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   Jharkhand Board Class 7TH Science Notes | श्वसन  

  JAC Board Solution For Class 7TH Science Chapter 6


                                           अभ्यास

1. सही उत्तर (✓) चिन्ह लगाइए―
(i) अत्यधिक शारीरिक श्रम करने के बाद हमारे पैर एवं हाथ की
पेशियों में निम्नलिखित किसके जमा होने से दर्द होने लगता है?
(क) अल्कोहल
(ख) लैक्टिक अम्ल
(ग) कार्यन डाइऑक्साइड 
(घ) ग्लूकोस

(ii) किसी सामान्य वयस्क व्यक्ति की विश्राम-अवस्था में औसत
श्वसन दर होती है?
(क) 9-12/प्रति मिनट
(ख)15-18/ प्रति मिनट
(ग) 21-24 प्रति मिनट
(घ) 30-33/प्रति मिनट

(iii) निम्न में से मानव संसाधन अंग के भाग कौन है—
(क) फेफड़ा
(ख) आहारनली
(ग) ट्रैकिया
(घ) डायफ्राम
उत्तर—(i)-(ख), (ii)-(ख), (iii)-(ख)।

2. सही / गलत का चयन कीजिए—
(i) मछलियों में श्वसन के लिए फेफड़े होते हैं।
(ii) प्रश्वास के समय वक्ष-गुहा का आयतन बढ़ जाता है।
(iii) फेफड़ा से कार्बन डाइऑक्साइड को शरीर से बाहर वातावरण में
निकालने की क्रिया प्रश्वास कहलाती है?
(iv) मनुष्य, गाय, भैस में श्वसन गिल्स के द्वारा होता है।
उत्तर—(i) गलत, (ii) सही, (iii) सही, (iv) गलत ।

3. खण्ड-'क' में दिए गए शब्बों को खण्ड-'ख' के साथ
मिलान कीजिए।
खण्ड–'क'                       खण्ड–'ख'
(a) यीस्ट                         (i) केंचुआ
(b) डायाफ्राम                  (ii) अल्कोहल
(c) त्वचा                        (iii) वक्ष-गुहा
(d) मछली                      (iv) रंध्र
(e) पत्तियाँ                      (v) फेफड़ें तथा त्वचा
उत्तर— (a)-(ii), (b) - (iii), (c)-(i), (d)-(v), (e) - (iv).

4. कारण बताइए:
(i) कोई धावक दौड़ समाप्त होने पर सामान्य से गहरी साँस
लेता है।
उत्तर—कोई धावक दौड़ समाप्त होने पर सामान्य से गहरी साँस लेता
है, क्योंकि उस समय ऑक्सीजन की अस्थायी रूप से कमी हो
जाती है और धावक को दौड़ने में अधिक ऊर्जा की आवश्यकता
होती है।

(ii) जब हम अत्यधिक धूल भरी हवाओं में साँस लेते हैं तो छींक
आती है।
उत्तर—हम अत्यधिक धूल भरी हवाओं में साँस लेते हैं तो छींक आती
हैं क्योंकि धूल हमारे अंतः श्वेच्छावास प्रक्रिया में बाधा लाती है,
जिसके वजह से हमें छी आती है।

5. वायवीय और अवायवीय श्वसन के बीच समानताएँ और
असमानताएँ और अंतर बताइए?
उत्तर— कोशिकाओं में जब ऊर्जा उत्पादन के लिए ग्लूकोज अणुओं का
विखंडन ऑक्सीजन की उपस्थिति में CO₂ तथा जल में होता है।
तब यह प्रक्रिया ऑक्सी वायवीय श्वसन कहलाता है। जब ग्लूकोस
का विखंडन ऑक्सीजन की अनुपस्थिति में होता है, तब वह
'अनॉक्सी' अवायवीय श्वसन कहलाती है। इस क्रिया में ग्लूकोस
अणु ऑक्सीजन की अनुपस्थिति में एल्कोहल अणु ऑक्सजीन की
अनुपस्थिति में ऐल्कोहल तथा कार्बन डाइआक्साइड बनाते हैं तथा
इनके साथ ऊर्जा का भी उत्पादन होता है।

