है और बरसात की अपेक्षा गर्मी में
कपड़े जल्दी सूख जाते हैं।
20. कारण बताएँ कि पहाड़ों पर बर्फ गिरते समय नहीं, बल्कि बाद में अधिक
ठंड पड़ती है।
उत्तर : पहाड़ों में बर्फ गिरने के बाद, बर्फ गलने के लिए वायुमंडल से बहुत
अधिक ऊष्मा लेती है। क्योंकि बर्फ की गुप्त ऊष्मा अधिक होती है, इसलिए पहाड़ों
पर बर्फ गिरते समय इतनी ठंडा नहीं होती, जितनी की बर्फ गलते समय होती है।
21. भौतिक तथा रासायनिक परिवर्तनों में अंतर कीजिए।
उत्तर : भौतिक तथा रासायनिक परिवर्तनों में निम्नलिखित अंतर हैं―
भौतिक परिवर्तन। रासायनिक परिवर्तन
(i) केवल पदार्थ की अवस्था में। (i) पदार्थ के रासायनिक संघटन में
परिवर्तन होता है, रासायनिक परिवर्तन होता है। अवस्था में|
संघटन में नहीं।। परिवर्तन आवश्यक नहीं।
(ii) कोई नया पदार्थ नहीं बनता। (ii) एक या अधिक नए पदार्थ बनते हैं।
(iii) इन परिवर्तनों को उलटना सरल है।। (iii) इन परिवर्तनों का उलटना सरल
उदाहरण : (i) बर्फ से पानी नहीं।
(द्रव) बनना। (ii) चीनी का पानी उदाहरण : (i) लोहे में जंग
में घुलना। लगना। (ii) दूध से दही बनना।
22. कोई ठोस गर्म करने पर द्रव अवस्था में तथा द्रव गर्म करने पर गैसीय
अवस्था में क्यों परिवर्तित हो जाता है?
उत्तर : ठोस पदार्थों को गर्म करने पर इनके अवयव कणों की गतिज ऊर्जा
बढ़ जाती है। गर्म करते-करते एक ऐसी स्थिति आ जाती है कि कणों की गतिज
ऊर्जा कणों के मध्य प्रबल अंतराण्विक बलों को तोड़ने लगती है तथा ठोस द्रव में
परिवर्तित हो जाता है।
द्रव को गर्म करने पर भी द्रव के अवयव कणों की गतिज ऊर्जा बढ़ती जाती
है। अधिक गर्म करने पर एक ऐसी स्थिति आ जाती है कि कणों की गतिज ऊर्जा
इनके मध्य अंतराण्विक बलों से कहीं अधिक हो जाती है। तब कण स्वतंत्र रूप से
गति करने लगते हैं तथा द्रव गैसीय अवस्था में परिवर्तित हो जाता है।
1. (a) पदार्थ की विभिन्न अवस्थाओं के गुणों में होने वाले अन्तर को
सारणीवद्ध कीजिए।
(b) निम्नलिखित पर टिप्पणी कीजिए-दढ़ता, संपीब्यता, तरलता, बर्तन
में गैस का भरना, आकार, गतिज ऊर्जा एवं घनत्व।
उत्तर : (a)
ठोस द्रव गैस
(i) इनका निश्चित आयतन द्रव का आयतन तो। गैसों का आयतन तथा
व आकार होता है। निश्चित होता है लेकिन आकार निश्चित नहीं
आकार निश्चित नहीं होता। गैसें जिस बर्तन
होता। में रखी जाती हैं उसी का
आयतन तथा आकार
ग्रहण कर लेती हैं।
(ii) इनके गलनांक व। इनके गलनांक कक्षताप। इनके गलनांक तथा
क्वथनांक कक्षताप से से कम तथा क्वथनांक क्वथनांक कक्ष ताप से
अधिक होते हैं। कक्षताप से अधिक होते अधिक होते हैं।
हैं।
(iii) इन्हें संपीडित नहीं किया। इन्हें संपीडित नहीं किया इन्हें संपीडित किया जा
जा सकता। जा सकता है। सकता है।
(iv) ठोसो का घनत्व। द्रवों का घनत्व ठोस से गैसों का घनत्व
सामान्यतः अधिक होता कम तथा गैस से अधिक सामान्यतः कम होता
है। होता है। है।
(b) दृढ़ता―ठोस व गैसीय पदार्थों के कणों के बीच काफी रिक्त स्थान होता
है, जिसमे हवा भरी होती है, जिससे वह दबाये जा सकते हैं। इस गुण को संपीड्यता
कहते है।
तरलता―पदार्थों के बहने के गुण को तरलता कहते हैं।
वर्तन में गैस का भरना―गैसों के बीच काफी रिक्त स्थान होता है जिससे
उन्हें काफी दबाया जा सकता है। इस प्रकार एक छोटे बर्तन में काफी गैस भरी जा
सकती हैं।
आकार―वस्तु जितना स्थान घेरती है, उसे उस वस्तु का आकार कहते है।
गतिज ऊर्जा―वस्तुओं में गति कारण जो ऊर्जा या कार्य करने की क्षमता
होती है, उसे गतिज ऊर्जा कहते हैं।
K.E.= 1/2mv²
घनत्व—किसी वस्तु के इकाई आयतन के द्रव्यमान को घनत्व कहते है।
घनत्व = द्रव्यमान/आयतन
2. कारण बताएँ―
(a) गैस पूरी तरह उस वर्तन को भर देती है जिसमें इसे रखते हैं।
(b) गैस बर्तन की दीवारों पर दवाव डालती हैं।
(c) लकड़ी की मेज ठोस कहलाती है।
(d) हवा में हम आसानी से अपना हाथ चला सकते हैं, लेकिन एक ठोस
लकड़ी के टुकड़े में हाथ चलाने के लिए हमें कराटे में दक्ष होना पड़ेगा।
उत्तर : (a) गैस के कण एक-दूसरे से दूर-दूर होती है तथा उनमें बहने का
गुण होता है जिसके कारण वह पूरे बर्तन में फैल जाती है।
(b) गैस के अणु बहुत तेज गति से इधर-उधर घूमते रहते हैं जिससे बर्तन की
दीवारों पर टकराकर दबाव डालते हैं।
(c) लकड़ी के कण अत्यधिक बल से जुड़े होते हैं, अत: उसे ठोस कहते हैं।
मेज लकड़ी से बनी होती है, अत: उसे ठोस कहते हैं।
(d) हवा में हाथ आसानी से चला सकते हैं क्योंकि हवा के अणु आसानी से
काटे जा सकते हैं। ऐसा इसलिए होता है क्योंकि कणों के बीच बहुत कम बल लगा
होता है। जबकि लकड़ी के कणों के बीच बहुत कम स्थान होता है, अत: उनके बीच
अत्यधिक बल लगा होता है। उसमें हाथ चलाने के लिए हमें कराटे में दक्ष होना
पड़ेगा।
3. वाष्पीकरण से क्या समझते हो? गर्मियों में सुराही या घड़े में पानी ठंडा
क्यों हो जाता है? वाप्पन की क्रिया किन कारकों पर निर्भर करती है?
