Jharkhand Board Class 6TH Hindi Notes | मानवीय रिश्ता
JAC Board Solution For Class 6TH Hindi Chapter 9
पाठ का सारांश : यह कहानी सामाजिक समरसता, धार्मिक
सहिष्णुता तथा मानवीय संवेदनाओं से ओत-प्रोत है। समाज के सभी वर्ग
के लोगों की सेवा के लिए हमेशा तत्पर रहने वाली अक्ली बुआ का स्वयं
का जीवन जब खतरे में पड़ता है तब पूरा गाँव उनके साथ एक पैर पर
खड़ा हो जाता है। समाज का हर तबका हर वर्ग उनके लिए दौड़ पड़ता
है। इस कहानी से आपसी सौहार्द्र एवं प्रेम का हृदयग्राही वर्णन हुआ है।
अभ्यास प्रश्न
□ पाठ से:
1.अक्ली बुआ को देहाती भाषा में लोगों द्वारा पढ़ी नहीं कढ़ी
अनुभवी कहने का क्या कारण था ?
उत्तर― अक्ली बुआ गाँव के निपुण वैद्य की पुत्री थीं। औपचारिक
शिक्षा तो नहीं, किन्तु वैद्य पिता एवं विद्वान पति के संग रहने से सांसारिक
ज्ञान इन्हें अच्छा प्राप्त हो गया था। देहाती भाषा में इसी कारण इन्हें लोग
पढ़ी नहीं कढ़ी अनुभवी कहते थे।
2. 'जो पंडित जी का पतरा, वह पंडिताइन का अँचरा। अक्ली
बुआ पंडित जी को आवेश में ऐसा क्यों कहती थी?
उत्तर― जब कभी भी पंडित जी से अक्ली बुआ की नोंक-झोंक होती
वे आवेश में बोल उठती थीं जो पंडित का पतरा, वह पंडिताइन का अँचरा।
अर्थात् जो कुछ आपके पत्र, पोथी में लिखा है वह सब कुछ मेरे आँचल
में ही भरा पड़ा है। आपसे मैं कम विद्वान थोड़े हूँ पंडित जी महाराज।
3. पंडित जी की मृत्यु के बाद अक्ली बुआ का काम क्या था ?
उत्तर― पंडित जी की मृत्यु के बाद गांव के लोगों की सेवा, उपचार,
समाज कल्याण में इनकी रूचि बढ़ गई। सुबह होते ही निकल जातीं, जिसे
जरूरत होती उपचार बतावे, दवा देतीं। इस प्रकार वे गाँव में परामर्श दाता
की भूमिका में नजर आने लगीं।
4. बुआ के ऑपरेशन के समय उन्हें खून देने के लिए अस्पताल
में मर्द-औरतों का जमघट क्यों लग गया ?
उत्तर― गाँव वालों को अक्ली बुआ इतना प्यार करती थीं कि लोग
उन्हें अपना सगा समझते थे। इसलिए उन्हें खून देने के लिए अस्पताल में
पूरे ग्रामीणों का तांता लग गया। गाँव के लोग यही कहते कि बुआ अपना
खून-पसीना हमलोगों के लिए एक करती रहती है। आज जब उन्हें खून
की आवश्यकता पड़ी तो हम क्यों पीछे रहें।
□ पाठ से आगे:
1. कहानीकार ने इस कहानी का शीर्षक 'मानवीय शिक्षा' रखा
है। आप कोई नया शीर्षक दीजिए।
उत्तर― इस कहानी का अन्य शीर्षक हो सकता है– मानव सेवा,
अक्ली बुआ आदि।
2. रहीम भाई के घर के छोटे-बड़े सभी सदस्यों ने बुआ की
सेवा-सुश्रुषा की। यदि आप रहीम भाई के परिवार के सदस्य होते
तो बुआ की सेवा-सुश्रुषा किस प्रकार करते?,
उत्तर― ठीक उसी प्रकार जिस प्रकार बुआ की रहीम चाचा के बेटे
ने किया। हम भी उनकी सेवा में कोई कसर नहीं छोड़ते। रात-रात भर
जागकर उनकी सेवा करते।
3. आप गाँव या मुहल्ले में किसे अपना या अपने परिवार का
'साथी' एवं 'सहयोगी' मानते हैं ! और क्यों ?
उत्तर― क्योंकि गाँव, मुहल्ले के लोग ही, जब हम विशेष परिस्थितियों
से प्रभावित होते हैं; तब सबसे पहले हमें सहारा प्रदान करने आते हैं।
इसलिए उन्हें हम साथी (साथ देने वाला), सहयोगी (साथ चलने वाला)
आदि संबोधनों से पूकारते हैं।
4.“यही तो है वास्तविक 'मानवीय रिश्ता', जिसके लिए आज
समाज आतुर है।" आप मानवीय रिश्तों से संबंधित अपने आस-पास
की किसी एक घटना का वर्णन कीजिए।
उत्तर― छात्र स्वयं लिखें।
5. पुस्तक में पढ़ी या फिल्म में देखी किसी आपसी प्रेम और
सौहार्द वाली घटना को लिखिए।
उत्तर―छात्र स्वयं करें।
★★★