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   Jharkhand Board Class 8  Hindi  Notes | अशोक का शस्त्र त्याग  

   JAC Board Solution For Class 8TH Hindi Chapter 6


पाठ का सारांश: 'अशोक का शस्त्र त्याग' शीर्षक नाटक वंशीधर
श्रीवास्तव द्वारा लिखित हैं। इस नाटक में नाटककार ने इतिहास प्रसिद्ध
मगध-कलिंग युद्ध की घटना का मनोहारी वर्णन किया है।
    सम्राट अशोक कलिंग पर विजय प्राप्त करने के लिए चार वर्षों से युद्ध
कर रहे हैं। किन्तु कलिंग अभी भी अपराजेय है। अशोक स्वयं सेना का
संचालन करते हैं। तभी स्त्रियों की सेना दुर्ग से बाहर आती है। इस सेना का
नेतृत्व कलिंग नरेश की पुत्री पद्या कर रही है। वह अशोक को ढूँढ़ रही है।
अशोक कहते हैं कि मैं यहाँ हूँ। पद्या अशोक को युद्ध के लिए ललकारती
है। अशोक स्त्रियों से युद्ध करना अस्वीकार कर देते हैं। वे निहत्था होकर पद्या
के समक्ष गर्दन झुकाकर खड़े हो जाते हैं। वे पद्या से बोलते हैं आप मेरी गर्दन
काट लो। पद्मा भी अशोक पर वार नहीं करती है। निहत्थे अशोक को माफ
कर देती है।

                                    अभ्यास प्रश्न

                                     □ पाठ से:

1. सम्राट अशोक क्यों चिंतित थे?
उत्तर― सम्राट अशोक चार वर्षों से भीषण युद्ध कर रहे थे। वे कलिंग
को जीतना चाह रहे थे। पर कलिंग अपराजेय था। दोनों ओर के लाखों आदमी
मारे गए एवं लाखों घायल हुए थे। करोड़ों की युद्ध सामग्री बर्बाद हो चुकी
थी, परन्तु युद्ध जीत पाएँगे या नहीं यह अनिश्चित हो गया था। जीत कब तक
मिलेगी यह ज्ञात नहीं था। इन्हीं कारणों से सम्राट अशोक चिंतित थे।

2. पद्मा अपनी सेना को युद्ध भूमि में क्या प्रण करने को कहती है ?
उत्तर―पद्मा अपनी सेना को युद्ध भूमि में यह प्रण लेने को कहती है कि
जननी जन्मभूमि को पराधीन होते देखने के पूर्व हम सदा के लिए अपनी आँखें
बंद कर लेंगी। अर्थात् इसके पहले कि हमारा कलिंग परतंत्र हो जाए हम इसकी
स्वतंत्रता को बचाने के लिए मर मिटेंगे।

3. पद्या की युद्ध करने की चुनौती को स्वीकार न करना अशोक के
चरित्र की किस विशेषता को प्रकट करता है?
उत्तर―अशोक भारतीय इतिहास में सफलतम शासक, प्रजापालक एवं
दृढ़प्रतिज्ञ सम्राट के रूप में प्रसिद्ध है। पद्या कलिंग महाराज की पुत्री थी। ये
अशोक के समकक्ष थे। उनकी मौत हो चुकी थी। अशोक के लिए पद्या येटी
के समान है। वह स्त्री है। इसलिए स्त्री या बेटी के साथ युद्ध करना शास्त्र
विरुद्ध है। अत: महान अशोक ने पद्या के युद्ध करने की चुनौती को अस्वीकार
कर इतिहास पुरुष के रूप में अपना नाम दर्ज करा लिया।

4. पद्या ने अशोक को क्यों जीवित छोड़ दिया?
उत्तर―पद्या कलिंग नरेश की पुत्री है। उसे राजधर्म की जानकारी है।
अत: अशोक जो तलवार फेक चुके हैं उन पर पद्या आक्रमण नहीं करती है।
शास्त्र में लिखा है कि निहत्थे, कमजोर, स्त्री आदि पर आक्रमण नहीं करना
चाहिए। पद्या शास्त्र विरूद्ध कृत्य कर अपने प्रतापी वंश का नाम लज्जित
कराना नहीं चाहती है। अत: उसने निहत्थे अशोक को जीवित छोड़ दिया।

