Jharkhand Board Class 8 English Notes | The Sri Krishna Eating House
JAC Board Solution For Class 8TH English Chapter 17
(श्रीकृष्ण भोजन गृह / भोजनालय)
पाठ का हिन्दी अनुवाद
"The Sri Krishna ...........did not know." (Page109-110)
हिन्दी अनुवाद―श्रीकृष्ण भोजनालय जैसा घटिया होटल हरि ने कहीं
नहीं देखा था। यहाँ तक कि उसके गाँव थूल में जो कैफे थे, वे भी उससे
कई गुना अच्छी हालत में थे। लेकिन इस श्रीकृष्ण भोजनालय की क्या बात
करें । यहाँ की दीवाल पर तो एक ढंग की रंगीन तस्वीर भी नहीं लगी थी।
हो सकता है कभी दीवार पर यहाँ कोई फोटो कभी लगी हो जो दीवार
पर जमी मैल और कालिख के नीचे गुम हो गयी हो। कमरे या हॉल जो कहें,
के छत की सीलिंग (अंदरूनी छत) पर मकड़े के जाले भरे पड़े थे, जिनमें
कालिख और मैल जम गयी थी जो कभी भी किसी ग्राहक के सिर पर काली
टोपी की तरह गिर पड़ती थी। पक्का और लकड़ी के टेबल भी काली मैल
के चकत्तों से भरे थे।
सारी रात और सारा दिन वहाँ चूल्हा जलता रहता । बड़े अल्मुनियम
के पैन में रोटी बनती रहती। यह संभवतः बंबई (मुंबई) का सबसे सस्ता
होटल था। यहाँ आने वाले ग्राहक अधिकतर कुली ओर भिखारी थे जो रास्ते
में पेट भरने आते थे।
भोजनालय का मालिक स्वयं भी सारा दिन कड़ी मेहनत करता- रोटियाँ
बनाता रहता उस बड़े खुले चूल्हें में जिसे दिन-रात जलाये रखा जाता था।
एक सुबह हरि नामक लड़का वहाँ आया और भोजनालय के मालिक
ने उसे जब चाय और रोटी खाने को दिया तो हरि बोला-मेरे पास पैसा नहीं
हैं, यहाँ काम मिलेगा। मालिक ने उसे काम पर रख लिया- रसोई में दो
लड़के पहले से हैं। एक और चलेगा। तुम जूठे बर्तन धोना और उन लड़कों
को रोटी के लिए आँटा गूंथने और रोटी बनाने में मदद करना । यहीं रह भी
सकते हो। खाना के अलावे और लड़कों की तरह तुम्हें भी एक रूपया रोज
मिलेगा।
अब हरि उस भोजनालय की रसोई का हिस्सा बन गया और काम में
जुट गया। दोनों लड़के जो पहले से वहाँ थे चुपचाप काम करते जा रहे थे।
जब उनमें से एक लड़का कुछ बोला तो हरि ने जाना कि वह तमिल भाषी
है। तमिल भाषा, जिसे वह नहीं जानता था।
"They were in any case................. Harinodded yes."
[Pages 110-111]
वे लड़के न तो दोस्ताना दिखते थे न उसके बारे में कुछ जानने के
इच्छुक। वे आग को जलाए रखने में जुटे रहते, साथ-साथ एक लड़का
रोटियाँ बेलता तो दूसरा लड़का चिमटे की सहायता से आग पर रोटियाँ
सेंकता । हरि को उन रोटियों को ग्राहकों तक पहुँचाने का काम मिला । उस
जगह इतना ज्यादा काम था और गर्म भी इतना था कमरा कि कभी किसी
के पास बातें करने की शक्ति शेष न रहती। हरि भी चुप ही रहा।
वह चुप ही रहता यदि उसे सामने वाली घड़ी की दुकान का मालिक
दोस्ताना रवैये वाला न लगता । उस दुकान का नाम था, डिंज डौंग वर्क्स ।
जब हरि वहाँ पास में जूठा खाना/ कचरा आदि फेंकने आया तो उस दुकान
और मालिक शायद अली को देखा/जो हरि को देखकर मुस्कुराया। घड़ी
के दुकान मालिक ने प्यार से उससे बातें की। शहर में नये आये हो ? हरि
ने हाँ में जवाब दिया।
"Where do you come......................... to buyapostcard."
