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    Jharkhand Board Class 6TH English Notes | Sindbad the Sailor : Seven Voyages  

    JAC Board Solution For Class 6TH English Chapter 9

                                 (सिंदबाद दी सेलर : सेवेन वॉययेज)

                                 पाठ का सारांश

बिफोर यू रीड-दी सेवेन वायेजेज ऑफ सिंदबाद दी सेलर' 'द
अरेबियन नाइट्स' से लिया गया है, जो सात शताब्दियों से एक पीढ़ी द्वारा
अगली पीढ़ी को रोचक कथा-प्रवाह द्वारा हस्तांतरित किया जाता है।
सिंदबाद को अपने माँ-बाप से विरासत में अकून सम्पत्ति मिली थी। पहले
तो विलासिता में सम्पत्ति में खर्च किया लेकिन जब अपनी गलती का
अहसास हुआ तो व्यापार के लिए समुद्री यात्रा पर निकला । पहले समुद्री
यात्रा में वह ह्वेल आइलैण्ड में फंस गये थे। उसके दल के साथ उन्हें मरा
हुआ समझकर लोग छोड़कर चले गये लेकिन आश्चर्यजनक ढंग से वह
बच निकले।
Abandoned on an Island
(एबेंडोन्ड ऑन एन आइलैण्ड)
एक द्वीप पर छूट गये

As you....................upon the sea.     [Page-56]
जैसा कि आप जानते हैं कि अपनी प्रथम समुद्री यात्रा से लौटने पर
मैंने निश्चय किया था कि बाकी जिंदगी के दिन बगदाद में शान्ति से
गुजारूंगा, लेकिन ऐसे निठल्ली की जिन्दगी से मैं बहुत जल्द ऊब गया और
एक बार पुनः खुद को समुद्र पर देखने को व्यग्र हो गया ।

And so I...............profitable deals.            [Page -56]
इसलिए मैं दूसरी बार उन व्यापारियों के साथ जिन्हें मैं समझता था
कि सही आदमी हैं, एक अच्छे जलयान में प्रवेश किया। हम अक्सर
लाभकारी सौदे के लिए भी एक द्वीप से दूसरे द्वीप जाते थे।

Suddenly, one day................... fell asleep.        [Page - 56]
अचनाक, एक दिन ऐसी जगह उतरे जहाँ जमीन फलदार वृक्षों से
आच्छादित थी, और सर्वोत्तम जल के झरनों की प्रचुरता थी। हमारे मित्र
फल और फूल एकत्र करने के लिए यहाँ-वहाँ घूम रहे थे, एक छायादार
जगह में आराम करने के लिए मैं बैठ गया। कुछ ही मिनटों में मैं गहरी
नींद में था।

I Don't Remember.............for a means of escape.    [Page-57]
मुझे याद नहीं कि मैं कितनी देर सोया, लेकिन जब मेरी आँखें खुली
और मैंने यहाँ-वहाँ घूमना शुरू किया, स्वयं को अकेला पाकर मर्माहत
हुआ और समुद्र में जलयान नहीं था। मैंने सोचा कि मैं बड़ी कठिनाई में
फंस गया हूँ और इसलिए मैं कभी इधर कभी उधर दौड़ रहा था। मुझे
समझ में नही आ रहा था कि क्या करूँ। मैंने मदद के लिए चिल्लाया
लेकिन जवाब देनेवाला कोई नहीं था मैंने और जब समुद्रतट से मैं देखा
कि जलयान पूरी गति में खेया जा रहा है और क्षितिज पर विलुप्त हो रहा
है, मैंने स्वयं को समझाने का प्रयास किया कि मैं घर पर सुरक्षित रहकर
संतुष्ट था, लेकिन ऐसी सोच से कोई लाभ नहीं, वर्तमान में मुझे साहस
रखना चाहिए और बच निकलने के उपाय यहाँ-वहाँ ढूँढना चाहिए।

Then I Climbed ...............it might be.        [Page-57]
तब मैं एक लम्बे वृक्ष पर चढ़ गया और सबसे पहले अपनी चिंतित
निगाहों को समुद्र की ओर ले गया; लेकिन वहाँ आशा की कोई किरण
नहीं थी, इस लिए मैंने जमीन की ओर अपनी निगाहें की, और मैं एक
विशाल सफेद चमकीली वस्तु देखकर उत्तेजित हुआ, इतनी दूर से मैं
निश्चय नहीं कर सकता था कि यह क्या हो सकता है?

