Jharkhand Board Class 7TH Hindi Notes | जीवन रक्षक वृक्ष
JAC Board Solution For Class 7TH Hindi Chapter 6
पाठ का सारांश : प्रस्तुत पाठ में वृक्षों के पर्यावरणीय महत्त्व पर प्रकाश
डाला गया है। साथ-साथ वैसे वृक्षों के बारे में बताया गया है जो सदियों से
हमारी कई प्रकार से मदद करते आ रहे हैं। हमें इनके संरक्षण एवं संवर्धन
के लिए तत्पर होना चाहिए। एक तरफ हम आधुनिकता की होड़ में अपने
पर्यावरण की अनदेखी कर रहे हैं। अपनी छोटी-मोटी जरूरतों को पूरा करने
के लिए अपने आस-पास के पेड़ों की अंधा-धुंध कटाई कर रहे हैं।
परिणामतः प्रकृति प्रदत्त कई जीवन रक्षक पेड़ धीरे-धीरे समाप्त होते जा रहे
हैं। दूसरी ओर बाजार की मँहगी दवाओं पर अपनी कमाई का अधिकांश खर्च
कर रहे हैं। उसे हम बचा सकते हैं। परन्तु हमारा ज्ञानं इस जानकारी से अब
तक अछूता है।
अभ्यास प्रश्न
□ पाठ से:
1. वर्ग में शिक्षक ने कौन-सी महत्त्वपूर्ण बात कही?
उत्तर―वर्ग में शिक्षक ने महत्त्वपूर्ण बात यह कही कि जहाँ समस्याएँ
होती हैं, वहीं आस-पास उन समस्याओं का समाधान भी होता है।
2. दवा के रूप में पेड़-पौधों के किन-किन अंगों का प्रयोग किया
जाता है?
उत्तर― दवा के रूप में पेड़-पौधों की-जड़, तना, छाल, पत्ते, फूल, फल
और बीजों का प्रयोग किया जाता है।
3. पहले चिकित्सा के लिए कौन-सी पद्धति अधिक प्रचलित थी ?
उत्तर― पहले चिकित्सा के लिए आयुर्वेदिक चिकित्सा पद्धति प्रचलित
थी। इसमें पादपों के विभिन्न अंगों का प्रयोग कूट-पीस कर दवा बना कर
दीया जाता था।
4. रोग निरोधक क्षमता से हमारा क्या अभिप्राय है?
उत्तर―रोगों से बेचने की प्रतिरोधक क्षमता जो हमें रोगों के प्रभाव में
आने से बचाती है रोग निरोधक या रोग प्रतिरोधी क्षमता कहलाती है। प्रतिरोधी
क्षमता सही होने पर हम बीमार नहीं पड़ते या कम पड़ते हैं।
5. सहजन (मुनगा) से हमें कौन-कौन से पोषक तत्त्व प्राप्त होते हैं?
उत्तर― सहजन से हमें कार्बोहाइड्रेट, प्रोटीन, कैल्सियम, पोटैशियम, आयरन,
मैग्नीशियम, विटामिन-ए, सी और बी-कम्प्लेक्स प्रचुर मात्रा में प्राप्त होते हैं।
सहजन में दूध की तुलना में चार-गुणा कैल्सियम और दो गुणा प्रोटीन पाया
जाता है।
6. गर्मी से बचाव के लिए किन-किन फलों का उपयोग करते हैं?
उत्तर― गर्मी से बचाव के लिए हम निम्न फलों का उपयोग करते हैं-
बेल, पपीता, आम, तरबूज, ककड़ी, खीरा, खरबूजा।
7. औषधीय गुणों से युक्त कौन-कौन-से पेड़ जंगलों में अधिक है?
उत्तर―औषधीय गुणों से युक्त-करंज, सहजन, बेल, पीपल, आमलतास,
नीम, बरगद, कोरोइया, इमली, बबूल, आँवला, हरे, बहेरा आदि पेड़ हैं। ये
हमारे जंगलों में बहुतायत से पाये जाते हैं।
□ पाठ से आगे:
1. छोटी-छोटी बीमारियों में परिवार के सदस्य कुछ नुस्खों का प्रयोग
करते हैं। ऐसे घरेलू नुस्खों के बारे में पताकर लिखिए।
उत्तर― स्वयं पता कर लिखें।
2. वर्तमान समय में चिकित्सा की कौन-कौन सी पद्धतियों का प्रयोग
किया जा रहा है?
उत्तर―वर्तमान में एलोपैथिक चिकित्सा पद्धति का प्रयोग अधिक किया
जाता है। उसके बाद आयुर्वेदिक, होम्योपैथिक, यूनानी आदि चिकित्सा पद्धति
का प्रयोग होता है।
3. रोगों की स्थाम एवं प्राथमिक उपचार के लिए पेड़-पौधों के
औषधीय गुणों की जानकारी क्यों जरूरी है ?
उत्तर―पौधों के औषधीय गुणों की जानकारी होने पर ही हम इनकी
पहचान कर एवं विधिपूर्वक बीमारी में प्रयोग कर सकते हैं। तभी यह दवा
के रूप में बीमारियों के होने पर प्रभावी होगी।
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