वाष्पन तथा उबलने में अन्तर स्पष्ट करें।
उत्तर : द्रव की खुली सतह से प्रत्येक ताप पर धीरे-धीरे द्रव का अपने वाष्प
में बदलना वाष्पीकरण कहलाता है। वाष्पीकरण के लिए भी द्रव को ऊर्जा की
आवश्यकता होती है। उदाहरण के लिए, एक ग्राम जल की वाष्प में बदलने के लिए
2260 जूल ऊष्मा की आवश्यकता होती है। यह ऊष्मा द्रव अपने अन्दर से ही प्राप्त
करता है। अतः द्रव ठंडा हो जाता है।
हमारे शरीर में पसीना जब सूखता है तो वह शरीर में ऊष्मा ग्रहण करता है,
अतः शरीर ठंडा हो जाता है। व्यायाम करने से या तेज धूप में चलकर आने से
बहुत पसीना आ जाता है। यदि पीसने को सुखाने के लिए तुरन्त पंखे की हवा लग
जाए और गर्मी को शांत करने के लिए तुरंत ठंडा पानी पी लिया जाए तो प्रायः
जुकाम हो जाता है। कारण यह है कि पसीना सूखने के लिए शरीर से गर्मी लेता है
जिससे शरीर इतना अधिक ठंडा हो जाता है कि उसमें जुमा के वाइरस से स्वयं को
बचाने के लिए आवश्यक प्रतिरोध शक्ति ही नहीं रहती।
गर्मियों में सुराही या घड़े में पानी ठंडा हो जाता है क्योंकि जब पानी सुराही
के रन्ध्रों से बाहर जाता है तो वह वाष्प बन जाता है और जल ठंडा हो जाता है।
उच्च ज्वर युक्त मरीज के मस्तिष्क पर गीली पट्टी रखी जाती है। पट्टी का पानी
वाष्प में बदलने के लिए मस्तिष्क से गर्मी लेता है और उसे ठंडा कर लेता है।
घरों का साधारण कूलर भी वाष्पीकरण से ही ठंड उत्पन्न करता है। जब घास
की गड्डियों पर पड़ा हुआ पानी वाष्प बनता है तो वह उसे ठंडा कर देता है, फिर
उसके संपर्क में आयु वायु भी ठंडी हो जाती है जिसे पंखे द्वारा कमरे में भेजा जाता
है।
एक निश्चित द्रव के वाष्पन की क्रिया निम्नलिखित कारकों पर निर्भर करती
है―
(i) द्रव का ताप―गर्म द्रव शीघ्र ठंडा होता है, अर्थात् उसके वाष्पन की दर
अधिक ताप पर बढ़ जाती है। अधिक धूप वाले गर्म दिन में कड़े वाष्पीकरण द्वारा
शीघ्र ही सूख जाते हैं।
(ii) द्रव की खुली सतह का क्षेत्रफल―द्रव की खुली सतह का क्षेत्रफल बढ़
जाने से उसके वाष्पन की दर भी बढ़ जाती है। यदि गर्म दूध को बड़ी थाली में डाल
दिया जाए तो वह शीघ्र ठंडा हो जाता है और यदि गिलास में ही रहने दिया जाए
तो बहुत देर से ठंडा होता है।
(iii) वाष्प निकासी की दर-वाष्पीकरण से द्रव की वाष्प उसकी सतह के
ऊपरी ही जमा होती रहती है। यदि हवा चलकर उसे शीघ्र ही हटाते रहे तो वाष्पन
की दर बढ़ जाती है। यही कारण है कि पंखे की हवा में कपड़े शीघ्र ही सूख जाते हैं।
वाष्पन और उबलने में अंतर
वाष्पन उबलना
(i) यह प्रत्येक ताप पर होता है। (i) यह एक निश्चित ताप पर होता है।
(ii) यह केवल ऊपरी तल पर ही होता (ii) यह सारे द्रव में होता है।
(iii) यह धीरे-धीरे होता है। (iii) यह जल्दी-जल्दी होता है।
(iv) यह शान्त क्रिया है। (iv) इस क्रिया में ध्वनि उत्पन्न होती है।
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