The Roc's Egg (रॉक्स ऐग) रौक का अण्डा
Getting down from...................was none to be seen.
                                                                         [Page-57]
वृक्ष से उतरकर मैं जल्दी से अपनी जरूरत की चीजों का संग्रह किया
और बहुत तेजी से उस बढ़ा । जैसे ही मैं इसके नजदीक आया, यह मुझे
विशाल आकार और ऊँचाई एक सफेद-गेंद समझ में आया, और जब मैंने
इसे स्पर्श किया तो इसे में अतिशय चिकना और मुलायम पाया । इसपर
चढ़ना असम्भव था क्योंकि वहाँ कोई पैर रखने की जगह नहीं थी।
इसलिए मैं उस तक गया। मैंने उसके चारों ओर घूमकर देखा कि कोई
प्रवेश द्वार है, लेकिन कुछ भी दिखाई नहीं दिया ।

I however counted....................must be its egg.   [Page -57]
मैंने किसी तरह गणना किया कि इसकी गोलाई (परिधि) कम-से-कम
कदम थी। इस समय सूरज डुबने वाला था, किन्तु जल्द ही अंधेरा छा
गया। वहाँ एक विशाल काला बादल जैसा कुछ मेरे ऊपर था, और मैंने
आश्चर्य से देखा कि यह असाधारण आकार का एक पक्षी है जो नजदीक
में भंडरा रहा है। तब मुझे याद आया कि अक्सर नाविक लोग आश्चर्यजनक
पक्षी जिसे रॉक कहते हैं, की चर्चा करते थे, और वह मेरे सामने है और
वह सफेद वस्तु जो मेरी समझ में नहीं आ रही थी, अवश्य इसका अण्डा
होगा।

surely enough............almost list awarneds.     [Page-58]
बिल्कुल सच, पक्षी अपने पंखों से इसे ढँकते हुए इसे गरम रखने और
सोने के लिए इस पर स्थिर हो गया और अण्डे के बगल में नजदीक इस
स्थिति में बैठा था कि उसका एक पैर जो वृक्ष के तने के आकार का था,
'ठीक मेरे सामने था। आगे-पीछे कर मैं इसमें स्थिर हो गया, इस आशा
में कि जब अगली सुबह रॉक उड़ेगी तो मुझे ढोकर सुनसान द्वीप से दूर
ले जायेगी। और बिल्कुल वहीं हुआ । जैसे ही सुबह में सूरज उगा, पक्षी
घोंसले से ऊपर मुझे लेकर हवा में इतनी ऊँचाई पर उड़ने लगी कि मैं
धरती को नहीं देख सकता था और फिर इतनी तेजी से नीचे उतरी कि मैंने
अपनी चेतना खो दिया ।

When I Become.................the deserted island.    [Page-58]
जब मैं होश में आया, 'रॉक' स्थिर हो गई थी और मैं एक बार फिर
ठोस जमीन पर था, मैंने जल्दी से इसके पैर से स्वयं को मुक्त किया और
एक क्षण भी नहीं गुजरा कि पक्षी ने एक बड़े साँप पर झपट्टा मारा और
अपनी चोंच के कुछ ही प्रहार से उसकी हत्या कर दी और इसे पकड़कर
एक बार फिर हवा में उड़ गयी और जल्द ही मेरी आँखों से ओझल हो
गयी। जब मैंने अपने आस-पास निगाहें दौड़ीं, मुझे आशंका होने लगी कि
मैंने सुनसान द्वीप को छोड़कर गलती किया ।

The valley in.................a huge unexpected size.    [Page-59]

                                      हीरे की घाटी

जिस घाटी में मैंने स्वयं को पाया, वह अत्यन्त गहरी और सँकरी थी
और ऐसे ऊंचे पहाड़ों से घिरी थी जिसकी ढाल इतनी तीखी व कठोर थे
कि किसी भी किनारे से चढ़ने का कोई रास्ता नहीं था। इस जगह से
निकलने के लिए कोई रास्ता की खोज में टहला, मैंने देखा कि जमीन हीरों
से ढकी है, कुछ हीरों का आकार तो इतना बड़ा था कि उसका अनुमान
लगाना मुश्किल था।

This view gave..............of their enemy the Roc. 
                                                                    [Page-59]
यह दृश्य देखकर मुझे बहुत आनन्द मिला, लेकिन मेरी अतिशय खुशी
का तुरन्त अन्त हो गया, जब इतने लम्बे और इतने विशाल असंख्य साँपों
को देखा जिनमें सबसे छोटा, किसी हाथी को आसानी से निगल सकता
था। मेरे भाग्य से दिन में वे अपने शत्रु के कारण गुफा में छिप जाते थे
और केवल रात में ही निकलते थे।

