Jharkhand Board Class 9TH Civics Notes | लोकतंत्र क्या? लोकतंत्र क्यों?
JAC Board Solution For Class 9TH (Social Science) Civics Chapter 2
1. इनमें से कौन-सा लोकतंत्र के पक्ष में अच्छा नहीं है-
(क) लोकतंत्र में लोग खुद को स्वतंत्र और समान मानते हैं,
(ख) लोकतांत्रिक सरकारें लोगों के प्रति ज्यादा उत्तरदायी होती हैं,
(ग) लोकतांत्रिक व्यवस्थाएँ दूसरों की तुलना में टकरावों को ज्यादा
अच्छी तरह सुलझाती हैं,
(घ) लोकतांत्रिक देश दूसरों की तुलना में ज्यादा समृद्ध होते हैं।
उत्तर― (घ) लोकतांत्रिक देश दूसरों की तुलना में ज्यादा समृद्ध होते हैं।
2. लोकतंत्र में अकाल और भुखमरी की संभावना कम होती है। यह तर्क
देने का इनमें से कौन-सा कारण सही नहीं है―
(क) विपक्षी दल भू और भुखमरी की ओर सरकार का ध्यान दिला सकते
(ख) स्वतंत्र अखबार देश के विभिन्न हिस्सों में अकाल की स्थिति के
बारे में खबरें दे सकते हैं,
(ग) सरकार को अगले चुनाव में अपनी पराजय का डर होता है,
(घ) लोगों को कोई भी तर्क मानने और उस आचरण करने की स्वतंत्रता
है।
उत्तर―(घ) लोगों को कोई भी तर्क मानने और उस पर आचरण करने की
स्वतंत्रता है।
3. किसी जिले में 40 ऐसे गाँव हैं जहाँ सरकार ने पेयजल उपलब्ध कराने
का काई इंतजाम नहीं किया। इन गांवों के लोगों ने एक बैठक की और
अपनी जरूरतों की ओर सरकार का ध्यान दिलाने के लिए कई तरीकों
पर विचार किया। इनमें से कौन-सा तरीका लोकतांत्रिक नहीं है?
(क) अदालत में पानी को अपने जीवन के अधिकार का हिस्सा बताते
हुए मुकदमा दायर करना,
(ख) अगले चुनाव का बहिष्कार करके सभी पार्टियों को संदेश देना,
(ग) सरकारी नीतियों के खिलाफ जन सभाएँ करना,
(घ) सरकारी अधिकारियों को पानी के लिए रिश्वत देना।
उत्तर― (घ) सरकारी अधिकारियों को पानी के लिए रिश्वत देना।
4. अब्राहम लिंकन के अनुसार लोकतंत्र क्या है?
उत्तर― उसके अनुसार, लोकतंत्र ऐसी सरकार है जो लोगों की हो, लोगों के लिये
हो और लोगों द्वारा बनाई गई हो।
5. लोकतंत्र क्या है?
उत्तर― लोकतंत्र शासन का एक ऐसा रूप है जिसमें शासकों का चुनाव जनता
करती है।
6. विश्व के किन्हीं तीन लोकतांत्रिक देशों के नाम लिखें।
उत्तर― भारत, इंग्लैंड और संयुक्त राज्य अमेरिका।
7. विश्व के किन्हीं तीन गैर-लोकतांत्रिक देशों के नाम लिखें।
उत्तर― म्यांमार, नाइजीरिया और पाकिस्तान।
8. क्या केवल चुनाव कराने से ही कोई देश लोकतंत्र बन जाता है।
उत्तर― नहीं, केवल चुनाव कराने से ही कोई देश लोकतंत्र नहीं बन जाता। अनेक
राजनीतिक दलों को चुनाव लड़ने की स्वतंत्रता होना तथा चुने जाने के
पश्चात् सत्ता चुने हुए प्रतिनिधियों के पास ही रहना भी आवश्यक होता
है।
9. हम जिम्बाम्वे को एक लोकतत्रं क्यों नहीं कह सकते?
