Jharkhand Board Class 6TH Geography Notes | पथ्वी की गतियाँ
JAC Board Solution For Class 6TH (Social Science) Geography Chapter 3
1. रिक्त स्थानों की पूर्ति कीजिए―
(क) पृथ्वी के घूर्णन की गति लगभग ............... किमी/घंटा है।
(ख) पृथ्वी का अक्ष अपने समतल से ................... के कोण पर
झुका है।
(ग) 21 जून को ................. पर सूर्य की किरणे लंबवत् पड़ती है।
(घ) लीप वर्ष में .......... दिन होते हैं।
(ङ) पृथ्वी की...............गति के कारण दिन और रात होते हैं।
उत्तर― (क) 1600 (ख) 23½° (ग) कर्क रेखा
(घ) 366 (ङ) घूर्णन
3. अति लघु उत्तरीय प्रश्न—
(क) पृथ्वी की गति कितने प्रकार की होती है? नाम लिखें।
उत्तर—पृथ्वी की गति एक प्रकार की होती है। पश्चिम से पूरब की
ओर जिसे घूर्णन गति कहते हैं।
(ख) घूर्णन गति में एक चक्कर पूरा करने में पृथ्वी को
कितना समय लगता है?
उत्तर— 24 घंटे।
(ग) दिन और रात पृथ्वी की किस गति के कारण होता है?
उत्तर— घूर्णन गति के कारण।
(घ) चार ऋतुओं के नाम लिखें?
उत्तर— गर्मी, सर्दी, वर्षा एवं शरद।
(ङ) पृथ्वी को सूर्य की एक परिक्रमा पूरी करने में कितना
समय लगता है?
उत्तर— लगभग 365 दिन ।
(च) ऋतु परिवर्तन पृथ्वी की किसके गति कारण होता है?
उत्तर— परिक्रमण गति
4. लघु उत्तरीय प्रश्न :
(क) क्या होगा यदि पृथ्वी की घूर्णन गति रूक जाए?
उत्तर— यदि पृथ्वी की घूर्णन गति रूक जाए तो पृथ्वी के आधे भाग
में हमेशा दिन एवं आधे भाग में हमेशा रात होगी। इस स्थिति में पृथ्वी पर
जीवन संभव नहीं हो पाएगा।
(ख) सूर्य पूरब में उगता है और पश्चिम में डूबता है। क्यों?
उत्तर— पृथ्वी अपने अक्ष पर घूर्णन करती है। घूर्णन करते समय
पृथ्वी पश्चिम से पूरब की ओर गति करती है। हम जानते हैं पृथ्वी की
आकृति गोल है। इसी कारण पृथ्वी की दिशा जब पूरब होती है तब वहाँ
सूरज उगता है और जब पश्चिम दिशा सूर्य के सामने आती है, तब वहाँ
रात होती है।
(ग) एक वर्ष में 365 दिन क्यों होते हैं?
उत्तर— पृथ्वी सूर्य के चारों ओर एक दीर्घ वृत्ताकार पथ में गति
करती है। इसे परिक्रमण गति कहते हैं। पृथ्वी को सूर्य का एक चक्कर
पूरा करने में 365 दिन 6 घंटे लगते हैं। इसी कारण एक वर्ष में 365 दिन
होते हैं।
(घ) विषुव क्या है?
उत्तर— 21 मार्च और 23 सितंबर को सूर्य की किरणें विषुवत रेखा
पर सीधी पड़ती है। इस स्थिति में कोई भी ध्रुव सूर्य की ओर नहीं होता
है। अत: इन तिथियों को दिन और रात पूरी पृथ्वी पर बराबर होते हैं। इसे
विषुव कहते हैं।
(ङ) ध्रुवों पर 6 माह के दिन और 6 माह की रात होती है
क्यों?
