Jharkhand Board Class 7TH History Notes | शहर व्यापार और शिल्प
JAC Board Solution For Class 7TH (Social Science) History Chapter 6
□ आइए जानें―
1. रिक्त स्थानों की पूर्ति कीजिए :
(क) ............. विजयनगर साम्राज्य की राजधानी थी।
(ख) राजराजेश्वर मन्दिर का वास्तुकार ................ था।
(ग) .............. गुजरात का प्रमुख बन्दरगाह है।
(घ) हॉलैण्ड वासियों ने आन्ध्रप्रदेश में ........ पर अपनी
बस्ती बसाई।
(ङ) अजमेर में ................ का मजार है।
उत्तर― (क) हम्पी (ख) कुंजरमल्लन राजराज पेरुथच्यन
(ग) सूरत (घ) मसूली पट्टनम (ङ) मोइनुद्दीन चिश्ती
2. सही कधन के आगे (✓) का एवं गलत कथन के आगे (×) का
चिह्न लगायें:
(क) तंजावुर मुगलों की राजधानी थी। ( )
(ख) कृष्णदेव राय हम्पी का शासक था। ( )
(ग) मुगल शासक अकबर ने गोलकुंडा पर अधिकार जमा लिया। ( )
(घ) आन्ध्र तट का सबसे महत्वपूर्ण पत्तन सूरत है। ( )
उत्तर— (क) × (ख) ✓ (ग) ✓ (घ) ×
3. मध्यकाल के कुछ मंदिर नगरों और वहाँ स्थित मुख्य मंदिर की
एक सूची तैयार कीजिए।
उत्तर— छात्र स्वयं सूची बनाएँ।
4. हम्पी क्यों प्रसिद्ध था ?
उत्तर— हम्पी विजयनगर साम्राज्य की राजधानी थी। यह स्थापत्य,
व्यापार आदि के लिए प्रसिद्ध था।
5. सूरत को मक्का का प्रवेश द्वार क्यों कहा जाता था ?
उत्तर— मक्का जाने वाले बहुत से हज यात्री सूरत बंदरगाह से प्रस्थान
करते हैं, इसलिए सूरत को मक्का का प्रवेश द्वार कहा जाता था।
6. मसूलीपट्टनम को समृद्ध बनाने में योगदान देने वाले समूहों की
एक सूची तैयार कीजिए।
उत्तर— शहर को घनी आबादी और समृद्धशाली बनाने में गोलकुंडा
के कुलीन वर्गों, तेलुगु, कोमटी, चेट्टियार और यूरोपीय व्यापारियों तथा
फारसी सौदागरों का अहम योगदान था।
□ आइए चर्चा करें―
7. मध्यकाल में नगरों का विकास किस प्रकार हुआ?
उत्तर― मध्यकाल में विभिन्न स्थानों पर कई मंदिर बनवाए गए थे।
कालांतर में इनमें से कुछ स्थान नगरों में परिवर्तित हुए, जिन्हें मंदिर नगर
कहा जाने लगा।
8. हम्पी की वस्तुकारिता आज की वास्तुकारिता से किस प्रकार
भिन्न है?
उत्तर― हम्पी की वास्तुकारिता में शाही भवनों का निर्माण होता था
जिसमें बड़े-बड़े कक्ष होते थे, सुन्दर नक्काशी होती थी, सांस्कृतिक
गतिविधियों का केन्द्र होता था, ऊँची-ऊँची वेदिकएँ बनती थीं। आज की
वास्तुकारिता में ये सब नहीं होते हैं। इसलिए हम्पी की वास्तुकारिता आज
की वास्तुकारिता से भिन्न है।
9. यूरोपीय कंपनियाँ बंदरगाहों पर नियंत्रण करने का प्रयास क्यों
करती थीं?
उत्तर― क्योंकि यूरोपीय कंपनियों को सामान का आयात-निर्यात करने
के लिए बंदरगाहों की जरूरत सबसे अधिक थी।
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