Jharkhand Board Class 7TH Science Notes | विद्युत धारा और उसका प्रभाव
JAC Board Solution For Class 7TH Science Chapter 16
अभ्यास
1. रिक्त स्थानों की पूर्ति कीजिए―
(i) विद्युत सेल के प्रतीक में लम्बी रेखा ............ टर्मिनल को और
छोटी एवं मोटी रेखा ........... टर्मिनल को निरूपित करती है।
(ii) दो दो से अधिक सेलों के संयोजन को ..............
कहते हैं।
(iii) जब किसी टार्च के स्विच को ऑन करते है। तो बल्ब का
.........................तप्त होकर प्रदीप्त हो जाता है।
(iv) घरों में लोग विद्युत परिपथ की क्षति एवं सम्भावित आग से बचाने
के लिए ................... सुरक्षा प्रदान करता है।
(v) किसी सुई चुम्बक के ऊपर तने तार से विद्युत धारा प्रवाहित है तो
सुई चुम्बक में ..................होती है।
(vi) जब किसी विद्युत हीटर के स्विच को ऑन करते हैं तो इसके
..................... रक्त ताप (लाल) हो जाता है।
उत्तर— (i) धनात्मक, ऋणात्मक (ii) बैटरी (iii) फिलामेंट (iv) फ्यूज
(v) विक्षेपण (vi) एलीमेंट (तापन अवयव)।
2. निम्नांकित कथन सत्य है या असत्य—
(i) विद्युत परिपथ के विभिनन अवयवों को उनके प्रतीकों द्वारा दिखाना
सुविधाजनक है।
(ii) CFL बल्व सुंदरता के लिए लगाया जाता है।
(iii) किसी विद्युत परिपथ में प्रवाहित विद्युत धारा का मान शॉट शर्किट
होने पर बढ़ जाता है।
(iv) ट्यूब लाइट में विद्युत ऊर्जा की खपत अधिक होती है।
(v) किसी सेल के प्रतीक में लम्बी रेखा, सेल के ऋण ध्रुव को बताती
है।
(vi) फ्यूज विद्युत धारा के उष्मीय प्रभाव पर आधारित एक सुरक्षा
उपकरण है।
उत्तर—(i) सत्य (ii) असत्य (iii) सत्य (iv) असत्य (v) असत्य
(vi) सत्य।
3. विद्युत परिपथों के निम्नांकित अवयवों को निरूपित करनेवाले
प्रतीक अपनी कॉपी में खींचें—
संयोजक तार, स्विच ऑफ, स्विच ऑन, विद्युत बल्य, विद्युत सेल
तथा बैटरी।
उत्तर—
4. चित्र में दिए गए विद्युत परिपथ को निरूपित करने के लिए
विद्युत आरेख खींचिए।
उत्तर—
5. चित्र में 4 बैटरी दिखाई गई हैं। रेखाएँ खीच कर सेल के
उत्तर—
6. चित्र में एक विद्युत परिपथ दर्शाया गया है जिसमें विद्युत
बल्य प्रदीप्त नहीं हो पा रहा है। क्या आप असका कारण
पता लगा सकते हैं। परिपथ में आवश्यक परिवर्तन करके
बल्ब को प्रदीप्त कीजिए।
उत्तर— विद्युत बल्ब दीप्त नहीं हो पा रहा है क्योंकि दोनों सेलों का
ऋणात्मक टर्मिनल एक साथ संयोजित किया गया है।
एक सेल के ऋणात्मक टर्मिनल को दूसरे सेल के धनात्मक
टर्मिनल से संयोजित करना चाहिए।
7. कॉलम 'क' से कॉलम 'ख' का सही मिलान कीजिए।
कॉलम 'क' कॉलम 'ख'
(i) गीजर (a) बंद परिपथ
(ii) विद्युत घंटी (b) कम गलनांक के पदार्थ
(iii) फ्यूज (c) बैटरी
(iv) विद्युत धारा का प्रभाव (d) विद्युत धारा का चुम्बकीय प्रभाव
(v) दो सेलों का संयोजन (e) विद्युत धारा का ऊष्मीय प्रभाव
उत्तर— (i)-(e), (ii)-(d), (ii)-(b), (iv)-(a), (v)-(c).
8. विद्युत धारा के दो प्रभावों के नाम लिखिए।
उत्तर—तापीय प्रभाव, चुम्बकीय प्रभाव।
9. जब विद्युत हीटर से विद्युत धारा प्रवाहित की जाती है, तब
क्या होता है?