उत्तर― हम जिम्बाब्वे को एक लोकतंत्र नहीं कह सकते क्योंकि स्वतंत्रता मिलने
के पश्चात् 1980 से वहाँ एक ही जान-पीएफ पार्टी ही सत्ता संभाले बैठी
है। वहाँ के राष्ट्रपति राबर्ट मुगाबे चुनाव में अनेक गलत तरीके अपनाते हैं।
विपक्षी दलों के कार्यकर्ताओं को अनेक ढंग से परेशान किया जाता है।
10. वयस्क मताधिकार क्या है?
उत्तर― इसमें सभी वयस्कों को बिना किसी भेद-भाव के मतदान करने का
अधिकार दिया जाता है, जिसके द्वारा वे सदस्यों का चुनाव करते हैं।
11. चुनाव लड़ने का अधिकार क्या है?
उत्तर― सभी वयस्कों को चुनाव लड़ने का अधिकार है। इसमें मतदाता की आयु
से अधिक प्रत्याशी की आयु होती है।
12. सूचना की स्वतंत्रता का क्या अर्थ है?
उत्तर― इसमें प्रत्याशियों के विषय में सूचना ग्रहण करने का अधिकार है। विभिन्न
स्रोतों से सूचना ग्रहण की जा सकती है। सरकार का समूचा स्रोतों पर
एकाधिकार नहीं है। सूचना का अन्य स्रोतों को कानूनी सुरक्षा प्राप्त है।
13. अभिव्यक्ति की स्वतत्रता का क्या अर्थ है?
उत्तर― नागरिक अपनी, अभिव्यक्ति और बहस करने के लिए स्वतंत्र है। वे
अधिकारियों की अनुमति से सामाजिक आयोजन कर सकते हैं। जन
समस्याओं पर आन्दोलन कर सकते हैं। सरकार उनके इन कार्यों पर
प्रतिबंध नहीं लगा सकती।
14. व्यक्तिगत स्वतंत्रता से आप क्या समझते हैं ?
उत्तर― राज्य में कहीं भी यात्रा, रहने के स्थान, पेशा या व्यवसाय चुनने, काँलेज
में दाखिला लेने, नौकरी पाने, सम्पत्ति खरीदने या बेचने का अधिकार
प्रत्येक नागरिक को है। वह अपनी पसंद की कोई भी पुस्तक पढ़ सकता
है। राज्य इस पर प्रतिबंध नहीं लगा सकता है।
15. म्यांमार एक लोकतांत्रिक देश क्यों नहीं है?
उत्तर― (क) म्यांमार में चुनी हुई सरकार का शासन नहीं वरन् वहाँ सैनिक
अधिकारियों का शासन है जिनका चुनाव लोगों ने नहीं किया है।
(ख) शासन के फैसलों में लोगों की कोई भागीदारी नहीं।
(ग) जो कोई सैनिक अधिकारियों के विरुद्ध बोलता है उसे जेल में
दिया जाता है।
16. पाकिस्तान एक लोकतांत्रिक देश क्यों नहीं है? कारण लिखें।
उत्तर― (क) पाकिस्तान में चुनाव अवश्य हुए परन्तु सर्वोच्च सत्ता सेना के
अधिकारियों और जनरल मुशर्रफ के हाथ में है।
(ख) लीगल फ्रेमवर्क ऑर्डर के अनुसार राष्ट्रपति जब चाहे राष्ट्रीय और
प्रांतीय एसेम्बलियों को भंग कर सकता है।
17. नेपाल 2005 तक एक लोकतांत्रिक देश क्यों नहीं था? कारण सि
उत्तर― नेपाल के लोगों द्वारा चुनी गई सरकार नहीं थी। नेपाल का राजा लोगों द्बारा
शासक नहीं चुना गया बल्कि राज परिवार में जन्म लेने के कारण उसने
यह हक पाया है।
18. क्या चीन एक लोकतांत्रिक देश है या नहीं? अपने मत के पक्ष में तर्क
दें।
उत्तर― वास्तव में चीन भी एक लोकतांत्रिक देश नहीं। यहाँ पाँच वर्ष के पश्चात्
नियमित रूप से चुनाव अवश्य होते हैं परन्तु चुनाव लड़ने से पहले हर
उम्मीदवार को चीनी कम्युनिट पार्टी से अवश्य मजूरी लेनी पड़ती है।
वहाँ केवल कम्युनिस्ट पार्टी और उससे सम्बद्ध कुछ छोटी पार्टियों के
सदस्य ही चुनाव में भाग ले सकते है और कोई नहीं। यह बात प्रजातंत्रीय
विचारधारा के बिल्कुल विपरीत हैं।
19. क्या सऊदी अरब एक प्रजातंत्रीय देश है, तर्क दें?