[Page 112]
कहाँ से आये हो तुम? जग्गू के गाँव से ?
घड़ी मालिक ने पूछा/हरि ने कहा-नहीं थूल गाँव से । मुझे एक बिल्डिंग
का वॉचमैन यहाँ लेकर खाना खिलाने आया तो मैं यहाँ पर रह गया।
और बच्चों को तो यहाँ जग्गू लेकर आया था। बूढे घड़ीसाज-मालिक
ने लगातार अपनी घड़ी पर काम करते हुए हरि से बातें करना जारी रखा।
उसका रवैया दोस्ताना देखकर हरि का उत्साह बढ़ता गया-हाँ यह आदमी
मेरी कुछ मदद जरूर कर सकता है हरि सोचने लगा।
बूढा घड़ीसाज आगे बोला-और भी लोग जग्गू के पास काम माँगने आते
हैं। वे दो बच्चे जो तुम्हारे साथ काम कर रहे हैं उनके माता-पिता जब रेलवे
ट्रैक पार कर पानी भरने जा रहे थे, तो ट्रेन से कटकर मर गये। उनका
परिवार दूरगाँव से यहाँ शहर में काम के लिए आया था। माँ-बाप कट कर
मर गये तो रेलवे प्लेटफॉर्म पर वह दो लड़के अनाथ हो अकेले रह गये।
जग्गू उन्हें यहाँ काम पर लगा गया ।
हरि यह कहानी सुन काँप गया, उस भोजनालय के मालिक जग्गू के
यहाँ वह अनाथ बच्चे की तरह पलने-बढ़ने, काम करते जाने के ख्याल से
डर गया। फिर उसने उस बूढ़े घड़ी दुकान मालिक से कहा-काश मेरे पास
पैसे होते तो एक पोस्टकार्ड खरीदता ।
"Ah-ha" laughed..................not going home.
[Page 112-113]
हा-हा- बूढ़ा घड़ीसाज हँसा-अचानक तुम्हें किसी को चिट्ठी लिखना
याद आ गया। जरूर लिखना चाहिए यदि कोई है तुम्हारा । सड़क के सीधे
सामने एक बिजली घर है वहाँ जाओ पर पैसे हैं पोस्टकार्ड खरीदने के लिए
तुम्हारे पास? कि दूँ तुम्हें पैसे ?
हरि ने कृतज्ञतापूर्वक उस घड़ीसाज से पैसा लिया। वादा किया कि जैसे
ही उसे जग्गू से पैसे मिलेंगे वह उसे लौटा देगी। उसने पोस्टकार्ड जाकर खरीद
तो लिया पर कलम भी तो चाहिए थी। वह वापस घड़ीसाज के पास आया ।
उससे कलम माँग वहीं सड़क के पास पक्की फर्श पर बैठकर चिट्ठी लिखने
लगा। भोजनालय का मालिक जग्गू उस समय कहीं बाहर गया था। दोनों
अनाथ लड़के सो रहे थे। उनके उठने के पहले यह चिट्ठी लिखने-छोड़ने का
काम हो जाएगा और किसी को पता न चलेगा कि उसने क्या किया। सोचा
हरि ने
फिर हरि ने अपनी माँ को चिट्ठी लिखी कि उसे बंबई में काम मिल
गया है। चिन्ता न करें और वह बराबर घर को पैसे भेजता रहेगा। पोस्टकार्ड
पर उसने अपने गाँव के घर का पता लिखा । प्रेषक के स्थान पर अपना
नाम तो बड़े अक्षरों में लिखा, पर नये शहर का अपना पता नहीं लिखा
पोस्टकार्ड पोस्टबॉक्स में डालने के बाद उसे खुशी हुई कि यह काम तो कर
दिया चुपचाप साथ ही एक डर भी समा गया उसके मन में-इसका मतलब
यह हुआ कि अब वह गाँव वापस नहीं जा रहा था, यहीं बंबई में रहना था
अब उसे।
WORD MEANING
Aerated = हवा भरा हुआ। Anxious = पेरशान । Disposal
Units = एक बड़ा वर्तन जिसमें बचे-खुचे भोजन/सामान डाले जाते हैं।
कूड़ेदान । Grime = जमी हुई मैल। Inquisitive = जिज्ञासु, जानने की
इच्छा रखने वाला । Meanest = जर्जर, तुच्छ । Disappeared = गायब हो
गया । Frownring = भौंह चढ़ाएँ हुए या चढ़ाने वाला । Silent = चुप्पी,
चुप होना । Pavement = सड़क किनारे पत्थर या ईंट की फर्श | Reedy
= दुर्बल, अस्पष्ट । Suddenly = अचानक | Soot = कालिख । Cobweb
= मकड़े का जाल।
□ Comprehension Check - 1:
