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     Jharkhand Board Class 6TH History Notes | आरंभिक समाज  

 JAC Board Solution For Class 6TH (Social Science) History Chapter 2


1. रिक्त स्थानों की पूर्ति कीजिए―
(क) आखेटक मानव .............तथा कंदराओं में रहते थे।
(ख) पुरातत्व स्थल की खोज करने वाले ................. कहलाते हैं।
(ग) पाषाणकालीन औजार झारखंड के ....................चाईबासा
जिलों में पाए गए हैं।
(घ) भीम बेटका गुफा .............. राज्य में है।
(ङ) पुरापाषण काल का समय .................. साल पहले था।
उत्तर― (क) गुफाओं (ख) पुरातत्वविद (ग) झरिया (घ) मध्य प्रदेश
(ङ) 20 लाख

2. निम्नलिखित प्रश्नों के उत्तर दीजिए―
(क) आखेटक या खाद्य संग्राहक किसे कहते थे?
उत्तर― प्राचीन काल में मानव जब पृथ्वी पर आया होगा तो उस
समय उसका अपना कोई समाज नहीं था। वे अपने भोजन की खोज में
इधर-उधर भटकते रहते थे। लोग खाने के लिए जंगली जानवरों का
शिकार करते थे। मछलियाँ और चिड़ियाँ पकड़ते थे, फल, कंद-मूल, दाने,
पौधे-पत्तियाँ, अंडे इकट्ठा किया करते थे। उन्हें भोजन में बड़ी सर्तकता,
जागरूकता और तेजी लाना पड़ता था। आज उन्हें आखेटक या खाद्य
संग्राहक के नाम से जानते हैं।

(ख) आवासीय तथा उद्योग स्थल किसे कहा जाता था ?
उत्तर― प्राचीन काल में लोग अपने आवास के पास ही औजारों को
बनाने का काम करते थे। इसलिए उस स्थान को आवासीय तथा उद्योग
स्थल कहा जाता था।

(ग) आग की खोज किस प्रकार हुई ?
उत्तर― मानव जब पत्थरों के औजार बनाते थे, उस समय आपस
में दो पत्थरों को टकराने पर चिंगारियाँ निकली होंगी और इन चिंगारियों
के द्वारा घास और सूखी पत्तियों के जलने से ठंड के दिनों में उन्हें राहत
महसूस होती होगी। तभी आग की खोज हुई थी।

(घ) शैल चित्रकारी किसे कहते हैं?
उत्तर― प्राचीन काल में लोग जिन गुफाओं और कंदराओं में रहते
थे, उन्हें सजाकर रखना सीख गए होंगे। उन्होंने अपने औजारों को
परिष्कृत करके कलात्मक ढंग से प्रभावशाली फलक का निर्माण किया
और पाषाण खंड पर आकृति को उकेर करके प्रथम कला का निर्माण
किया, जिसे शैल चित्रकारी कहते हैं।

(ङ) जलवायु परिवर्तन ने मानव को किस प्रकार प्रभावित
किया था?
उत्तर― आज से लगभग 12000 वर्ष पूर्व दुनिया की जलवायु में
परिवर्तन के फलस्वरूप गर्मी बढ़ने लगी। धीरे-धीरे घास वाले मैंदान बनने
लगे और घासों को खाकर जीने वाले जानवर जैसे-हिरण, बारहसिंघा, भेड़,
बकरी, गाय आदि की संख्या बढ़ने लगी । मानव भी इनके खाने-पीने की
आदतों और प्रजनन के समय की जानकारी हासिल करने लगे । नव पाषण
युग की शुरुआत लगभग 10000 से 4000 ई. पू. तक मानी गयी है। इसमें
मानव पूर्ण रूप से स्थायी और विकसित हो गया था। इसे नव पाषण युग
कहते हैं।

3. अदि मानव कहाँ रहा करते थे? क्या आप उन जगहों पर रहना
पसंद करेंगे, अगर नहीं तो क्यों ?
उत्तर― आदि मानव के रहने के स्थान गुफाओं, कंदराओं तथा नदियों
और झीलों के किनारे रहते थे। हम उन जगहों पर नहीं रह सकते, क्योंकि
उस समय मानव धूप, वर्षा और ठंडक तथा जंगली जानवरों से बचने के
लिए गुफाओं तथा कंदराओं में रहते थे जबकि आज के समय में इन चीजों
से बचने के लिए हमारे पास घर है। नदियों एवं झीलों से उन्हें पीने का
पानी मिल जाता था। परन्तु वह स्वच्छ नहीं होता था। उस समय के लोगों
के स्थान को आज हम उधोग स्थल एवं आवास स्थल कहते थे।

4. आदि मानव के काल को पाषाण काल क्यों कहा जाता है ?
उत्तर― प्राचीन काल में जब मनुष्य पृथ्वी पर आया होगा, तो उस
समय उसका अपना कोई समाज नहीं था। वह भोजन की तलाश में
इधर-उधर भटकता रहता था। लोग खाने के लिए जंगली जानवरों का
शिकार करते थे। मछलियाँ और चिड़ियाँ पकड़ते थे, फल, कंद-मूल,
अंडे इकट्ठा करते थे। आज उन्हें हम आखेटक या खाद्य संग्राहक के नाम
से जानते हैं।
        इसी काल में आग की खोज हुई थी। इसी वजह से इसे पाषाण काल
कहते हैं। इसके बाद आदिमानव काफी हद तक विकसित हो चुके थे।

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