Jharkhand Board Class 7TH History Notes | झारखंड की संस्कृति
JAC Board Solution For Class 7TH (Social Science) History Chapter 9
□ आइए जानें―
1. रिक्त स्थानों की पूर्ति कीजिए :
(क) झारखण्ड की सबसे ऊंची पहाड़ी ............. है।
(ख) कुडुख और मालवा .............. भाषा परिवार में है।
(ग) झारखण्ड की संपर्क भाषा ................. है।
(घ) छऊ नृत्य की शुरुआत झारखण्ड के ............... जिला में
हुई थी।
(ङ) ................... को फूलों का त्योहार माना जाता है।
(च) जादोपटिया ................. की एक प्रचलित शैली है।
(छ) फादर हॉफमैन की कृति .................. है।
(ज) डोमकच गीत ............. के अवसर पर गाया जाता है।
उत्तर― (क) पारसनाथ (ख) द्रविड़ (ग) नागपुरी (घ) पुरुलिया
(ङ) सरहुल (च) चित्रकला (छ) मुण्डारिका (ज) विवाह
और त्योहार
2. निम्नलिखित प्रश्नों का उत्तर संक्षेप में कीजिए :
(क) पंचपरगनिया मुख्यतः किन-किन क्षेत्रों में बोली जाती है?
उत्तर― पंचपरगनिया तमाड़, बुण्डू, राहे और सेनाहातू आदि क्षेत्रों में
बोली जाती है।
(ख) जादोपहिया चित्रकला क्या है?
उत्तर― जादोपहिया संथाल समाज के मिथकों पर आधारित चित्रकला
की एक शैली है। इस लोककला में समाज के विभिन्न रीति-रिवाजों,
धार्मिक विश्वासों और नैतिक मान्यताओं की प्रस्तुति की जाती है। इस
चित्रकला को ही जादोपरिया चित्रकला कहा जाता है।
(ग) झारखण्ड के प्रमुख त्योहार कौन-कौन हैं?
उत्तर― झारखण्ड के प्रमुख त्योहार हैं-करमा, सरहुल और टुस्।
(घ) झारखण्ड का वायलिन किस वाद्ययंत्र को कहा जाता है?
उत्तर― झारखण्ड का वायलिन मांदर, भेईर, बाँसुरी एवं तिरियों और
जयपुरिया मांदर को झारखंड का वायलिन वाद्ययंत्र कहा जाता है।
□ आइए चर्चा करें―
3. कोहवर चित्रकला की क्या विशेषता है ?
उत्तर―हजारीबाग जिला एवं आसपास के क्षेत्रों में लुप्तप्राय होती
बिरहोर जनजाति के घरों (कुम्यांस) की दीवारों पर एवं मिट्टी का लेप
चढ़ाकर मिट्टी के रंगों से बने चित्रों में कोहबर कला की विशेषताएँ
प्रतिबिंबित होती है। प्रत्येक विवाहित महिला अपने पति के घर कोहबर
कला का चित्रण करती है। यह चित्रकारी घर-आंगन में विभिन्न ज्यामितीय
आकृतियों में फूल-पत्तियों, पेड़-पौधों और नारी प्रतीकों की अनूठी
चित्रकारी के रूप में की जाती है।
4. झारखंड का कौन-सा नृत्य ओजपूर्ण है ? इसे ओजपूर्ण क्यों
माना जाता है?
उत्तर― झारखंड का छऊ नृत्य ओजपूर्ण है। इसे ओजपूर्ण इसलिए
माना जाता है क्योंकि इसमें प्रकृति और मनुष्य के बीच के संबंधों के
अतिरिक्त अच्छे एवं बुरे लोगों के बीच के संघर्ष से जुड़ी गाथाओं को
आकर्षक ढंग से प्रस्तुत किया जाता है।
5. झारखंड में करमा त्योहार किस तरह मनाया जाता है ?
उत्तर―करमा झारखंड के आदिवासियों का एक महत्त्वपूर्ण त्योहार है।
यह त्योहार भादो महीना में शुक्ल पक्ष एकादशी तिथि को मनाया जाता
है। करमा में प्रकृति की पूजा की जाती है। इसमें पूरे 24 घंटे तक का
उपवास रखा जाता है। इस त्योहार में करम वृक्ष की एक डाल गाड़ कर
रात भर सामूहिक नृत्य किया जाता है।
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