Jharkhand Board Class 6TH History Notes | ग्रामीण एवं शहरी जीवन
JAC Board Solution For Class 6TH (Social Science) History Chapter 9
1. रिक्त स्थानों की पूर्ति कीजिए―
(क) उपमहाद्वीप में लोहे का प्रयोग लगभग................. वर्ष पहले
हुआ।
(ख) तमिल क्षेत्र में बड़े भू-स्वामियों को..............कहा जाता
था।
(ग) अवशेषों की खुदाई द्वारा दिल्ली में...................मिला है।
(घ) रोपड़......................... में बसा है।
(ङ) अरिकामेड्डु प्राचीन.................... था।
उत्तर― (क) 1000 ई. पू. (ख) बेल्लला (ग) वलय कूप
(घ) पंजाब (ङ) पेडोक
2. निम्नलिखित प्रश्नों के उत्तर लिखिए ।
(क) ग्राम-भोजक किसे कहा जाता है ?
उत्तर― उत्तर-भारत के गाँवों में जिसके पास बहुत ज्यादा जमीन होती
थी, वह गाँव का प्रधान होता था से ग्राम-भोजक कहा जाता था।
(ख) आहत सिक्के किसे कहा जाता था ?
उत्तर― आहत सिक्के को प्राचीनतम् सिक्का समझा जाता है। ये
सिक्के सोने या चाँदी के बने होते थे। सिक्कों पर विभिन्न आकृतियों को
आहत कर बनाया जाता था।
(ग) मथुरा किसलिए प्रसिद्ध है?
उत्तर― प्राचीन नगर मथुरा कृष्ण भगवान की जन्म-स्थली के रूप
में प्रसिद्ध है।
(घ) एरेटाइन किसे कहते हैं ?
उत्तर― किसी वस्तु या शिल्प पर की जाने वाली कोलाकारी ही
एरेटाइन कहा जाता है।
(ङ) बेरीगाजा किन-किन उद्योगों के लिए प्रसिद्ध था ?
उत्तर― बेरीगाजा बंदरगाह से मदिरा, ताँबा, मूँगा, पुखराज, शिलाजीत,
काँच, सोने एवं चाँदी की मुद्राओं का आयात किया जाता था। यहाँ से
मसाले, हीरे, नीलम, रत्न एवं कछुए की पीठ की हड्डी का निर्यात होता
था।
3. बेरीगाजा बंदगाह नहीं होता तो लोग व्यापार कैसे करते ?
उत्तर― बेरीगाजा बंदरगाह भारत के पश्चिमी तट पर स्थित बंदरगाह
था। इसे भड़ौच के नाम से भी जाना जाता था। पश्चिमी एशिया का
अधिकांश व्यापार इस बंदरगाह से बंद हो जाता, क्योंकि यहाँ से प्रमुख
व्यापार होता था। इस बंदरगाह से मंदिरा, ताँबा, मूंगा, पुखराज, शिलाजीत,
काँच, सोने एवं चाँदी की मुद्राओं की आयात रूक जाती । यहाँ से मसाले,
हीरे, नीलम, रत्न एवं कछुए की पीठ की हड्डी का निर्यात होता था।
4. प्राचीन शहरों की जानकारी हमें कैसे प्राप्त होती है ?
उत्तर― प्राचीन शहरों की जानकारी हमें वहाँ की अवशेष वस्तुएँ से
मिलती है। मुख्यतः खुदाई के बाद ही वहाँ की वस्तुओं से पता लगाया
जाता है कि शहर कितना प्राचीन था। जैसे-हड़प्पा शहर की खुदाई में
मिलें चीजें जैसे सिक्के, नक्कासी, वहाँ के पत्थर तथा अवशेषों से इनकी
प्राचीनता तथा इतिहास का पता चलता है।
5. मथुरा को कुषाणों ने दूसरी राजधानी क्यों बनाया ?
उत्तर― प्राचीन नगर मथुरा कृष्ण भगवान के जन्म के लिए प्रसिद्ध
है। मेगास्थनीज ने अपने लेखों में मथुरा नगर को एक महान नगर
लिखा है। मथुरा कुषाणों की दूसरी राजधानी थी। मथुरा एक धार्मिक
केन्द्र भी है। यहाँ बहुत ही सुंदर मूत्तियाँ बनती थी। इस नगर में
सुनार, लुहार, बुनकर, टोकरी बनाने वाले लोग भी थे । व्यापारी नगर में
रहते थे। मथुरा के लोग दूर-दूर तक जाकर व्यापार करते थे। हर्षवर्द्धन
के शासनकाल में भी मथुरा सूती वस्त्र का बहुत बड़ा व्यापारीरिक केन्द्र
था । इस वजह से कुषाणों ने मथुरा को दूसरी राजधानी बनाया।
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