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    Jharkhand Board Class 7TH Science Notes | पौधों में जनन  

  JAC Board Solution For Class 7TH Science Chapter 15


                                             अभ्यास

1. सही विकल्प का चयन कीजिए :
(i) निम्नलिखित में से पौधे का कौन-सा भाग लैंगिक प्रजनन में भाग
लेता है?
(क) पुष्प
(ख) जड़ 
(ग) तना 
(घ) टहनी

(ii) आलू के पौधे की आँखें क्या है?
(क) जड़
(ख) मुकुल
(ग) तना
(घ) पुष्प

(iii) ब्रायोफिलम अपने जिस भाग द्वारा जनन करता है, वह है—
(क) तना 
(ख) पत्ती
(ग) मूल
(घ) पुष्प

(iv) परिपक्व होने पर अंडाशय विकसित हो जाता है—
(क) बीज में 
(ख) पुंकेसर में 
(ग) स्त्रीकेशर में 
(घ) फल में

(v) नर और मादा युग्मक के युग्मन का प्रक्रम कहलाता है—
(क) निषेचन (ख) परागण (ग) जनन (घ) बीज निर्माण
उत्तर- (i) - (क), (ii) - (ग), (iii) - (ख), (iv) - (घ), (v) - (क)।

2. कॉलम-'क' में नीचे दिए शब्दों का कॉलम-'ख' में दिये गए
जीवों से मिलान करें।
'क'                                 'ख'
(a) कली मुकुल              (i) मैपिल
(b) आँख                      (ii) स्पाइरेगाइरा
(c) खंडन                     (iii) यीस्ट
(d) पंख                       (iv) डबलरोटी की फफूंद
(e) बीजाणु                   (v) आलू
(f) गुलाब                     (vi) तना
उत्तर-(a)-(iii), (b)- (v), (c)-(ii), (d)-(i), (e)-(iv).

3. लैंगिक जनन एवं अलैंगिक जनन में मुख्य अंतर क्या है?
उत्तर— अलैंगिक : इसमें पौधे बिना बीजों के अन्य अंगों जैसे जड़, तना,
पत्ती, आदि के कायिक अंग से पौधे को जन्म देते हैं।
लैंगिक : इसमें नर जननांग एवं मादा जननांग होते हैं।

4. किसी पुष्प का पुंकेसर एवं स्त्री केसर का चित्र खींचकर
नामांकित कीजिए।
ph
5. द्विलिंगी तथा एकलिंगी फूलों में अंतर स्पस्ट करें।
उत्तर— एकलिंगी के फूलों में बीजों का अंकुरण एक से होता है। द्विलिंगी
में फूलों के बीजों का अंकुरण एक से अधिक से होता है।

6. वायु द्वारा प्रसारित होने वाले बीज किस प्रकार के होते हैं?
उत्तर— वायु द्वारा प्रसारित होने वाले बीज परिवहन बीज की तरह होते हैं।

7. अलैंगिक जनन की विधियों का वर्णन कीजिए। प्रत्येक का
उदाहरण वीजिए?
उत्तर— कायिक प्रवर्धन : यह एक प्रकार का अलैंगिक जनन है, जिसमें
पौधे बिना बीजों के अन्य अंगों जैसे जड़, तना, पत्ती आदि के
कायिक अंग से पौधे को जन्म देते हैं।
उदाहरण-गुलाब अथवा चंपा के पौधे आदि।
कायिक जनन चार विधियों द्वारा होता है–
(i) जड़ों द्वारा
(ii) भूमिगत तनों द्वारा
(iii) भूपृष्ठीय तनों द्वारा 
(iv) पत्तियों द्वारा ।
खंडन— अपने नजदीकी तालाब में अथवा ठहरे हुए पानी में भ्रमण करते
समय वहाँ पर हरे रंग के अवपंकी गुच्छे तैरते हुए मिलेंगे। ये
अवपंकी गुच्छे शैवाल हैं। पोषक तत्व उपलब्ध होने पर ये
विकसित होते हैं और दो या उससे अधिक भागों में टूट जाते हैं।
प्रत्येक टुकड़ा अपने खाये हुए भागों को पुनः बनाकर एक पूर्ण
शरीर बना लेता है। यह प्रक्रम निरंतर चलता रहता है और कुछ
ही समय में शैवाल एक बड़े क्षेत्र में फैल जाता है। अलैंगिक जनन
की यह विधि पुरुद्धभवन भी कहलाती है। उदाहरण-डबल रोटी
को नम करके।

8. पुष्पों में निषेचन का प्रक्रम किस प्रकार सम्पन्न होता है?
उत्तर— बीजांड के निषेचन होने के बाद पुष्प में कई प्रकार के परिवर्तन
होते हैं। जब इसे पंखुड़ियों या पुमंग की आवश्यकता नहीं होती
है तो यह भाग मुरझा कर गिर जाते हैं। वर्तिकान भी सामान्यतः
नष्ट हो जाते हैं। केवल अंडाशय शेष बच जाता है। इसी अंडाशय
में निषेचित बीजांड (युग्मनज) आगे विकसित होकर बीज बनता
है। अंडाशय में भोजन का संचय होने लगता है तथा अंत में
अंडाशय एक फल बन जाता है।

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