Q. 1. In which restaurant did Hari start working?
Ans.Hari started working in the Sri Krishna eating house
restaurant.
Q. 2. How was the Sri Krishna Eating House different
from other restaurant in Thul?
Ans. The Sri Krishna eating house was the meanest and
shabbiest restaurant Hari had ever seen, even in thul there
were cafes that were plean santer.
Q. 3. What was Hari's daily wages at the restaurant ?
Ans. Hari got one rupee a day as daily wages at the
restaurant.
□ Comprehension Check - II:
Q. 1. Why did Hari like to talk to the old man in the
watch shop?
Ans. Hari liked to talk to the old man in the watch shop
because he felt that he was an impressive man whom he could
trust and who would understand and try to help him.
Q. 2. What was the name of the watch shop?
Ans.The name of the watch shop was Ding Dong watch
works.
Q. 3. How did the two orphans start working at Jagu's
shop ?
Ans. When two orphan's parents were killed in railway
accident Jagu found them, as he was coming to work in the
morning and he brought them here straightway and gave them
shelter and food and also work.
Explore the Text
Select the most appropriate answer :
1. "These people seemed to have no fixed working
hours" means
(a) The people worked for unlimited period.
(b) The people had fixed working hours.
(c) The people had to work for short period.
Ans.(a)
2. "I have no money to pay for all this food you are
giving me. Will you let me work in your kitchen
instead ?" means―
(a) Hari was very proud.
(b) Hari did not like the food.
(c) Hari did not want to take anything without
paying.
Ans.(c)
3. He did not write his address on the letter because :
(a) He did not want to go home.
(b) He was knowing that he would stay, work and earn.
(c) He did not want to be caught.
Ans.(b)
4. Why was Hari happy and frightened both ?
(a) Happy for earning, frightened for not going
home.
(b) Happy fr writing letter, frightened for going
home.
(c) Happy for writing letter, frightened for not having
pen.
Ans.(a)
□ Answer the following questions:
Q. 1. Describe the condition of Sri Krishna Eating
House?
Ans. The condition of the restaurant, Sri Krishna eating
house was very Pathetic. It was the meanest and shabbiest
restaurant that Hari had every seen. It did have even so much
as a coloured picture glud to the wall or perhaps there had
been one and had disappeared under grim and soot with
which walls were coated. The ceiling was thick with co-webs
that trapped the soot and made a kind of furry blanket over
one's head. The floor and the wooden tables were all black
since they got an even share of soot from the open stoves.
Q. 2. What kind of people came to eat at the Sri Krishna
Eating House ? Why did they come to that particular
restaurant ?
Ans. The people that came to the restaurant were beggars
and coolies. The people came to this particular restaurant as it
was the cheapest restaurant anyone can find in Bombay.
Q. 3. What kind of work did Hari do at the restaurant ?
Ans.Hari washed the pot, and knead the dough and rolled
out chapattis with the other two boys.
Q. 4. Why did the two boys in the kitchen did not speak
to Hari?
Ans. The boys cannot speak to Hari as he didnot knew
Tamil language which the two boys knew.
Q. 5. Why did Hari like talking to the old man in the
watch shop?
Ans. Hari liked talking to the old man as he found him
fine and impressive whom he could trust and who would
understand him and try to help him.
Q.6. What was Hari's mixed feeling when he posted the
postcard?
Ans. Hari was both happy to have/get done what he know
he should do and frightened because this meant he could be
staying in Bombay, not going home.
Q.7. Translate the content in the postcard written by
Hari.
Ans. Loving Mother,
I am in Mumbai. I have got a job. I will be sending you
money regularly.
I hope that you would be fine there. Love to my sisters.
Your son
Hari
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