All day long....................man in this situation.    [Page-59]
दिन भर घाटी में ऊपर-नीचे घूमता था और रात में जब अंधेरा
गहराता था, गुफा में घुसकर एक पत्थर से प्रवेश द्वार को बन्द कर देता
था और बचे भोजन को खाकर सो जाता था, लेकिन रातभर साँप
इधर-उधर रेंगते हुए भयानक आवाज करते थे कि डर से आँखें बंद कर
लेता था। जब सुबह होती थी, मैं अपने को धन्य समझता था, और जब
मैं अनुमान करता था कि बाहर शान्ति है, सर्प अपनी जगह जा चुके हैं,
मैं तेजी से बाहर निकलता था और घाटी में ऊपर-नीचे घूमता था, हीरों
को लात मारकर रास्ते से हटाता था क्योंकि मैं अनुभव करता था कि इस
परिस्थिति में वे मानव के लिए मूल्यहीन वस्तुएँ थीं।

At last, being..................close beside me.      [Page -59]
अन्त में, थककर मैं एक चट्टान पर बैठ गया. मुश्किल से मैंने आँखें
बंद ही की थीं, मैंने अनुभव किया कि कोई वस्तु धम से बिल्कुल मेरे बगल
में गिरी।

It was huge..................their hungry babies.        [Page-59]
यह ताजा माँस का बड़ा टुकड़ा था और जैसे ही मैंने गौर से देखा,
मेरे बगल में कुछ और टुकड़े लुढ़के हुए थे। मैं हमेशा सोचता था कि
नाविकों द्वारा बतायी गयी प्रसिद्ध हीरे की घाटी सच नहीं है। लेकिन अब
मुझे उनपर विश्वास हुआ। ये सौदागर इस घाटी में उस समय आते थे
जब गरूड़ अपने बच्चे को सेते थे। ये सौदागर तब घाटी में माँस के
बड़े टुकड़े फेंकते थे। मांस के टुकड़े इतने जोर से गिरते थे कि कुछ
कीमती पत्थर का उसमें चिपकना निश्चित था, जब गरूड़ माँस पर
झपट्टा मारत थ और इसे लेकर अपने भूखे बच्चों को खिलाने के लिए
अपने घोंसलों में ले जाते थे।

Then the merchant...........of the eagles.              [Page -60]
तब सौदागर गरूड़ माता या पिता को चिल्लाकर, हल्लाकर भगायेंगे
और अपने खजाने को प्राप्त करेंगे। इस क्षण के पहले तक इस घाटी को
अपनी मृत्यु-शय्या समझ रहा था क्योंकि इससे जीवित बच निकलने की
कोई उम्मीद नहीं थी। लेकिन अब मैंने साहस किया और इस जगह से
बच निकलने के उपाय ढूँढने लगा। मैंने सभी बड़े हीरों को चुनना शुरू
किया जो मैं खोजा सकता था और उन्हें बड़ी सावधानी से अपने चमड़े
के थैले में रखा इसे अपने बेल्ट में बाँध लिया। मैंने तब अपनी जरूरत
के अनुरूप माँस का टुकड़ा चुना और अपनी पगड़ी के सहारे अपनी पीठ
पर कसकर बाँध लिया। ये सारा कुछ करके, मैं अपने चेहरे के बल लेट
गया और गरूड़ों के आने का इंतजार करने लगा।

Isoon heard..............gladly joined them.       [Page - 61]
मैंने तुरंत अपने ऊपर पंखों के फड़पड़ाने की आवाज सुनी और जैसे
उम्मीद थी, एक शरूड ने भरे माँस के टुकड़ों को पकड़ में लिया और
धीरे से अपने घोंसला की ओर उड़ा जिसने अब मुझे गिरा दिया । मेरे लिए
संयोग था कि सौदागर लोग पहरा कर रहे थे, वे लोग उसी तरह चिल्लाते
हुए घोंसले की ओर दौड़े और गरूड़ को भगाने लगे। उन लोगों के
आश्चर्य का ठिकाना नहीं रहा जब उन लोगों ने मुझ देखा और गुस्सा भी
उनके खजाना लूटे जाने का । लेकिन जब मैंने उन्हें हीरे दिखाये, सभी मेरी
चारों ओर एकत्रित हो गये, मेरे साहसिक कार्य पर विस्मय करने लगे और
घाटी से बाहर निकलने की योजना की तारीफ करने लगे। रात में वे अपने
शिविर में ले गये। कुछ दिन उन सौदागरों के साथ रहा, और तब जब
जलयान से घर की ओर जा रहे थे, मैं भी खुशी से उनके साथ हो लिया ।

