Jharkhand Board Class 6TH English Notes | Letter to a Penpal
JAC Board Solution For Class 6TH English Chapter 13
(पेन मित्र को पत्र)
पाठ का सारांश
पढ़ने से पहले- क्या पहले 'पेनपाल' शब्द तुमने सुना है ? पेंनपाल
या पेनमित्र वे लोग है जो नियमित रूप से सम्पर्क में रहने के लिए
एक-दूसरे को पत्र लिखते हैं। एक-दूसरे की संस्कृति को जानने के लिए
पत्र अनूठा साधन हैं। नीचे नीरा द्वारा स्पेन के पेनमित्र को लिखा पत्र है।
पत्र को पढ़कर जानो कि कौन-सी सूचना दोनों मित्र साझा करते हैं।
मनोहरपुर !
झारखण्ड
17 जनवरी, 2017
प्यारी शेल्ली,
तुम कैसी हो ? आशा करती हूँ कि तुम्हारे यहाँ सभी कुशल
पूर्वक होंगे। तुम्हारा पत्र मुझे कल मिला । इस पत्र में तुमने जो जिक्र किया
अपने देश के 'टोमेटो बैटल' के बारे में, पढ़कर बहुत अच्छा लगा। मैं
चाहती हूँ कि टोमेटिना फेस्टिवल ऑफ बुनॉल, स्पेन में भाग ले सकती !
तुमने आग्रह किया उन त्योहारों का वर्णन करने के लिए जो हम
मनाते हैं । इस पत्र में मैं उस त्योहार के बारे में बताना पसन्द करूँगी, जो
हमने हाल में मनाया है और कुछ अन्य त्योहार जो हमारे राज्य में मनाये
जाते हैं।
जैसा कि तुम जानती हो कि भारत विविध संस्कृति वाला देश है और
अलग-अलग क्षेत्रों में अलग-अलग त्योहार मनाये जाते हैं। तुम्हारे देश
का'ला टोमेटिना' त्योहार जिस में लोग एक दूसरे पर टमाटर फेंकते हैं
और आनन्द मनाते हैं, के समान हमारे देश में होली का त्योहार है, जिसमें
लोग एक-दूसरे पर रंग डालते हैं, शरारत करते हैं, गाते, नाचते और ऐसे
अवसर पर विशेष रूप से तैयार सुस्वादु भोजन खाते हैं। अन्य लोकप्रिय
त्योहार जो हमारे देश में मनाये जाते हैं, वे हैं-दिवाली, दशहरा,
नवरात्रि या दुर्गा पूजा, गणेश पूजा, गुरुपर्व, इद, रक्षाबन्धन, ओनम,
पोंगल, क्रिसमस आदि । जैसा कि तुम जानती हो कि मैं झारखण्ड की
रहने वाली हूँ जो जनजातीय संस्कृति के लिए जाना जाता है। हमारे
राज्य में अनेक जनजातीय और क्षेत्रीय त्योहार उत्साह और आनन्द के
साथ मनाये जाते हैं।
अपने राज्य के उस लोकप्रिय त्योहार का वर्णन करना शुरू करूँगी,
जिसे हमने हाल में मनाया है। यह त्योहार है मकर संक्रान्ति जिसे तुसु
पर्व भी कहा जाता है, पूस के अन्तिम दिन मनाया जाता है, जो इस वर्ष
15 जनवरी को था। यह अच्छी फसल का त्योहार है और इस त्योहार में
सभी लोग आनन्द मनाते हैं। युवा लड़कियाँ देवी तुसुमानी की मूर्त्तियाँ
बनाती हैं, और उसकी पूजा करती हैं। वे देवी को तुसो (धान की भूसी)
गोबर (काऊडंग), हल्दी, पीतल और गेंदा अर्पित करती हैं। पूजा के बाद
वे निकट के जलाशय में मूर्ति को विसर्जित कर देती हैं।
इस त्योहार के दौरान एक सप्ताह का मेला भी लगता है। लोग नये
कपड़े पहनते हैं और पारम्परिक लोक संगीत पर नाच-गाकर आनन्द
मनाते हैं। ये संगीत जनजातीय लोगों की सरलता और मासूमियत
(निष्कपटता) को दर्शाता है। इस अवसर पर सुस्वादु भोजन जैसे रोटी
पिठ्ठा, गुड़-पिठा, मुढ़ी-लेई और तिलकुट तैयार किये जाते हैं।
हमारे राज्य का एक महत्वपूर्ण त्योहार है कर्मा पर्व जो कृषि का
