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   Jharkhand Board Class 6TH Sanskrit Notes | मधुरामृतम्  

    JAC Board Solution For Class 6TH Sanskrit Chapter 16 


                              श्लोक का हिन्दी अनुवाद

पाठ:― अधरं मधुरं वदनं मधुरं नयनं मधुरं हसितं मधुरम्।
हृदयं मधुरं गमनं मधुरं मधुराधिपतेरखिलं मधुरम् ।। 1॥
अर्थ― होठ, शरीर, आँख, हँसी, हृदय, गति, मधुर के अधिपति के सभी
मधुर (रम्य) हों।

पाठ:―वचन मधुरं चरितं मधुरं वसनं मधुरं वलितं मधुरम्।
चलितं मधुरं भ्रमितं मधुरं मधुराधिपतेरखिलं मधुरम्।। 2।।
अर्थ― बोली, चरित्र, वस्त्र, कमरधनी, चाल, भ्रमण, मधुर अधिपति के
सम्पूर्ण मधुर हों।

पाठः― वेणुमधुरो रेणुर्मधुरः पाणिर्मधुरः पादौ मधुरौ।
नृत्यं मधुरं सख्यं मधुरं मधुराधिपतेरखिलं मधुरम् ।।3।।
अर्थ― बाँसुरी, धूल, हाथ, पैर, नाच, मित्रता मधुर अधिपति के सम्पूर्ण
मधुर हों।

पाठ:― गीतं मधुरं पीतं मधुरं भुक्तं मधुरं सुप्तं मधुरम्।
रूपं मधुरं तिलकं मधुरं मधुराधिपतेरखिलं मधुरम् ।। 4 ।।
अर्थ― गीत, पान, भोजन, शयन, रूप, तिलक, मधुर अधिपति के सम्पूर्ण
मधुर हों।

पाठः― करणं मधुरं तरणं मधुरं हरणं मधुरं रमणं मधुरम्।
वमितं मधुरं शमितं मधुरं मधुराधिपतेरखिल मधुरम् ।। 5 ।।
अर्थ― कार्य, तैरना, चुराना, वास, उद्गार, शांति मधुर अधिपति के
सम्पूर्ण मधुर हों।

पाठः― गुजा मधुरा माला मधुरा यमुना मधुरा वीची मधुरा।
सलिलं मधुरं कमलं मधुरं मधुराधिपतेरखिलं मधुरम् ।।6।।
अर्थ― गुजजा (पत्थर). माला, यमुना की लहर, जल, कमल मधुर
अधिपति के सम्पूर्ण मधुर हो।

पाठ:― गोपी मधुरा लीला मधुरा युक्तं मधुरं मुक्तं मधुरम्।
दृष्टं मधुरं शिष्टं मधुरं मधुराधिपतेरखिलं मधुरम् ।। 7 ॥
अर्थ― गोपी, लीला, संयोग, वियोग, निरीक्षण, शिष्टाचार मधुर अधिपति
के सम्पूर्ण मधुर हों।

पाठः― गोपा मधुरा गावो मधुरा यष्टिर्मधुरा सृष्टिर्मधुरा।
दलितं मधुरं फलितं मधुरं मधुराधिपतेरखिलं मधुरम् ।।8।।
अर्थ― गोप, गायें, लकुटी, रचना, दलन, जल, मधुर अधिपति के सम्पूर्ण
मधुर हों।

                            अभ्यासः

प्रश्न संख्या 1 और 2 शब्दार्थ एवं उच्चारण है।
3. प्रश्नानामुत्तराणि एकपदेन लिखत―
(क) वेणुः कीदृशः अस्ति?
(ख) कस्य तिलकं मधुरं अस्ति?
(ग) सलिलं कीदृशं भवति ?
(घ) कस्य हृदयं मधुरं भवति ?
(ङ) कस्य अखिलं मधुरं भवति ?
उत्तर― (क) मधुरः
(ख) मधुराधिपतेः
(ग) मधुरं
(घ) मधुराधिपतेः
(ङ) मधुराधिपतेः

4. 'आम्' अथवा 'न' माध्यमेन उत्तरत―
(क) हसितं मधुरं भवति।
(ख) गमनं कष्टकरं भवति।
(ग) गावो मधुरा भवति।
(घ) वेणुः कर्कशः भवति।
(ङ) वसनं मधुरं भवति।
उत्तर― (क) आम् 
(ख) न
(ग) आम्
(घ) न
(ङ) आम्

5. यथायोग्य योजयत―
गुञ्जा                  मधुरम्
दलितं                   मधुरः
रेणुः                      मधुरा
सख्यं                    मधुरौ
पादौ                     मधुरम्
उत्तर― गुजा           मधुरा
दलितं                    मधुरम्
रेणुः                      मधुरः
सख्यं                    मधुरम्
पादौ                      मधुरौ

6. विलोमपदानि योजयत―
हसितं                  आगमनम्
गमनं                    कुरूपम्
सुरूपं                   असख्यम्
सख्यं                    अशिष्टम्
शिष्टं                      रोदनम्
उत्तर― हसितं         रोदनम्
गमनं                    आगमनम्
सुरूपं                    कुरूपम्
सख्यं                    असंख्यम्
 शिष्टं                     अशिष्टम्

7. गीतस्य पदानि योजयत―
अ                             आ
गुञ्जा मधुरा            फलितं मधुरम्
गोपी मधुरा              गावो मधुरा
गोपा मधुरा              लीला मधुरा
वेणुः मधुरः               तरणं मधुरम्
करणं मधुरं               रेणुः मधुरः
दलितं मधुरं।             माला मधुरा
उत्तर― गुञ्जा मधुरा     माला मधुरा
गोपी मधुरा                  लीला मधुरा
गोपा मधुरा                  गावो मधुरा
वेणुः मधुरः                   रेणुः मधुरः
करणं मधुरं                  तरणं मधुरम्
दलितं मधुरं                 फलितम् मधुरम्

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