5. पद्मा और अशोक के बीच हुए संवादों के परिणामस्वरूप अशोक
के विचारों में क्या परिवर्तन आया?
उत्तर―जब अशोक को युद्ध करने के लिए पद्या ललकारती है तब
अशोक धर्म की दुहाई देने लगता है। वह कहता है कि स्त्रियों से युद्ध करना
शास्त्र विरुद्ध है। पद्या कहती है कि शास्त्र निरपराधियों की हत्या करने को
कहता है क्या ? शास्त्र माताओं को गोद एवं बहनों के सिंदूर पोछने की भी
इजाजत नहीं देता। फिर चार साल से युद्ध क्यों कर रहे हो।
      सम्राट अशोक इसी युद्ध के बाद युद्ध न करने का प्रण लेते हैं। इन बातों
का अशोक पर काफी प्रभाव पड़ा और उसने युद्ध न करने की कसम खायी।
उसने बौद्ध धर्म स्वीकार कर लिया।

                               □ पाठ से आगे:

1. इस एकांकी का शीर्षक 'अशोक का शस्त्र-त्याग' रखा गया हे
इसके और भी शीर्षक हो सकते हैं। कोई एक शीर्षक सुझाते हुए उसके
पक्ष में अपना विचार दीजिए?
उत्तर― 'अशोक का युद्ध परित्याग'।
    चूँकि अशोक और पद्या के मध्य हुए विषाद ने अशोक की आँखें खोल
दी। उसे युद्ध में प्रभावित परिवारों के प्रति असीम अनुराग उत्पन्न हो गया।
अतः उसने युद्ध न करने की प्रतिज्ञा ले ली एवं चौद्ध धर्म स्वीकार कर लिया।

2. पद्मा एक साहसी स्त्री थी। आपने कई स्त्रियों को साहसपूर्ण कार्य
करते हुए देखा या पढ़ा होगा। किसी एक घटना के बारे में विस्तार से
लिखिए।
उत्तर― इतिहास में जॉन ऑफ आर्क भी एक यहादुर महिला थी। उन्होंने
भी दुश्मनों के दांत खट्टे कर दिया था। आज भी ये इतिहास में अपनी उत्कट
बहादुरी के लिए प्रसिद्ध थे।

3. इस एकांकी में आपने पढ़ा कि अशोक ने अपना शस्त्र त्याग दिया।
आपकी दृष्टि में उन्होंने सही किया या गलत? आप उनकी जगह होते तो
क्या करते? तर्क सहित उत्तर में?
उत्तर― अशोक ने शस्त्र-त्याग दिया अर्थात् युद्ध न करने का प्रण ले
लिया। अशोक ने ठीक ही किया। हम उनकी जगह होते तो यही निर्णय
लेत, क्योंकि युद्ध सिवाय हानि, दुःख एवं शाप के सिवा कुछ नहीं प्रदान
करता है।

                             □ अनुमान और कल्पना :

1. यदि कलिंग की राजकुमारी पद्मा अशोक को क्षमा नहीं करती तो
क्या होता?
उत्तर―यदि कलिंग की राजकुमारी अशोक को क्षमा नहीं करती तो यह
शास्त्र विरुद्ध कार्य होता। उनकी बदनामी होती। इतिहास में उसे इस निंदनीय
कृत्य के लिए सदा निम्न श्रेणी प्रदान की जाती। भारत के इस पराकर्मी सम्राट
का भी नाम-निशान, इस तरह नहीं रहता।

2. प्रस्तुत एकार्को में युद्ध की चर्चा है। प्रत्येक युद्ध का कोई-न-कोई
कारण होता है। कहा जाता है कि अगला युद्ध जल के लिए होगा। बताइए,
ऐसा क्यों कहा जाता है।
उत्तर―प्रत्येक युद्ध के बीच वर्चस्व का, स्वार्थ का मामला होता है।
किसी की जमीन, किसी का पैसा, किसी की इज्जत जब दाँव पर लग
जाती है तब युद्ध की चिनगारी फैलती है।
      अगला युद्ध जल के लिए होगा। यह सही है। विज्ञान के आविष्कारों से
आज हम आराम की जिन्दगी जी तो रहे हैं. परन्तु यह दिन दूर नहीं जब यही
आराम हमें हराम की जिंदगी देगा। प्रदूषण के कारण पीने का पानी की
दुर्लभता बढ़ जाएगी, तब अगला युद्ध जल के लिए ही होगा क्योंकि जल के
बिना जीवन की कल्पना असंभव है।

                                            ★★★

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