Jharkhand Board Class 7TH Moral Education Notes | साहसी संध्या
JAC Board Solution For Class 7TH Moral Education Chapter 4
4. साहसी संध्या
1. सही विकल्प चुनिए :
(क) संध्या थी-साहसी
(i) डरपोक
(ii) लड़ाकू
(iii) साहसी
(iv) शर्मीली
(ख) गाँववालों की परेशानी का कारण था―
(i) पागल कुत्ता
(ii) पागल गीदड़
(iii) पागल आदमी
(iv) इनमें से कोई नहीं
(ग) गीदड़ कैसा जानवर है?
(i) हिंसक
(ii) पालतू
(iii) शाकाहारी
(iv) इनमें से कोई नहीं
(घ) साहस है:
(i) एक कार्य
(ii) एक राग
(iii) एक दोष
(iv) एक गुण
(ङ) संध्या को पुरस्कृत किया गया क्योंकि
(i) वह एक गरीब लड़की थी
(ii) वह एक लड़की थी।
(iii) उसने साहसपूर्ण कार्य किया।
(iv) उसे पुरस्कार की आवश्यकता थी।
उत्तर― (क)-(iii), (ख)-(ii), (ग)-(1), (घ)-(iv), (ङ)-(iii).
2. पागल गीदड़ को सामने पाकर संध्या ने क्या निर्णय लिया और
क्यों?
उत्तर― पागल गीदड़ को सामने पाकर संध्या ने यह निर्णय लिया कि
इस खूखार जानवर के सामने शराफत या कमजोरी दिखाने से काम नहीं
चलेगा। इससे तो मुकाबला करना ही होगा क्योंकि यह जानवर तो छोड़ेगा
नहीं।
3. इस कहानी से आपने क्या सीखा?
उत्तर― इस कहानी से हमें यह सीख मिलती है कि हमें कभी भी हार
नहीं माननी चाहिए। हम अपने साहस, बल और बुद्धि के माध्यम से कोई
भी काम करने में सक्षम होते हैं।
4. यदि आप संध्या की जगह होते तो क्या करते?
उत्तर― यदि मैं संध्या की तरह गीदड़ मारने का प्रयास अवश्य करता।
5. अपने जीवन से जुड़ी किसी एक घटना का वर्णन कीजिए जब
आपने कोई साहस भरा कार्य किया या देखा हो।
उत्तर― एक समय की बात है। सुबह के आठ या नौ बज रहे थे। मैं
अपने घर के दरवाजे के बाहर देखा कि एक पुरुष अपनी पत्नी को जलाने
का प्रयास कर रहा है, उस पर मिट्टी का तेल डाल रहा है और माचिस
खोज रहा है। मैं दौड़ कर गई और उस महिला के आगे जाकर खड़ी हो
गई और उनके पति को समझाने का प्रयास किया कि ऐसा न करें। फिर
भी उस व्यक्ति ने गुस्से में आकर मुझे हटाकर उसे जलाने की कोशिश
की। मैंने उस आदमी के हाथ से माचिस छीना और फेंक दिया और लोगों
को बुलाना शुरू किया। फिर वहाँ बहुत से लोग आए. उन्हें समझाया फिर
सब कुछ ठीक हो गया। मुझे उस महिला ने आशीर्वाद भी दिया।
6. 'जो डर गया वो मर गया।'-इस उक्ति के संबंध में अपना
विचार व्यक्त कीजिए।
उत्तर― 'जो डर गया वो मर गया।' यह उक्ति बिल्कुल सच है। जो
इन्सान मुसीबत में, संकट में, रणभूमि इत्यादि में डर जाते हैं वे सचमुच
मर जाते हैं। यदि संध्या भी डर जाती और साहस से नहीं लड़ती तो वह
भी मर सकती थी।
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