उत्तर― सऊदी अरब के शाह लोगों द्वारा शासक नहीं चुने जाते वरन् राज परिवार
में जन्म लेने के कारण ही उन्होंने यह हक पाया है। वहाँ महिलाओं को
बोट देने का अधिकार नहीं है जो सरासर लोकतंत्रीय नियमों की अवहेलना
है।
20. क्या इराक की इस समय की सरकर एक लोकतांत्रिक सरकार है ?
उत्तर― इराक में बाहर से थोपी हुई सरकार है जो कभी भी एक लोकतांत्रिक
सरकार नहीं हो सकती। वहाँ की वास्तविक शक्ति लोगों के चुने हुए
प्रतिनिधियों के हाथ में नहीं वरन् संयुक्त राज्य अमेरिका और उसके साथी
देशों के सैनिक अधिकारियों के पास है। ऐसी बेबस सरकार भी एक
लोकतंत्रीय सरकार नहीं हो सकता।
21. अगर भारत लोकतंत्र नहीं अपनाता तो क्या हुआ हो? क्या ऐसी स्थिति
में हम एक राष्ट्र बने रह सकते थे?
उत्तर―अगर भारत लोकतंत्र नहीं अपनाता तो यहाँ तानाशाही होती या सैनिक
शासक होता या फिर कई छोटे-छोटे राजतंत्र हो।
नहीं, ऐसी स्थिति में यह देश विभिन्न हिस्सों में बँट जाता क्योंकि हमारे
यहाँ सांस्कृतिक, भाषिक, धार्मिक आदि विविधताएँ विद्यमान हैं।
लघु उत्तरीय प्रश्नोत्तर
1. लोकतंत्र में किसी तरह से चुनावों को कराना पर्याप्त है। यह कथन
किस सीमा तक सही है।
उत्तर― (क) किसी तरह का चुनाव कराना पर्याप्त नहीं है। राजनैतिक विकल्पों
के बीच एक वास्तविक चुनाव का अवसर दिया जाना आवश्यक है। लोगों के लिए
विद्यमान शासन यदि अयोग्य है तो उसको पदच्युत करने के लिए इस विकल्प का
प्रयोग करना संभव रहना चाहिए।
(ख) एक लोकतंत्र को न्यायपूर्ण चुनाव पर आधारित रहना आवश्यक
है। एक ऐसा चुनाव जिनमें सत्ताधारी प्रतनिधियों को अपने हार जाने की आशंका
रहे।
2. लोकतत्र के क्या दोष है?
उत्तर― (क) लोकतंत्र में नेता तथा दल बदलते रहते हैं। इसके कारण अस्थिरता
की स्थिति बनी रहती है।
(ख) लोकतंत्र राजनैतिक स्पर्धा और शक्ति का प्रदर्शन मात्र हैं इसमें
नैतिक आचरण के लिए कोई स्थान नहीं है।
(ग) लोकतंत्र में परामर्श इतने अधिक लोगों से लिए जाते हैं कि इसके
कारण संबंधित कार्यों में बहुत विलम्ब होता है।
(घ) चुने गए नेता न को पूर्णतः नहीं समझ पाते हैं अंततः इसमें सही
निर्णय लेने के अवसर कम रहते हैं।
(ङ) लोकतंत्र चुनावी स्पर्धा पर आधरित रहने से भ्रष्टचाचार की प्रवृत्ति
बढ़ जाती है।
(च) लोकतंत्र में कई बार जनहित के फैसले भी लागू नहीं कराए जा
सकते।
3. लोकतंत्र को सरकार का श्रेष्ठ स्वरूप क्यों माना जाता है?