उत्तर— हम जानते हैं कि पृथ्वी अपने अक्ष पर 23½° कोण पर
झुको है। इसी झुकाव के कारण उत्तरी गोलार्द्ध एवं दक्षिणी गोलार्द्ध
क्रमशः सूर्य की तरफ झुके हैं और इसी कारण ध्रुवों पर 6 माह के दिन
और 6 माह की रात होती है।
5. अंतर स्पष्ट कीजिए—
(क) घूर्णन एवं परिक्रमण,
उत्तर— घूर्णन : पृथ्वी का अपने अक्ष पर घूमना घूर्णन कहलाता है।
परिक्रमणः पृथ्वी, सूर्य के चारों ओर एक दीर्घवृत्ताकार पथ में
गति करती है, इसे परिक्रमण गति कहते हैं।
(ख) विषुव एवं अयनांत
उत्तर— विषुव : 21 मार्च और 23 सितम्बर का सूर्य की किरणें
विषुवत रेखा पर सीधी पड़ती है। इस स्थिति में कोई भी ध्रुव सूर्य की ओर
नहीं झुका होता है। अतः इन तिथियों को दिन और रात पूरी पृथ्वी पर
बराबर होते हैं।
अयनांत— पृथ्वी का अक्ष 23½° कोण झुका है। इसी झुकाव के
कारण किस जगह कैसे मौसम और दिन व रात होते हैं। इसे अयनांत
कहते हैं।
6. संक्षिप्त टिप्पणी लिखिए—
(क) पृथ्वी का अक्ष : पृथ्वी के अपने अक्ष पर घूमना घूर्णन
कहलाता है। पृथ्वी को अपने अक्ष पर एक घूर्णन पूरा करने में लगभग
24 घंटे का समय लगाता है। यही समय पृथ्वी के एक दिन का समय है।
यही कारण इसे पृथ्वी की दैनिक गति भी कहते हैं।
(ख) कक्षीय समतल : वह समतल जो कक्ष के द्वारा बनाया
जाता है, कक्षीय समतल कहलाता है।
(ग) प्रदीप्त वृत्त : ग्लोब पर वह वृत्त जो दिन और रात को
विभाजित करता है प्रदीप्त वृत्त कहलाता है।
(घ) अयनांत : पृथ्वी के अक्ष 23½° कोण पर झुके होने के
कारण मौसम और दिन एवं रात के बदलाव को अयनांत कहते हैं।
(ङ) लीप वर्ष : जो वर्ष संख्या 4 से पूर्णत: विभाजित हो जाती
है, वह वर्ष लीप वर्ष कहलाता है।
7. दीर्घ उत्तरीय प्रश्न—
(क) उपयुक्त चित्र की सहायता से ऋतु परिवर्तन के कारणों
की व्याख्या कीजिए।
उत्तर— परिक्रमण गति का महत्त्व : पृथ्वी की परिक्रमण गति
एवं अक्ष के झुकाव के कारण ऋतु परिवर्तन होता है। ये ऋतुएँ हैं— गर्मी,
सर्दी, वर्षा एवं शरद ।
हम जानते हैं कि पृथ्वी का अक्ष 23½° के कोण पर झुका हुआ
है। इसी झुकाव के कारण उत्तरी गोलार्द्ध एवं दक्षिणी गोलार्द्ध क्रमशः सूर्य
की तरफ ज्यादा झुके होते हैं। चित्र में A स्थिति को देखें। उत्तरी ध्रुव सूर्य
के करीब है। इस कारण उत्तरी गोलार्द्ध में ग्रीष्म ऋतु है। इस दिन अर्थात्
21 जून को उत्तर अयनांत या ग्रीष्म अयनांत कहते हैं। इस दिन सूर्य की
किरणें कर्क रेखा पर सीधी पड़ती हैं तथा उत्तरी गोलार्द्ध में सबसे लंबा दिन
एवं सबसे छोटी रात होती है। इस समय आर्कटिक वृत्त के क्षेत्रों में लगभग
6 माह का दिन होता है, और अंटार्कटिक वृत्त के क्षेत्रों में 6 माह की रात
होती है। दक्षिणी गोलार्ध में इस समय शीत ऋतु होती है।
22 दिसम्बर को जब पृथ्वी की स्थिति 'C' जैसी होती है, तो दक्षिणी
ध्रुव सूर्य के सम्मुख रहता है तथा उत्तरी ध्रुव सूर्य से दूर होता है। इस दिन
को दक्षिणी अयनांत या शीत अयनांत कहते हैं। इस समय दक्षिणी गोलार्द्ध
में ग्रीष्म ऋतु एवं उत्तरी गोलार्द्ध में शीत ऋतु होती है। 22 दिसंबर को
दक्षिणी गोलार्द्ध में सबसे लंबा दिन एवं सबसे छोटी रात होती है। सूर्य की
किरणें मकर रेखा पर लंबवत् पड़ती हैं।
21 मार्च और 23 सितंबर (स्थिति D एवं B) को सूर्य की किरणे
विषुवत् रेखा पर सीधी पड़ती है। इस स्थिति में कोई भी ध्रुव सूर्य की ओर
नहीं झुका होता है। अतः इन तिथियों को दिन और रात पूरी पृथ्वी पर
बराबर होते हैं। इसे विषुव कहते हैं। 21 मार्च को उत्तरी गोलार्द्ध में वसंत
ऋतु तथा दक्षिणी गोलार्द्ध में शरद ऋतु होती है। इसके विपरीत 23
सितम्बर को उत्तरी गोलार्द्ध में शरद ऋतु तथा दक्षिणी गोलार्ध में वसंत
ऋतु होती है।
(ख) दिन और रात कैसे होते हैं ? उपयुक्त चित्र की
सहायता से वर्णन कीजिए।
उत्तर— घूर्णन गति का महत्त्व : पृथ्वी की घूर्णन गति के कारण
दिन और रात होते हैं। हम जानते हैं कि पृथ्वी की आकृति गोल है। इस
कारण एक समय में सिर्फ इसके आधे भाग को सूर्य की रोशनी प्राप्त होती
है, वहाँ रात होता है, जो लगभग 12 घंटे का होता है, शेष आधे भाग में
क्या होगा यदि पृथ्वी की घूर्णन गति रूक जाए : यदि पृथ्वी
की घूर्णन गति रूक जाए तो पृथ्वी के आधे भाग में हमेशा दिन एवं आधे
भाग में हमेशा रात होगी। इस स्थिति में पृथ्वी पर जीवन संभव नहीं हो
पाएगा।
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