मोहार है। अधिकांश जनजातीय समुदाय इस त्योहार को हिन्दू महीना
भाद्रपद (भादो) में मनाते हैं जो सामान्यतया सितम्बर-अक्टूबर में
पड़ता है।
इस दिन करम देवता जो यौवन और शक्ति के देवता हैं की पूजा की
जाती है। जनजातियाँ या आदिवासी कर्मा वृक्ष को अपनी प्रार्थना समर्पित
करते हैं, जो कर्म देवता के प्रतीक हैं। सारे त्योहार में पवित्र कर्मा वृक्ष
के चारों ओर परिक्रमा करते हैं।
इस त्योहार के पहले युवा ग्रामीण ढोलकियों के साथ जंगल में प्रवेश
करते हैं और कर्मा वृक्ष की एक या अधिक टहनियाँ काटते हैं। इसके बाद
कुँवारी लड़कियाँ ढोकर घर लाती हैं जो दिन भर उपवास करती हैं। जब
इसे ढोकर लाती हैं, वे गीत गाते हुए देवता का गुणगान करती हैं। लकड़ी,
पुल और फूल जिसकी पूजा के अवसर पर अनिवार्य रूप से जरूरत पड़ती
है, भी जंगल से ढोकर लायी जाती हैं।
कर्मां की टहनी को बीच आँगन में या पूजा स्थल पर रोपा जाता है;
जमीन को गाय के गोबर से लीपा जाता है, और फूलों से सजाया जाता
है। एक जनजातीय पुजारी पहुंचता है और अंकुरित अनाज और प्रसाद
देवता को प्रसन्न करने के लिए चढ़ाता है, जो भक्तों को सम्पत्ति और
संतान प्रदान करता है।
इसके बाद मर्द और औरत टहनी के चारों ओर इकट्ठा होते हैं और
ठुमकी, छल्ला, वायरी व झुमकी जैसे वाद्ययंत्रों की ताल पर कर्मानृत्य
करते हैं।
कर्मा त्योहार प्रकृति पूजा का संदेश देता है। हम सभी वृक्षों पर निर्भर
हैं और इसलिए इनकी पूजा-संरक्षा एवं संख्यावृद्धि अवश्य होनी चाहिए।
सरहुल झारखण्ड की जनजातियों द्वारा मनाया जानेवाला एक बड़ा
त्योहार है। सरहुल में साल वृक्ष की भूमिका महत्त्वपूर्ण है । सरहुल शब्द
'सर' जिसका अर्थ है साल वृक्ष या सराय या बीज 'हुल' जिसका अर्थ है
पूजा दो शब्दों से व्युत्पन्न है । इस प्रकार सरहुल का वास्तविक अर्थ साल
वृक्ष की पूजा है। प्रतिवर्ष मनाया जाने वाला यह जनजातीय त्योहार पर्व,
या फूलों का त्योहार के रूप में भी जाना जाता है।
यह त्योहार साल वृक्ष की पूजा से पहचान बनाता है, जो उन्हें आश्रय,
इंधन और मौसम से सुरक्षा प्रदान करता है।
यह त्योहार मध्य अप्रैल में आता है। फल, सब्जी और यहाँ तक कि
धान भी सबसे पहले देवता को अर्पित किया जाता है और समर्पण समारोह
के बाद ही जनजातीय लोग प्रकृति के इन उपहारों का उपभोग करते हैं।
अन्य सभी त्योहारों के समान सरहुल भी गीत और नृत्य के साथ समाप्त
होता है लेकिन तब तक नहीं जब तक कि पुजारी (स्थानीय भाषा में
पाहन) समारोह की सारी औपचारिकताएँ पूरी न कर लें। इस त्योहार के
बाद ही बीज बोया जाता है इस कामना के साथ कि प्रकृति माता उन्हें प्रचुर
फसल देंगी।
सरहुल नृत्य के विभिन्न रूप लोगों के बीच उत्साह और उमंग को
दर्शाते हैं और करुण सरहुल संगीत जनजाति की संस्कृति, आस्था और
परम्पराओं से सम्बन्धित कथाओं का वर्णन करते हैं।
अपने अगले पत्र में, अपने राज्य झारखण्ड आनन्दोत्सव और संस्कृति
के बारे में कुछ अधिक बताऊँगी । तुम भी अपने अगले पत्र में अपनी
संस्कृति के बारे में कुछ अधिक बताना ।
ध्यान रखना!
नीरा
Words Meaning
Penpal (पेनपाल)― पेन मित्र I Zest (जेस्ट)― आनन्द । Deity