                                  Words meaning

Voyage (वॉयेज़)―लम्बी समुद्र यात्रा या अन्तरिक्ष यात्रा | Worn
out (वार्न आऊट)― थका हुआ। Habitats (हेबिटेट्स)― किसी जगह
के निवास । Deserted (डेजर्टेड)― सुनसान, निर्जन । Bitterly
(बिटरली)― बुरी तरह से। Pounced (पाउन्स्ड)― झपट्टा मारा ।
Errect (इरेक्ट)― सीधा, खड़ा । Glee (ग्ली)― बहुत खुशी । Escape
(इस्केप)― बच निकलना । Thud (थड)―धम (आवाज) । Vessel
(वेसेल)― जलयान, पोत

□ Comprehension Check-I :
Q. 1. What did Sindbad decide on his return from his
first voyage?
Ans. Sindbad decided to spend the rest of the days of his
life quietly in Baghdad after his return from his first Voyage.

Q. 2. What did Sindbad realise when he got up from
sleep?
Ans. Sindbad realised that he was alone and the ship was
no more in the sea, he thought, he was in a greaat trouble and
he rushed to being confused what to do.

□ Comprehension Check - II :
Q. 1. What was the huge black cloud that Sindbad
referred to? ?
Ans. The black cloud that Sindbad referred to, was a
wonderful bird called a Roc.

Q. 2. How did the bird's egg look like?
Ans. The bird's egg looked like a white ball of gaint size
and height. 

Q.3. How did Sindbad come out of the deserted island ?
Ans. The bird carried Sindbad up and up till he could no
longer see the earth and with the help of the bird he came out
of the deserted island.

□ Comprehension Check-III:
Q.1. Which view gave Sindbad a great pleasure ?
Ans. When Sindbad walked about in search of some way
of escaping the valley he observed that the ground was covered
with diamonds and some of them were of huge unexpected
size, this view gave him great pleasure.

Q. 2. Why was Sindbad not able to sleep at night?
Ans. He could not sleep at night because he felt that
something fell to the ground with a thud close to beside him.

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□ Answer the following questions :
1. Why did Sindbad think that staying at home would
have been a better idea?
Ans. Sindbad thought that staying at home would have
been a better idea as he would live at home in safety and
during his voyages he has to face lot of troubles as when he
woke up from his sleep he found himself alone and the ship
was no more in the sea and he is left alone.

2. Describe the deserted island ?
Ans. The deserted Island was covered with fruit trees and
plenty of springs of excellent water. There were neither houses
nor their habitants.

3. Why did Sindbad kick the diamonds out of his way?
Ans. Sindbad kicked off the diamonds out of his way as
he felt that they were in fact worthless thing to a man in the
present situation.

4. What trick did the merchants use to get diamonds
from the eagles ?
Ans. The merchants threw great chunks of meat into the
valley and the chunks falls with so much force upon the
diamonds and were sure to take up some of the precious stones
with them when the eagles pounced upon the meat and carried
it off to their nests to feed their hungry babies.

5. How did Sindbad escape from the valley of diamonds
?
Ans. When the merchants were on the watch and setting
up their usual shouts gushed to the nest scaring away the eagle
their amazement was great when they saw him and also their
anger for having robbed them off their usual treasures but
when he showed the diamonds to them all of them crowded
round him and wondering at his adventure, approving the
plan by which he escaped the valley.

State whether the following sentences are 'True' or
'Falsel:
1. Sindbad with other merchants landed at a spot where
the land was covered with fruit trees.
2. The Roc's egg was at least fifty steps round.
3. In the valley the ground was covered with pearls.
4. The merchants scared away the parent eagles with
shouts and outcries to get their treasures.
5. The amazement of the merchants was great when they
saw Sindbad and also their anger.
Ans. 1. True 2. True 3. False 4. False 5. True.

□ Now fill in the gaps picking one option from the
brackets:
1. I go to school ............ (annually/daily/twice).
2. Our school prize distribution ceremony is held .........
                                                         (often/rarely/annually).
3. I.......................brush my teeth ................aday.
                                            (always/never/twice)
4. I....................domy homework.
                                             (always/seldom/thrice)
5. I.......................... misbehave with anyone.
                                                 (always/often/never)
Ans. 1. daily  2. annually. 3. always, twice  4. always
5. never

□ Now fill in the blanks with appropriate linking words:
            as well as, as soon as, till, if, but also, nor, or.
1. He knows Hindi.................... English.
2. They arenot only scholars .............. good speakers.
3. Heisneither rich................. poor.
4. I may buy a new dress .................. we go for shopping.
5. Ravi will come either today.................. tomorrow.
6. Weleft the hotel..................the bus came.
7. They must wait .................. the doctor comes.
Ans. 1. as well as  2. but also  3. nor  4. if. 5. or
6. as soon as  7. till

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