Jharkhand Board Class 7TH Science Notes | जल : अनमोल संसाधन
JAC Board Solution For Class 7TH Science Chapter 3
अभ्यास
1. निम्नलिखित वाक्यों के समक्ष (✓) अथवा (×) का चिन्ह
लगाइए—
(क) भौम जल का स्तर कभी कम नहीं होता है।
(ख) जल की कमी की समस्या केवल शहरी क्षेत्रों के निवासी
करते हैं।
(ग) नदियों का जल खेतों के सिंचाई का एकमात्र स्रोत है।
(घ) भौम जल हर जगह पीने लायक होता है।
उत्तर—(क) × (ख) × (ग) × (घ) ×
2. रिक्त स्थानों की उचित शब्दों से पूर्ति कीजिए।
(क) झारखण्ड में वर्षा का वितरण ................ है।
(ख) जल की तीन अवस्थाएँ ................,............. और........... है।
(ग) वर्षा जल संचयन को ..................कहते हैं।
(घ) भूमि के अंदर जल के रिसने की प्रक्रिया को ........... कहते हैं।
(ङ) वन की कटाई से भौम जल स्तर में .................. आई है।
उत्तर—(क) असमय
(ख) ठोस, द्रव, गैस (ग) वर्षा जल संग्रहण
(घ) अंतः स्पंदन (ङ) कमी
3. सही उत्तर (✓) चिन्ह लगाए —
(i) पौधों को भी जल की आवश्यकता होती है—
(क) श्वसन प्रक्रिया में (ख) प्रकाश-संश्लेषण प्रक्रिया में
(ग) उत्सर्जन प्रक्रिया में (घ) वाष्पोत्सर्जन प्रक्रिया में
(ii) जल की कमी के लिए उत्तर–दायी नहीं है।
(क) बढ़ती जनसंख्या (ख) वनों की कटाई
(ग) अत्यधिक वर्षा (घ) औद्योगिकीकरण
(iii) जल निम्न में से कौन से द्रवीय अवस्था में नहीं पाया जाता—
(क) हिमपात
(ख) झील का जल
(ग) नदी का जल
(घ) जल वाष्प
उत्तर— (i)-(घ), (ii) - (ग), (iii) - (क)
4. जल की कमी से पौधों पर क्या प्रभाव पड़ता है?
उत्तर― पौधों को अपना भोजन बनाने के लिए मिट्टी से पोषक तत्वों के
साथ-साथ जल की भी आवश्यकता होती है। जल के अभाव से
पृथ्वी से हरियाली समाप्त हो जायेगी।
पौधों पर निर्भर रहने वाले जीव एवं मनुष्य का अस्तित्व भी खतरे
में आ जाएगा। पौधों के न रहने पर न ही पृथ्वी पर पर्याप्त भोजन,
ऑक्सीजन उपलब्ध होगी और न ही पर्याप्त वर्षा होगी इससे
संबंधित अनेकों समस्याएँ भी उत्पन्न हो कीजिए।
5. प्रकृति में भूमिगत जल के स्रोत का वर्णन कीजिए ।
उत्तर― भूमिगत जल–वर्षा जल का कुछ भाग मिट्टी के छिद्रों से नीचे
रिसकर चट्टानों के ऊपर जमा हो जाता है। जल के इस प्रकार
रिसने की क्रिया को 'अंतः स्पन्दन' कहा जाता है। भूमि के नीचे
वाली सतह को भौम जलस्तर कहा जाता है। इसकी ऊंचाई
अलग-अलग स्थानों पर भिन्न-भिन्न होती है। चापाकल तथा
नलकूप द्वारा पानी इसी स्तर पर निकाला जाता है।
भौम जलस्तर में कमी या अपक्षय–बढ़ती मानव जनसंख्या तथा
जल की मांग पृथ्वी के जलस्रोतों पर गहरा दवाब उत्पन्न कर रही
है। करीब 70% भूमंडलीय स्वच्छ जल सिंचाई में लग रहा है।
ताकि इस बढ़ती आबादी की आवश्यकता के लिए ज्यादा उपज की
जाय। घरेलू औद्योगिक उद्देश्यों के लिए भी जल पर दवाब पड़ा है।
प्रतिव्यक्ति जल की खपत भी बढ़ी है।
भौम स्तर में आई कमी के कारण है, जिनमें प्रमुख कारण
निम्नलिखित हैं―
जनसंख्या वृद्धि, कृषिगत उपयोग, औद्योगिकरण, वर्षा का असमान
वितरण, वन की कटाई, जल की बर्बादी।
6. दैनिक जीवन में जल का क्या महत्त्व है?
