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   Jharkhand Board Class 8  Sanskrit  Notes | कन्यां रक्षतु कन्यां पठयत्  

    JAC Board Solution For Class 8TH Sanskrit Chapter 9


पाठः―
प्राचीनकाले नारीणां स्थितिः उत्तमा आसीत् । तदा नारी देवीरूपा
पूजनीया च आसीत् । उक्तम् अपि अस्ति- “यत्र नार्यस्तु पूज्यन्ते
रमन्ते तत्र देवताः ।" सर्वे जानन्ति यत् नारी प्रथमे तु कन्यारूपा
भवति । अनन्तरं सा भगिनीरूपा भार्यारूपा मातृरूपा च भवति ।
यदि कन्यारक्षणं न भविष्यति तर्हि भगिनी भार्या माता वा कुतः
मिलिष्यति । अतएव कन्यारक्षणं आवश्यकम् अस्ति । प्राचीने भारतवर्षे
मैत्रेयी गार्गी लोपामुद्रा अरुन्धती प्रभृतयः अनेकाः विदुषीनार्यः
आसन्।

अर्थ :―
प्राचीन समय में नारियों की स्थिति अच्छी थी। तब नारी देवी रूप
और पूजा करने योग्य थी। कहा भी गया है-"जहाँ नारी है, वहाँ
देवता भी निवास करते हैं।" सभी जानते हैं कि नारी पहले रूप
में तो कन्या का रूप है। उसके बाद वह बहन, पली और माता
है। यदि कन्या की रक्षा न होगी तो बहन, पत्नी या माता कहाँ से
मिलेंगी। इसलिए कन्या की रक्षा आवश्यक है। प्राचीन भारत में
मैत्रेयी गार्गी लोपामुद्रा अरुन्धती आदि अनेक विदुषी नारियाँ थीं।

पाठः―
वर्तमानसमय समाजे एका प्रमुखा समस्या अस्ति । सर्वत्र यदा कदा
नारीहत्यायाः समाचाराः श्रुयन्ते । क्वचित् भ्रूणहत्या क्वचित् यौतुकहत्या
क्वचित् अग्निदाहेन क्वचित् विषपानेन वा । कन्याभ्रूणहत्या तु राष्ट्र
कलङ्करूपा एव अस्ति । परन्तु इदं तु विचारणीयं यत् सावित्रीबाईफूले
रमाबाई मदरटेरेसा आदयः नार्यः समाजसेवाम् अकुर्वन् । लतामंगेशकर
किरणबेदी पी० टी० उषा सानियामिर्जा सायनानेहवाल दीपिकाकुमारी
सावित्रीपूर्ति पी० वी० सिंधु इत्यादयः विभिन्नक्षेत्रेषु सराहनीय कार्यम्
अकुर्वन् । कल्पनाचावला अन्तरिक्षं गत्वा देशस्य मस्तकम् उन्नतम्
अकरोत् । अधुना कन्याशिक्षायाः महती आवश्यकता अस्ति । राष्ट्रस्य
अर्धशक्तिः तु नारीषु एव अस्ति । सर्वत्र सर्वेषु क्षेत्रेषु नारीशक्तिः
अग्रिमा अस्ति । सैन्यक्षेत्रेषु शिक्षाक्षेत्रेषु क्रीडाक्षेत्रेषु राजनीतिक्षेत्रेषु
सामाजिकसेवाक्षेत्रेषु च यत्र यत्र पुरुषाः सन्ति तत्र तत्र नार्यः अपि
सन्ति ।

अर्थ :―
वर्तमान समय में समाज में एक प्रमुख समस्या है। सभी जगह
प्रायः नारी की हत्या का समाचार सुनाई पड़ता है। कहीं भ्रूण
हत्या, कहीं दहेज के कारण हत्या, कहीं आग से जलाने या कहीं
जहर पिलाने की घटना सुनाई पड़ती है। कन्या भ्रूण की हत्या तो
देश में कलंक की तरह है। परन्तु यह सोचने योग्य है कि सावित्री
बाई फूले, रमाबाई, मदर टेरेसा आदि नारियों ने समाज की सेवा
की है। लता मंगेशकर, किरण वेदी, पी० टी० उषा, सानिया मिर्जा,
सायना नेहवाल, दीपिका कुमारी, सावित्री पूर्ति, पी० बी० सिन्धू
आदि ने विविध क्षेत्रों में सराहने योग्य काम किए हैं। कल्पना
चावला ने अंतरिक्ष में जाकर देश का मस्तक ऊँचा किया है। इस
समय कन्या शिक्षा की बहुत आवश्यकता है। देश की आधी शक्ति
तो नारी में ही है। सभी क्षेत्रों में नारी शक्ति आगे है, सैन्य, शिक्षा,
खेल, राजनीति और सामाजिक सेवा क्षेत्रों में जहाँ-जहाँ पुरुष है,
वहाँ-वहाँ नारियाँ भी हैं।

