Jharkhand Board Class 7TH Hindi Notes | मिठाईवाला
JAC Board Solution For Class 7TH Hindi Chapter 3
पाठ का सारांश : मिठाईवाला कहानी में एक फेरीवाले की कहानी है।
वह हर बार कभी मिठाई, कभी खिलौने तो कभी मुरली बेचने आता है। समय
के प्रभाव से वह आज इस स्थिति में पहुँच गया है। इससे पूर्व वह भरे-पूरे
परिवार एवं सम्पत्ति का मालिक था। वह अपने भूतकाल के दुःखों को भुलाने
के लिए मुहल्ले के बच्चों को प्यार और लोगों को खुशी देने का प्रयास करता
है। वह कमाई या पैसे के लिए यह धंधा नहीं करता है। वह धीरज, संतोष
एवं असीम सुख के लिए यह सब करता है।
अभ्यास प्रश्न
□ पाठ से:
1. मिठाईवाला किस तरह से अपने आगमन की सूचना देता था ?
उत्तर―मिठाईवाला "बच्चों को बहलाने वाला खिलौने वाला...."- इस
अधुरे वाक्य को विचित्र, किन्तु मादक-मधुर ढंग से गाकर कहता है कि सुनने
वाले एक बार अस्थिर हो उठते । सभी उसके स्नेहाषिक्त कंठ से फूटे गान
सुनकर आगे चले आते।
2. बच्चे मिठाईवाले के पास क्यों खिंचे चले आते थे?
उत्तर― उसकी बोली स्नेहाभिशक्ति कंठ से निकलती थे। जिसे सुनकर
बच्चे खिंचे चले आते थे। उसे घेरे लेते । तब वह अपनी पेटी खोलकर सभी
को मिठाइयाँ देकर पैसे लेने लगता था।
3. रोहणी को मुरलीवाले के स्वर से खिलौने का स्मरण क्यों हो
आया?
उत्तर―रोहणी को मुरली वाले की आवाज सुनाई पड़ी- बच्चों को
बहलाने वाला, मिठाईवाला....। यह स्वर उसे पूर्व परिचित लगा। उसे पूर्व में
खिलौने बेचने वाले की आवाज की तरह यह आवाज लगी। अत: उसे खिलौनों
का स्मरण हो आया।
4. कहानी के अंत में मिठाईवाले ने किस कारण ऐसा कहा-अब
इस बार ये पैसे न लूँगा।
उत्तर― मिठाई वाले से जब उसके व्यवसाय में मिलने वाले लाभ के बारे
में रोहिणी ने पूछा तो उसने अपनी आप बीती सुना डाली। भारतीय समाज में
आप बीती पूछने वाला और सुनने वाला अपना हो जाता है। अत: मिठाई वाले
ने इस बार मिठाई के पैसे न लिया।
□ पाठ से आगे:
1. फेरीवाले ऐसी-ऐसी आवाजें लगाते है कि म चाहने पर भी बच्चे
और बड़े आपकी (उनकी) ओर खिंचे चले जाते हैं। फेरीवाले कैसी-कैसी
आवाजें लगाते हैं, सूची बनाएँ।
उत्तर―
व्यवसाय आवाजें
चायवाला ― चाय - चाय - चाय, चा ले लो।
गरमा गरम चाय ले लो।
छोला भटूा वाला ― छोले- छोले- छोले ले लो।
सोनपपड़ी वाला ― ऐ-सोनपपड़ी-ले लो s s s ।
2. मिठाईवाला दूसरों को प्यार और खुशी देकर अपना दुःख कैसे
कम करता है, लिखिए।
उत्तर―मिठाई वाले को ऐसा लगता है कि उसके परिवार की आत्मा ने
जन्म ले लिया है। वह उन्हीं किन्हीं बच्चों के शरीर में होगी। अत: वह दूसरों
को प्यार और खुशी देकर अपने खालीपन के अहसास को कम करता है।
3. बताइए फेरीवाले किस प्रकार हमारे मददगर है ?
उत्तर― फेरीवाले गली, गली, दरवाजे-दरवाजे घूमकर सामग्री बेचते हैं।
इससे हमारा कीमती समय खर्च होने से बच जाता है। इस प्रकार ये हमारी
मदद करते हैं।
4. फेरीवाले से विजय यायू मोलभाव करते हैं। क्या फेरीवाले से
मोल-भाव करना उचित है? पक्ष/विपक्ष में तर्क दें।
उत्तर― फेरीवाले कम तौलते हैं। ज्यादा पैसे और भाव बताते हैं अतः
इनसे मोलभाव करना चाहिए।
फेरीवाले गरीब होते हैं। वे मिहनत करते हैं। हम उनकी वस्तु की कीमत
तो दे देते हैं किन्तु हमारे घर तक पहुँचने की मिहनत का ये हमसे कुछ नहीं
लेते, न हम देते हैं। अत: उनसे मोलभाव नहीं करना चाहिए।
★★★