उत्तर― (क) लोगों की मांगों पर अनुक्रिया को दृष्टि से लोकतंत्र किसी अन्य
व्यवस्था की तुलना में बेहतर है। लोकतांत्रिक सरकार जन इच्छाओं को समझ
सकती है और उचित प्रतिक्रिया भी कर सकती है लेकिन सत्ताधारी लोगों की
इच्छाओं पर ही यह सब निर्भर करता है।
(ख) यदि शासक नहीं चाहते हैं तो वे लोगों की इच्छा के अनुसार कार्य
नहीं करते हैं।
(ग) लोकतंत्र में जनता की आवश्यकताओं को पूरा करना सत्ताधारी
दल के लिए आवश्यक हो जाता है। लोकतांत्रिक सरकार इस अर्थ में एक बेहतर
सरकार है कि यह सरकार का अधिक उत्तरदायी स्वरूप है।
4. "मत देने का अधिकार केवल एक अधिकार ही नहीं, बल्कि एक
कर्त्तव्य भी है।" टिप्पणी लिखें।
उत्तर― कुछ मतदाता उदासीन होते हैं और अपना मत देने में रुचि नहीं लेते। चुनावों
में भाग न लेना किसी लोकतंत्र के स्वास्थ्य के लिए अच्छा नहीं होता। हमें याद
रखना चहिए कि मत देने का अधिकार केवल एक अधिकार ही नहीं, बल्कि
कर्त्तव्य भी है। यह कर्त्तव्य ईमानदारी से निभाने की आवश्यकता है। मतदाओं को
निर्वाचित पदों के लिए सर्वोत्तम पुरुषों या महिलाओं को चुनना चाहिए। यदि उनके
विचार संकीर्ण हों और वे जाति या समुदाय के नारों से प्रभावित हो जाएँ तो अपनी
खराब पसंद के दुष्परिणाम स्वयं उन्हें ही भुगतने पड़ते हैं।
5. "चुनाव लोकतंत्र का मापन-यंत्र है" स्पष्ट करें।
उत्तर― निर्वाचन जनता का समर्थन पाने के लिए चुनाव विभिन्न राजनीतिक दलों
के मध्य होनेवाली प्रतियोगिता है। चुनाव लोकतंत्र का मापक यंत्र है और राजनीतिक
दल तथा चुनाव में भाग लेनेवाले प्रत्याशिगण निर्वाचन की जीवन-रेखा हैं। निर्वाचन
से मतदाताओं को महसूस होता है कि वे ही देश के मालिक हैं क्योंकि मतदाता
ही जिस व्यक्ति को निर्वाचित करते हैं वह राज्य, केन्द्र तथा स्थानीय स्तर पर
सरकार का निर्माण करता है। लोकतंत्र में एक नियत अवधि के बाद चुनाव होना
आवश्यक है। चुनाव के द्वारा ही सरकार को शासन चलाने की शक्ति प्राप्त होती
है। चुनाव ही जनता को यह अवसर प्रदान करता है वह अपने प्रतिनिधियों के कार्यों
का मूल्यांकन करे। चुनाव राजनीति की नयी प्रवृत्तियों को जन्म देता है जिनसे देश
का भविष्य-पथ निर्मित होता है। चुनाव के समय मतदाओं को देश की
सामाजिक-आर्थिक परिवेश का मूल्यांकन करने का अवसर प्राप्त होता है। इस
प्रकार चुनाव एक ऐसा परिदृश्य प्रस्तुत करता है जहाँ मतदाताओं को स्वतंत्र, निष्पक्ष
तथा पारदर्शी ढंग से मतदान करना महत्वपूर्ण हो जाता है।
दीर्घ उत्तरीय प्रश्नोत्तर
1. लोकतंत्र से तीन लाभ कौन-कौन से हैं?