पाठः―
चिकित्साभियान्त्रिकीप्रशासनिकरक्षादीनां प्रतियोगितापरीक्षासु कन्यानां
स्थानानि प्रशंसनीयानि सन्ति । अतएव कन्यानाम् अध्ययन-व्यवस्था
अपि सुदृढ़ा कर्त्तव्या। इदं सर्वेषां कर्तव्यम् अस्ति । अस्मिन् कार्ये
सर्वकारः अपि तत्परः अस्ति । सर्वकारस्य उद्घोषम् अस्ति―
              "कन्यां रक्षतु, कन्यां पाठयतु ।"

अर्थ:―
चिकित्सा, अभियांत्रिक, प्रशासनिक रक्षा आदि प्रतियोगिता परीक्षाओं
में कन्याओं का स्थान प्रशंसा करने योग्य है। इसलिए कन्याओं
के पढ़ने की व्यवस्था भी करनी चाहिए। यह सभी का कर्तव्य
है। इस काम में सरकार भी तत्पर है। सरकार का नारा है-
"बेटी बचाओ, बेटी पढ़ाओ।"

                                    अभ्यासः

प्रश्न 1 तथा 2 शब्दार्थ और उच्चारण है।
3. अधोलिखितानां प्रश्नानाम् उत्तराणि लिखत―
(क) प्राचीनकाले नारीणां स्थितिः कीदृशी आसीत् ?
(ख) कन्याया: का: रूपाः भवन्ति ?
(ग) प्राचीने भारतवर्षे काः विदुषीनार्यः आसन् ?
(घ) केषु क्षेत्रेषु नारीशक्तिः अग्रिमा अस्ति ?
(ङ) सर्वकारस्य किम् उद्घोषम् अस्ति ?
उत्तर―(क) प्राचीनकाले नारीणां स्थिति उत्तमा आसीत्।
(ख) कन्यायाः रूपाः भगिनी भार्या माता च भवन्ति।
(ग) प्राचीनकाले भारतवर्ष मैत्रेयी गार्गी, लोपामुद्रा अरूधती प्रभृतयः अनेकाः
विदुषीनार्यः आसन्।
(घ) सर्वकारस्य उद्घोषम् अस्ति―
"कन्या रक्षतु कन्या पाठयतु।"

4. कोष्ठकात् उचितं पदं चित्वा वाक्यं पूरयत―
सर्वकारः   कन्यारक्षणं   कर्तव्यम्   महती   देवीरूपा
(क) तदा नारी ................ पूजनीया च आसीत् ।
(ख) अत एव .................. आवश्यकम् अस्ति।
(ग) अधुना कन्याशिक्षायाः ................ आवश्यक अस्ति।
(घ) इदं सर्वेषां .....................अस्ति ।
(ङ) अस्मिन् कार्ये .................... अपि तत्परः अस्ति।
उत्तर―(क) देवीरूपा (ख) कन्यारक्षणं (ग) महती (घ) कर्त्तव्यम्
(ङ) सर्वकारः

5. अधोलिखितानां पदानां निर्देशानुसारं पदपरिचयं लिखत―
सर्वे,   प्राचीने,   मस्तकम्,   सर्वकारस्य,   देशस्य,   नारीणाम्
          पदानि       मूलशब्दः     लिङ्गम्      विभक्तिः        वचनम्
यथा― नारीणाम्      नारी         स्त्रीलिङ्गम्    षष्ठी           बहुवचनम
उत्तर― सर्वे             सर्व            पु०         सप्तमी         एकवचन
          प्राचीने        प्राचीन         नपुं०        सप्तमी         एकवचन
         मस्तकम्       मस्तक         पु०    प्रथमा/द्वितीया     एकवचन
        सर्वकारस्य     सर्वकार        पु०            षष्ठी            एकवचन
        देशस्य             देश            पु०            षष्ठी             एकचन

6. अधोलिखितानां पदानां रूपाणि षष्ठीविभक्तौ त्रिषु लिङ्गेषु लिखत―
        भार्या,   माला,   विद्या,   अम्बा,   शिक्षिका
                         एकवचनम्       द्विवचनम्       बहुवचनम्
यथा―कन्या          कन्यायाः        कन्ययोः          कन्यानाम्
उत्तर―भार्या              भार्याया:         भार्यों:       भार्याणाम्
          माला              मालाया:         मालयो:      मालानाम्
          विद्या              विद्यायाः         विद्यायोः      विद्यानाम्
          अम्बा             अम्बाया:        अम्बयो:      अम्बानाम्
        शिक्षिका          शिक्षिकाया:     शिक्षिकयोः    शिक्षिकाणाम्

7. अधोलिखितानि पदानि आधृत्य वाक्यानि रचयत―
नारीणाम, कन्यारूपा, मातृरूपा, समाचाराः, कन्यारक्षयाम् ।
उत्तर―नारीणाम् ― प्राचीनकाले नारीणाम् स्थितिः उत्तमा आसीत्।
        कन्यारूपा ― नारी तु प्रथमे कन्यारूपा एव भवति।
        मातृरूपा   ― कन्यारूपा एव अनन्तरं मातृरूपा भवति।
        समाचाराः  ― सर्वत्र यदा का नारी हत्यायाः समाचारा:
                            श्रूयन्ते।
      कन्यारक्षणम्  ― कन्यारक्षणम् महती आवश्यकता अस्ति।

                                          ★★★

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