6. मनुष्य के श्वसन अंगों का वर्णन कीजिए।
उत्तर― मनुष्य जब नथुनों से वायु अंदर लेता है तो वायु नथुनों से नासागुहा
में ही चली जाती है। नासागुहा से वायु. श्वसन नली से होकर हमारे
फेफड़ों में जाती है। फेफड़े वक्ष-गुहा में स्थित होते हैं। वक्षगुहा
पार्श्व में पसलियों से घिरी रहती है। एक बड़ी पेशी परत जो
डायाफ्राम कहलाती है, वो वक्ष-गुहा के आदान-प्रदान करती है।
श्वसन में डायाफ्रम और पसलियों से बने पिंजरे की गति सम्मिलित
होती है।
        प्रश्वास के समय पसलियाँ ऊपर और बाहर की ओर गति
 करती हैं और डायाफ्राम नीचे की ओर गति करता है। यह गति
हमारी वक्ष-गुहा के आयतन को बढ़ा देती है और वायु फेफड़ों में
आ जाती है। उच्छवसन के समय पसलियों नीचे और अंदर की
ओर आ जाती है जबकि डायाफ्राम ऊपर की ओर अपनी पूर्व
स्थिति में आ जाती है। इससे वक्ष-गुहा का आयतन कम हो जाता
है और वायु फेफड़े से बाहर ढकेल दी जाती है।

7. तीन परखनलियाँ लीजिए । प्रत्येक का 3/4 भाग तक जल से
भर लीजिए। इन्हें A, B तथा C द्वारा चिहिनत कीजिए परखनली
A में घोंघा रखिए। परखनली B में कोई जलीय पौधा रखिए
तथा C में घोघा और पौधा दोनों को रखिए। किस परखनली
में कार्बन डाइऑक्साइड की मात्रा अधिक होती है।
उत्तर― छात्र स्वयं करें।

8. अवायवीय श्वसन के फलस्वरूप बनने वाले पदार्थ क्या है?
जब―
(i) ये पेशी में होता है।
उत्तर— पेशी कोशिकाएँ भी अवायवीय रूप से श्वसन कर सकती है।
लेकिन ये ऐसे थोड़े समय तक ही कर सकती हैं। वास्तव में यह
प्रक्रम उस समय होता है, जब ऑक्सीजन की मात्रा अस्थायी रूप
से कम हो जाती है।

(ii) ये यीस्ट में होता है।
उत्तर— यीस्ट एक कोशिक जीव है। यीस्ट अवायवीय रूप से श्वसन करते
हैं और इस प्रक्रिया में ऐल्कोहल निर्मित करते हैं। अतः इनका
उपयोग शराब और बियर बनाने के लिए किया जाता है।

9. जब हमें नींद आती है तो हम जम्हाई लेने लगते हैं। ऐसा क्यों
होता है?
उत्तर— जब हमें नींद आती है तो हम जम्हाई लेने लगते हैं क्योंकि श्वसन
के दौरान, वक्ष-गुहा में परिवर्तन होते हैं जिससे हमारी श्वसन
प्रक्रिया तेज हो जाती है।

10. वायु में उपस्थित कौन-सी गैस अवायवीय श्वसन के लिए
जरूरी है? श्वसन में ऑक्सीजन की क्या भूमिका है?
उत्तर— वायु में उपस्थित ऑक्सीजन गैस अवायवीय श्वसन के लिए जरूरी
है। साँस लेने तथा छोड़ने की क्रिया को श्वसोच्छावास कहते हैं।
श्वासोच्छावास द्वारा बाहरी वातावरण एवं श्वसन अंगों जैसे फेफड़ों
के बीच गैस का आदान-प्रदान होता है। अतः श्वासोच्छावास की
क्रिया दो चरणों में सम्पन्न होती है।
पहले चरण में बाहर से वायु के साथ ऑक्सीजन श्वसन अंग में
पहुँचाता है। इसे 'प्रश्वास' कहते हैं।
दूसरे चरण में फेफड़ा से कार्बन डाइऑक्याइड को शरीर से बाहर
वातावरण में निकाल दिया जाता है। इसे उच्छवास कहते हैं।

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