(डेइटी)― देवी या देवता । Diverse (डायवर्स)― विविध । Germinating
seeds (जर्मिनेटिंग सीड्स)― अंकुरित होते बीज । Immerse (इमर्स)―
तरल पदार्थ में डूबना।
Explore the Text
□ Read the letter and answer the following questions :
1. Who has written theletter to whom ?
Ans. Neera has written this letter to her penpal shelly.
2. The 'La Tomatina' festival is celebrated in which
country ? How is it similar to holi ?
Ans. La Tomatina festival is celebrated in Spain :
It is similar to holi as in a Tomatina festival people throw
tomatoes at each other and have fun. In Holi people apply
colours on each other and have fun by singing, dancing etc.
3. Name two festival of Jharkhand celebrated especially
by unmarried girls.
Ans. The two festivals of Jharkhand specially celebrated
by unmarried girls are Tusuparab and Karma Parab.
4. Sarhul festival is celebrated in which season?
Ans. Sarhul festival : Itis celebrated in summer season.
5. What are the special food items prepared during Tusu
parab?
Ans. The special food items prepared during the Tusupara
are Roti Pitha, Gud pitha, Mudhi Lai and Tilkut.
Word Power
□ Name any three :
1. Food items related to Tusuparab .................
Ans. Tilkut. Gud pitha, Roti pitha.
2. Festival of India .................
Ans. Holi, Diwali, Durgapuja.
3. Special festivals of Jharkhand.
Ans. Tusuparab, Sarhul festival, Karma Parab.
4. Traditional drums played in Jharkhand.................
Ans. Turhi, Thumki, Challa.
5. What are the special food items prepared during Tusu
parab?
Ans. T'uso, gobbar, turmeric, brass and gindu.
Write a few lines on the following festivals :
1. Sarhul 2. Tusuparab 3. Karma
Ans. 1. Sarhul
It is a major festival celebrated by the tribes of Jharkhand.
The role of sal tree in Sarhul festival is significant. This festival
is marked with the worship of sal tree which has been providing
them with shelter, fireword and protection from weather.
2. Tusuparab
The festival Makar Sankranti, Popularly known as
Tusuparab is celebrated on the last day of pous month which
fell on 15th January this year. It is a celebration of good harvest
and all people have fun during this festival. Young girls make
idols of goddess Tusumari and worship her with various
offering.
3. Karma
It is a festival of agriculture. Most of the tribal communities
celebrate the festival in the Hindu month of Bhadrapada which
falls in the months of September October. On this auspicious
day karam Devta considered to be the God of youth and power
is worshipped.
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