Jharkhand Board Class 6TH Hindi Notes | भिड़त
JAC Board Solution For Class 6TH Hindi Chapter 3
लेखक परिचय : भिडंत पाठ संजीव की रचना है। इनका जन्म 6
जुलाई 1947 ई० में ग्राम बांगर कला जो सुल्तानपुर जिले उत्तर प्रदेश में
हुआ था। इन्हें 1997 ई० में कथाक्रम सम्मान, 1998 ई० में गणमित्र
सम्मान, 2005 ई. में भिखारी ठाकुर सम्मान आदि प्राप्त हुआ था। इनकी
प्रमुख रचनाएँ हैं-तीन साल का सफरनामा एवं आप यहाँ हैं।
पाठ का सारांश : प्रस्तुत कहानी में आज के विद्यालयों की शिक्षा
व्यवस्था पर तंज किया गया है। आज विद्यालय में पढ़ने-पढ़ाने के
परंपरावादी तरीके सही नहीं हैं। इस पद्धति में विद्यार्थी नये तरीके से न सोच
पाता है न अपने विचार अभिव्यक्त कर पाता है। इससे उसका स्वाभाविक
विकास नहीं हो पाता है। अत: एक अच्छे शिक्षक को चाहिए कि वह
विद्यार्थियों की जिज्ञासा को बढ़ावा दे और उन्हें किसी भी विषय पर नये
तरीके से सोचने एवं करने के लिए प्रेरित किया जाए।
अभ्यास प्रश्न
□ पाठ से:
1. मवारी ने कैसे समझ लिया कि बंदर ने केले खाए है?
उत्तर― मदारी को पता था कि बंदर छिलका नहीं खाता है। अतः उसने
समझ लिया कि बंदर ने केले खाए हैं।
2. पंडित युद्धिनाथ के पढ़ाने का ढंग अनूठा था। क्या आप इस
विचार से सहमत हैं ? अपने उत्तर का कारण भी लिखिए।
उत्तर― पंडित बुद्धिनाथ के पढ़ाने का ढंग अनूठा था। वे वर्षों से एक
ही पद्धति की पुरानी कहानियाँ पढ़ाते आ रहे थे। मैं इस विचार से सहमत
नहीं हूँ। आजकल विज्ञान का जमाना है। अतः शिक्षा ज्ञानवर्द्धक तरीके से
प्रदान की जानी चाहिए।
3. कोशल नरेश जिस रास्ते से जा रहे थे, उसी रास्ते से काशी
नरेश आ रहे थे। उन दोनों के बीच कौन-सी समस्या उत्पन हो गई?
उत्तर― दोनों एक ही संकरे रास्ते से आ रहे थे। दोनों के पार होने
की समस्या उत्पन्न हो गई। कोई भी वापस नहीं जाना चाहता था इसमें
दोनों के प्रतिष्ठा का प्रश्न था।
4. कोशल नरेश ने अपना रथ पीछे क्यों कर लिया ?
उत्तर― कोशल नरेश ने अपने सारथी के प्रश्नोत्तर को सुना फिर
गुना। अपने को महान साबित करने के लिए रथ वापस पीछे खिसकाकर
काशी नरेश को आगे बढ़ने का रास्ता दे दिया।
5. गणेश का तर्क सुनकर हेडमास्टर साहब क्यों प्रसन्न हुए?
उत्तर― गणेश का तर्क सुनकर हेडमास्टर साहब प्रसन्न हुए क्योंकि
वह लकीर के फकीर की तरह सुनी सुनाई कहानी पर टिकता नहीं था।
वह अपना दिमाग लगाकर कौतुहल का उत्तर जानना चाहता था। उसमें
जानने की जिज्ञासा थी।
6. बुद्धि न हाट बिकाए, बुद्धि न चोर चुराए, इसका भाव स्पष्ट
करें।
उत्तर― भाव यह है कि बुद्धि खरीद कर नहीं ली जा सकती। बुद्धि
को कोई चुरा या बाँट भी नहीं सकता है। यह खर्च करने पर बढ़ती है।
बुद्धि जिसके पास है वही बुद्धिमान है, बलशाली है।
□ पाठ से आगे:
1. मवारी के पास दो प्राणी थे। एक बंदर और एक बकरी।
इन्हीं की सहायता से वह अपने खेल दिखाता था। आपने भी कई
खेल तमाशे देखे होंगे। खेल तमाशे वाले और किन-किन चीजों की
सहायता से खेल तमाशे दिखाते हैं?
उत्तर― भालू, रस्सी-लग्गी, कुत्ता-बिल्ली, साँप आदि से।
2. यदि आपका मित्र आपसे नाराज हो जाए तो उसे मनाने का
प्रयास आप कैसे करते हैं ?
उत्तर― हम उसे प्यार से समझाते हैं। वस्तु स्थिति बताते हैं। इस प्रकार
वह मान जाता है।
3. “महानता वाणी से नहीं, आचरण के द्वारा प्रकट की जाती
है।" किसी महापुरुष के उस आचरण के बारे में लिखिए, जिसके
कारण उन्हें महान समझा जाता है।
उत्तर― छात्र स्वयं करें।
4. बुद्धि चढ़े जब, चमके सकल जहान - इन पंक्तियों में बुद्धि
के महत्व को बताया गया है। आप अपने-अपने परिचित किसी व्यक्ति के
जीवन से संबंधित ऐसी ही किसी घटना का वर्णन कीजिए।
उत्तर― छात्र स्वये करें।
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