उत्तर—जब विद्युत हीटर से विद्युत धारा प्रवाहित की जाती है तब विद्युत
होटर के अंदर लगे स्पींग तप्त हो जाते हैं।
10. क्या विद्युत चुम्बक का उपयोग किसी कचरे के ढेर से
चुम्बकीय पदार्थ को पृथक करने के लिए किया जा सकता
है? स्पष्ट कीजिए।
उत्तर—हाँ, विद्युत चुम्बक का उपयोग कबाड़ से चुम्बकीय पदार्थ को
पृथक करने के लिए किया जाता है। डॉक्टर दुर्घटना के समय
आँख में गिरे चुम्यकीय पदार्थ के छोटे टुकड़े को बाहर निकालने
के लिए नन्हें विद्युत चुम्बक का उपयोग करते हैं।
11. विद्युत धारा से उष्मीय प्रभाव के कोई दो विद्युत साधित्र का
नाम लिखिए?
उत्तर—बल्ब, हीटर।
12. किसी तार से विद्युत धारा प्रवाहित करने पर उसके पास रखे
सूई चुम्बक में विक्षेपण क्यों होता है?
उत्तर―किसी तार से विद्युत धारा प्रवाहित करने पर उसके पास रखे सुई
चुम्बक में विक्षेपण होता है क्योंकि वह सुई चुम्बक की तरह
व्यवहार करने लगती है।
13. एक लोहे की कील को विद्युत चुम्बक बनाना है, इसके लिए
आप क्या करेंगे ? वर्णन कीजिए।
उत्तर―क्रिया कलाप :
(i) लोहे की 6-10 cm लंबी कीले-1
(ii) लगभग 75cm लम्या विद्युत रोधी तार
(iii) स्विच
(iv) संयोजक तार
(v) पिन
(vi) सेल
विधि―
–विद्युत रोधी तार को चित्र की भाँति लोहे की कील पर कस
कर लपेटिए
–तार के स्वतंत्र सिरों को स्विच और सेल से चित्र के अनुसार
संयोजित कीजिए।
–स्विच को ऑन की स्थिति में लाइए।
–लोहे की कील के नीचे कुछ पिन रखिए।
–कुछ पिन कील के नीचे चिपक जाती हैं। अब स्विच को ऑफ
की स्थिति में लाइए। सभी पिन कील से हट जाती हैं।
14. एक स्वच्छ नामांकित चित्र की सहायता से एक विद्युत घंटी
की बनावट तथा क्रिया विधि का वर्णन कीजिए।
उत्तर― आर्मेचर (नर्म लोहे का बना होता है, जो एक इस्पात कमानी से
जुड़ा होता है। इसके दूसरे भाग में हथौड़ा लगा रहता है। यह एक
विद्युत चुम्बक के ध्रुवों के समांतर व्यवस्थित रहता है। कमानी का
ऊपरी भाग एक पेंच के सम्पर्क में रहता है। यह पेंच एक स्विच
से हुआ होता है। परिपथ में बैटरी और विद्युत चुम्बक संयोजित
रहता है।
स्विच को ऑन की स्थिति में लाने पर विद्युत परिपथ पूरा हो
जाता है। विद्युत धारा पेंच तथा कमानी से होकर विद्युत चुम्बक
की कुण्डली में जाती है। इसमें कुण्डली के अंदर का लोहे का
टुकड़ा चुम्बकीय हो जाता है और यह आर्मेचर अपनी ओर
आकर्षित करता है। इस स्थिति में पेंच तथा कमानी के बीच का
सम्पर्क भंग हो जाता है जिससे विद्युत चुम्बक की कुंडली से धारा
का प्रवाह रूक जाता है। इससे विद्युत चुम्बक अपना चुम्बकत्व
खो देता है और आर्मेचर पर उसका आकर्षण समाप्त हो जाता है।
इससे आर्मेचर अपने पहले की स्थिति में लौट आता है। इस प्रकार
'धारा प्रवाहित और बंद होने की प्रक्रिया बार-बार होती है। जिससे
टन-टन की ध्वनि उत्पन्न होती है।
15. विद्युत धारा के उष्मीय प्रभाव को दिखाने के लिए एक
प्रयोग का वर्णन कीजिए।
उत्तर―नाइक्रोम के तार के हीटर को संयोजक तार, बैटरी तथा स्विच से
जोड़ते हैं। स्विच को बंद रखकर। नाइक्रोम के तार को छूकर देखते
हैं। स्विच को चाललू कर परिपथ में विद्युत धारा प्रवाहित करते
हैं। कुछ सेकेंड बाद थोड़े समय के लिए स्पर्श करते हैं। स्विच को
बंद कर विद्युत धारा के प्रवाह को बंद कर देते हैं। कुछ सेकेंड बाद
नाइक्रोम के तार को फिर से स्पर्श करते हैं।
जब विद्युत धारा प्रवाहित होती है, तो नाइक्रोम का तार गर्म हो
जाता है। इसे विद्युत धारा का ऊष्मीय (तापीय) प्रभाव कहते हैं।
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