उत्तर― (क) लोकतंत्र समानता का आश्वासन देता है– सरकार का लोकतांत्रिक
स्वरूप आर्थिक और राजनैतिक दोनों क्षेत्रों में समानता के लिए कृतसंकल्प है। यह
मतदान का अधिकार, चुनाव लड़ने का अधिकार तथा जाति, वंश या लिंग के
भेदभाव से व्यर्थता पर सरकारी नौकरी/पद पाने के लिए अधिकार की गारंटी देता
है। यह विशेषाधिकार को अमान्य ठहराता है आर्थिक क्षेत्र में यह जन-समूह को
समान अवसर और आर्थिक सुरक्षा की गारंटी देता है।
(ख) यह व्यष्टि स्वतंत्रता को मान्यता देता है– लोकतंत्रीय सरकारों
का एकमात्र वह स्वरूप है जो व्यष्टि स्वतत्रता का सार्थक है और सांविधिक
उपचारों के माध्यम से उनके अधिकारों की गारंटी देता है। इन आधारों पर 'मिली'
लोकतंत्र का समर्थक और पक्षधर है। भाषण देने, अभिव्यक्ति, प्रेस और संगठन
बनाने की स्वतत्रता कुछ ऐसे नागरिक अधिकार हैं जो भारतीय नागरिकों को गारंटी
के साथ दिए गए हैं।
(ग) कानूनों का स्वेच्छा से अनुपालन– लोगों की और से राज्य के
कानूनों की अवहेलना या उल्लंघन करने की बहुत ही अल्प संभावना है। राजतंत्र
और कुलीन तंत्र किस्म की सरकारों में जनादेश के आधार पर कानून नहीं बनाए
जाते हैं। इनमें कानूनों का अनुपालन बलात् कराया जाता है। लोकतंत्र में इसके
विपरीत जनता कानूनों को स्वयं बनाती है और इसलिए अपने बनाए गए कानूनों
का उल्लंघन कदापि नहीं कर सकती है।
2. लोकतांत्रिक सरकारों की कुछ मुख्य विशेषताओं पर प्रकाश डालें।
उत्तर― लोकतांत्रिक सरकारों की कुछ सामान्य विशेषताएँ– अमेरिका, इंग्लैंड
भारत आदि में लोकतांत्रिक सरकारें कायम हैं। इनकी कुछ मुख्य विशेषताएँ इस
प्रकार हैं–
(क) लोकतांत्रिक देशों में नागरिकों को भाषण देने और अपने विचार
व्यक्त करने की पूर्ण स्वतंत्रता होती है।
(ख) लोकतांत्रिक देशों में स्वतंत्र और निष्पक्ष रूप से चुनाव कराने की
व्यवस्था होती है और लोग अपनी इच्छानुसार जिस व्यक्ति एवं राजनीतिक दल को
वोट देना चाहे वे दे सकते हैं।
(ग) लोकतांत्रिक देशों में सभी राजनीतिक दलों को चुनावों में, चुनावों
से पहले और चुनावों के बाद स्वतत्रत रूप से कार्य करने की आज्ञा होती है।
(घ) लोकतांत्रिक देशों में कारीगरों और मजदरों को अपने व्यापारिक
संघ स्थापित करने की पूर्ण स्वतंत्रता होती हैं
(ङ) लोकतांत्रिक देशों में सरकार का विरोध करने या किसी किसी
को डराया या धमकाया नहीं जाता और न ही उन्हें जेल भेजने की धमकी ही दिया
जाता है।
(च) लोकतांत्रिक देशों में प्रेस को पूर्ण आजादी होती है। वे सरकार की
प्रशंसा भी कर सकते हैं और और उसकी आलोचना भी।
(छ) लोकतांत्रिक देशों में कोई भी नागरिक किसी भी पद के लिये
खड़ा हो सकता है और ऊँचे पद प्राप्त कर सकता है। साधारण परिवारों के लोग
जैसे― श्री लाल बहादूर शास्त्री, डॉ० ए० पी० जे० अब्दुल कलाम जैसे लोग
प्रधानमंत्री और राष्ट्रपति के पद पर आसीन हो सकते हैं।
3. गैर-लोकतांत्रिक सरकारों के कुछ समान लक्षण लिखें।
