Jharkhand Board Class 7TH Hindi Notes | बीज
JAC Board Solution For Class 7TH Hindi Chapter 13
पाठ का सारांश : 'बीज' शीर्षक कविता सुमित्रानंदन पंत रचित है। इस
कविता में कवि ने वट वृक्ष (बरगद) के छोटे से बीज के माध्यम से जीवन
की उत्पत्ति को समझाने का प्रयास किया है। विकास, संघर्ष की कहानी है।
संघर्ष करने के उपरांत ही विकास प्राप्त होता है। बीज जिस तरह अपने
अस्तित्व को बचाए रखता है, गहन अंधकार से प्रकाश की जाता है, आगे
वह पेड़ के रूप में विकसित होता है, उसी प्रकार मनुष्य को भी अपना
अस्तित्व बनाए रखने और विकास हेतु सतत् संघर्षशील रहना चाहिए।
कवि परिचय: सुमित्रानंदन पंत छायावाद के आधार स्तंभों में अग्रगण्य
हैं। बीज शीर्षक कविता उनकी अप्रतिम रचना है।
इनका जन्म 1900 ई० में अल्मोड़ा (उत्तराखंड) में हुआ था। इनका
देहावसान 1977 ई० में हुआ था।
इनके काव्य में प्रकृति सौन्दर्य, कल्पनाशीलता, मानवतावादी स्वर और
आधुनिक चेतना के बीज छिपे हैं। सन् 1919 ई० में वे महात्मा गाँधी के
आदान पर अपनी पढ़ाई अधूरी छोड़कर स्वाधीनता संग्राम में कूद पड़े। इन्हें
सोवियत लैंड नेहरू पुरस्कार, साहित्य अकादमी पुरस्कार तथा भारतीय
ज्ञानपीठ पुरस्कार से सम्मानित किया गया ।
पल्लव. गुंजन, युगांत, ग्राम्य, स्वर्ण किरण, उत्तरा, कला और बूढ़ा चाँद,
चितंबरा, लोकायतन आदि इनकी प्रमुख रचनाएँ हैं।
अभ्यास प्रश्न
□ पाठ से:
1. पाठ के अनुसार बीज में क्या-क्या है?
उत्तर―बीज में डाल, पात, जड़, धड़, तना, हरियाली, रंग, रूप एवं
फल-फूल के गुण छिपे रहते हैं अर्थात् सूक्ष्म बीज के भीतर असंख्य गुण छिपे
हैं जो अनुकूल परिस्थितियों में विशाल वृक्ष बन जाते हैं।
2. हम जब कोई बीज मिट्टी में डालते हैं तो उसका क्या परिणाम
होता है?
उत्तर―जब हम कोई बीज को मिट्टी में डालते हैं, तो वह अंकुरित होकर
सर्वप्रथम पौधे के रूप में पैदा होता है। समय बीतते जाता है एवं वह पौधा
धीरे-धीरे अपने विशालकाय रूप में वृक्ष बनकर हमारे सामने खड़ा हो जाता
है।
3. कवि ने बीज के लिए उसका प्रकाश उसके भीतर को कहा है?
उत्तर―बीज सूक्ष्म होता है। जब उसे मिट्टी, जल, वायु एवं प्रकाश जैसी
दशाएँ मिलती हैं तो उसके अंदर का प्रकाश जाग उठता है और वह सूक्ष्म
बीज विशाल पौधा बनकर हमारे सामने आ जाता है। बीजों के जन्म लेने की
क्षमता को ही यहाँ 'प्रकाश उसके भीतर' कहा गया है।
4. आशय स्पष्ट करें―
बंदी उसमें जीवन अंकुर
जो तोड़ निखिल जग के बंधन–
पाने को है निज सत्व मुक्ति ।
चिर निद्रा से जग, बन चेतन ।
उत्तर―इन पक्त्यिों का आशय यह है कि सूक्ष्म बीज को जब हम मिट्टी
में बो देते हैं, तो उसके अंदर अंकुरण का बंदी गुण अपने बंधन को तोड़कर
बाहर आ जाता है। वह अपने वजूद को पाने के लिए सुसुप्तावस्था त्यागकर
वृक्ष बनने की ओर अर्थात् विकास के प्रक्रम को अपना लेता है।
5. आपके विचार से बीज एक तुच्छ चीज है, अथवा नहीं? अपने
उत्तर के पक्ष में तर्क बीजिए।
उत्तर―मेरे विचार से बीज तुच्छ चीज नहीं है। वह महान है जो पौधे/वृक्ष
के संपूर्ण अस्तित्व को अपने छोटे से बीज में संजोए रहता है। सही परिस्थितियों
के आते ही वह उसे बड़ा बनने के लिए प्रोत्साहित कर देता है।
□ पाठ से आगे:
1. पता करके लिखिए कि किसान धान के विचड़े कैसे तैयार करता
है?
उत्तर―किसान पहले पौधे घर बनाता है। उसमें धान के बीज को छींटता
है। कुछ दिन बाद लगभग 6 इंच के पौधे तैयार हो जाते हैं। इसे धान का
विचड़ा कहते हैं। उसे वहाँ से उखाड़कर तैयार खेतों में रोपा जाता है।
2. कोदो, सरसों से क्षुद्र चीज-कोदो और सरसों के बीच बहुत छोटे
होते हैं। आप कोदो के बारे में पता कीजिए । वैसे पौधों का नाम भी
लिखिए जिनके बीज छोटे होते हैं।
उत्तर―कोदो पानी में उपजने वाला धान की प्रजाति का पौधा है। इसे
विशेष विधि से पानी में ही सूप की सहायता से सिसोह लिया जाता है। फिर
उखल में कूटकर चावल प्राप्त किया जाता है। इस चावल का पूजा में प्रयोग
किया जाता है।
सामा, सिंघाड़ा, मडुआ, सरसो, तीसी, आदि के बीज छोटे होते हैं।
3. विभिन्न पर्व त्योहार में फल-फूलों के अलावा कई तरह के अनाज
का भी उपयोग किया जाता है। आप एक तालिका बनाइए जिसमें बाई
ओर पर्व त्योहार का नाम और दाईं ओर उनसे जुड़े बीज का नाम हो।
उत्तर― पर्व का नाम बीज का नाम
दशहरा गट्टू का आटा, सिंघाड़ा का आटा
दिवाली बेसन का लड्डू (चना, अरहर दाल)
होली गेहूँ का आटा
★★★