उत्तर―आपने समाचार पत्रों, रेडियो, टेलीविजन द्वारा प्रसारित समाचारों में
जल संकट की चर्चा एवं दृश्य देखे होंगे। आस-पास के नलों और
चापाकल के सामने पंक्तियों में लगकर पानी भरती महिलाएँ।
कभी-कभी इन लम्बी कतारों में लड़ाई-झगड़े जल की मांग के
लिए धरने और प्रदर्शन आदि ऐसा दृश्य विशेषकर गर्मी के दिनों
में देखने को मिलता है। आपने विद्यालय, प्रखण्ड कार्यालय,
बाजारों में बड़े-बड़े पोस्टरों को देखा होगा।
इसमें जल की बचत के संदेश होते हैं।
7. रैनवाटर हार्वेस्टिंग (वर्षा जल संग्रहण) क्यों आवश्यक है?
उत्तर―पिछले कुछ वर्षों में देश के साथ झारखंड में भी वर्षा कम हो रही
है, साथ ही शहरीकरण के कारण पेड़ों की कटाई, सड़क निर्माण,
भवन निर्माण लगातार हो रहा है। इस कारण जल की पुनः पूर्ति
की बाधा उत्पन्न हुई है। यहाँ की जनता को जल के लिए कई
घंटों तक कतार में रहना पड़ता है। टैंकरों में पानी पहुंचाया जाता
है। जलपर्ति की होती है।
8. जेल-संरक्षण की विभिन्न विधियों को स्पष्ट कीजिए?
उत्तर― जल संरक्षण की विभिन्न विधियाँ निम्नलिखित हैं―
(i) तालाब एवं नहरों का निर्माण करके।
(ii) टैंकर के द्वारा पानी दूसरे स्थान पर पहुँचा कर।
(iii) गाँवों में डोभा का निर्माण करके।
(iv) बाँधों का निर्माण करके।
9. ड्रिप सिंचाई विधि क्या है? वर्णन कीजिए।
उत्तर― ड्रिप सिंचाई वैसी विधि है जिसमें किसान द्वारा अपने खेतों में जल
आपूर्ति पतले पाइपों के द्वारा फसलों की जड़ों में डाला जाता है
जिससे जल की बचत होती है। इसे बूंद सिंचाई के नाम से भी जाना
जाता है।
10. भीम जल और जलस्तर को दिखाते हुए रेखाचित्र बनाइए
उसे चिन्हित कीजिए।
उत्तर―
चित्र : भौम जल और मौम जलस्तर
11. मान लीजिए आपके क्षेत्र में काफी वर्षा होती है किन्तु गरमी
के दिनों में कुँआ का पानी सूख जाता है। आप जल को
बचाने के लिए क्या उपाय कर सकते हैं?
उत्तर― हम अपने क्षेत्र में टंकी का निर्माण करेंगे जिसमें वर्षा का जल
संरक्षित हो। इसके बाद पानी को रिजर्वर की सहायता से उसे
संरक्षित करके लंबे समय तक उपयोग में ला सकते हैं या उसे
कुँए में भी संरक्षित कर सकते हैं।
12. भौंम जल स्तर के निचे गिरने के लिए उत्तर-दायी कारको
का वर्णन कीजिए ?
उत्तर― भौम जल स्तर के नीचे गिरने के लिए उत्तर–दायी कारक
निम्नलिखित हैं―
(i) जनसंख्या (ii) कृषिगत उपयोग (iii) वर्षा का असमान वितरण
(iv) वन की कटाई (v) जल की बर्बादी।
13. समझाए की भौम जल की पुनः पूर्ति किस प्रकार होती है?
उत्तर―भौम जल को पुनः पूर्ति हम निम्नलिखित तरीकों से कर सकते हैं―
(i) जनसंख्या वृद्धि पर रोक लगाकर
(ii) औद्योगिकरण पर रोक लगाकर
(iii) वर्षा का समान वितरण करके
(iv) वन की कटाई पर रोक लगाकर
(v) जल की संचय करके
14. झारखण्ड सरकार गाँव तथा शहरों में जल संचयन के लिए
किस तरह का कार्य कर रही है? इसमें हमारी क्या सहभागिता
है?
उत्तर― झारखण्ड सरकार गाँव तथा शहरों में जल संचयन के लिए तालाब
को संख्या में वृद्धि कर रही है। इसके अलावा वृक्षारोपण की अनूठी
मिसाल पेश की है। इसके कारण गाँवों में तीन फसलें उपजाई जा
सकती है। जब सिमोन 28 साल के थे, तो उन्होंने बारिश को
नियंत्रित करने के लिए अल्पविकसित बाँधे बनाई।
15. पृथ्वी पर तीन-चौथाई भाग में जल है, फिर भी पेय जल की
समस्या है। कारण बताइए।
उत्तर― जल की कमी पूरे विश्व में चिंता का विषय बन गई है। ऐसा
अनुमान है कि अब से कुछ ही वर्षों में विश्व के एक-तिहाई से
अधिक जनसंख्या को जल की कमी का सामना करना पड़ेगा।
जल की कमी पर चर्चा करने से पूर्व हमें यह जानना जरूरी है
कि हमारी पृथ्वी पर उपयोग के लिए मात्र 1% जल उपलब्ध है।
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