उत्तर― गैर-लोकतांत्रिक सरकारों, जैसे म्यांमार, नाइजीरिया, पाकिस्तान, चीन आदि
सरकारों के कुछ समान्य लक्षण निम्नांकित हैं―
(क) गैर-लोकतांत्रिक सरकारों में लोग सरकार और उसकी नीतियों
की आलोचना नहीं कर सकते, ऐसा करने पर उन्हें कई यातनाएँ दी जाती है।
जेल तक में धकेल दिया जाता है।
(ख) गैर-लोकतांत्रिक सरकारों में शासनकर्ता, चाहे वह राजा हो या
सैनिक प्रमुख सर्वोसर्वा होता है।
(ग) गैर-लोकतांत्रिक सरकारें या देशों में विरोधी दलों का कोई स्थान
नहीं होता वहाँ केवल वही राजनीतिक दल टिक सकते हैं जो सरकार की हाँ में
हाँ मिलाने वाले हों।
(घ) गैर-लोकतांत्रिक सरकारों में मजदूरों और कारीगरों को संघ बनाने
की कोई अनुमति नहीं होती। केवल ऐसे संगठन ही वहाँ पनप सकते है। जो सरकार
की नीतियों का अनुमोदन करने वाले हों।
(ङ) गैर-लोकतांत्रिक देशों में एक साधारण नागरिक अपने बलबूते पर
किसी भी उच्च स्थान को प्राप्त नहीं कर सकता। यदि वह अपनी जमीर को मार
ले और हाँ में हाँ मिलाता जाए तो वह कुछ भी प्राप्त कर सकता है।
4. लोकतंत्र में स्वतंत्र और निष्पक्ष चुनावों का क्या महत्व है? भारत में
स्वतंत्र और निष्पक्ष चुनाव सुनिश्चित कनरने के लिए किए गए उपायों का
उल्लेख करें।
उत्तर― यह सुनिश्चित करना जरूरी है कि चुनाव स्वतंत्र और निष्पक्ष हों। चुनाव
निष्पक्ष होने के लिए दो कारण हैं। एक, चुनाव लोकतंत्र का दर्पण है। जब तक
चुनाव स्वतंत्र नहीं होंगे, तब तक हम यह नहीं जान पाएंगे कि लोग क्या चाहते हैं।
दूसरे, लोकतंत्र को "जनता की, जनता के लिए और जनता द्वारा सरकार' माना
जाता है। मतदाताओं के सच्चे समर्थन के निबा किसी सरकार की सत्ता में रहने
का अधिकार नहीं है।
स्वतंत्र तथा निष्पक्ष चुनाव सुनिश्चित करने के लिए संविधान में अनेक
प्रावधान दिए गए हैं–
(क) चुनावों का प्रबंध चुनाव आयोग का काम है। उसकी स्वतंत्रता
बनाए रखने के लिए यह प्रावधान किया गया है कि मुख्य चुनाव आयुक्त को हटाने
के लिए यही प्रक्रिया अपनानी होगी जो उच्चतम न्यायालय के न्यायाधीश को हटाने
के लिए अपनाई जाती है।
(ख) चुनाव आयोग ने कहा कि- मंत्री अपने सरकारी दौरों को चुनाव
कार्य के साा नहीं जोड़ेंगे और सत्ताधारी दल के लाभ के लिए सरकारी वाहनों तथा
कर्मचारियों का प्रयोग नहीं किया जाएगा।
(ग) आयोग संवेदनशील चुनाव क्षेत्रों में केंद्रीय प्रेक्षक भेजता है। यदि
किसी मतदान केन्द्र में बूथों पर कब्जा कर लिया गया हो तो आयोग वहाँ पुनः
मतदान के आदेश दे देगा।
(घ) चुनाव याचिकाओं पर सुनवाई उच्च न्यायालयों द्वारा की जाती है।
यदि किसी निर्वाचित उम्मीदवार द्वारा या उसके चुनाव एजेंट द्वारा कोई भ्रष्ट व्यवहार
किया यगा हो तो न्यायालय उस चुनाव को अवैध घोषित कर देगा।
(ङ) राज्य सरकारें मतदाताओं को पहचान पत्र जारी करने के लिए
सिद्धांत रूप से सहमत हो गई है।
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