Jharkhand Board Class 6TH Civics Notes | डायन कुप्रथा
JAC Board Solution For Class 6TH (Social Science) Civics Chapter 3
1. रिक्त स्थानों की पूर्ति कीजिए―
(i) डायन प्रथा एक सामाजिक ................. है।
(ii) कन्नड़ भाषा में डायन को ............... नाम से जाना जाता
है।
(iii) शिक्षा के विकास के साथ कई .................. खत्म हो गए।
(iv) 21वीं शताब्दी में डायन का अस्तिव में होना एक बड़ी
.................. है।
(v) अशिक्षित लोग ..................... तथ्यों को बढ़ा-चढ़ा कर पेश
करते हैं।
उत्तर― (i) समस्या, (ii) पिशाच, (iii) कुरीतियाँ एवं अंधविश्वास,
(iv) लज्जाजनक एवं दुर्भाग्यपूर्ण, (v) इन मिथ्यापूर्ण
2. निम्नलिखित प्रश्नों के उत्तर दीजिए―
(i) डायन प्रथा से आप क्या समझते हैं? ग्रामीण क्षेत्रों में ही
डायन संबंधी घटनाएँ क्यों ज्यादा घटित होती हैं?
उत्तर― यह एक अंधविश्वास है। इस अंधविश्वास में लोग डायन
या बिसाहा को सच मानकर उनकी हत्या तक कर बैठते हैं।
लोगों के मन में यह गलत धारणा है कि महिला, या पुरुष तंत्र-मंत्र
विद्या द्वारा एक ऐसी शक्ति अर्जित कर लेते हैं कि वह किसी को भी इस
विद्या द्वारा मार सकते हैं।
ग्रामीण क्षेत्रों में ही डायन संबंधी घटनाएं ज्यादा घटित होती हैं
क्योंकि वहाँ के लोगों में शिक्षा की कमी और अंधविश्वास की धारणा अब
भी है। इसी वजह से ग्रामीण क्षेत्रों में ऐसी घटनाएँ ज्यादा घटित होती है।
(ii) देश के अन्य भागों में डायन प्रथा को किन-किन नामों
से जाना जाता है?
उत्तर― तेलगू में डायन, कन्नड़ में पिशाच, तथा गुजराती में
डाकिन।
(iii) डायन प्रथा को जड़ से मिटाने के लिए झारखंड सरकार
की ओर से कौन-कौन से कदम उठाये जा रहे हैं?
उत्तर― झारखंड सरकार डायन-बिसाहा अंधविश्वास को खत्म
करने के लिए प्रयासरत है। शिक्षा का व्यापक प्रचार-प्रसार किया जा रहा
है। गाँवों में जागरूक अभियान चलाये जा रहे हैं। नुक्कड़ नाटक,
समाचार-पत्रों, पाठ्यपुस्तकों तथा अन्य माध्यम से इस सामाजिक बुराई को
जड़ से मिटाने का प्रयत्न किया जा रहा है।
3. डायन प्रथा को खत्म करने में मीडिया की क्या भूमिका हो
सकती है?
उत्तर― मीडिया इस समस्या के समाधान में अहम भूमिका निभा
सकती है। ग्रामीण क्षेत्रों में पहुंच के संदर्भ में आकाशवाणी की भी विशेष
महत्ता है, जिसके माध्यम से लोगों को जागरूक किया जा सकता है।
4. क्या डायन-बिसाहा के अस्तित्व से आप सहमत हैं?
उत्तर― नहीं 'डायन-बिसाहा के' हम सहमत नहीं है क्योंकि
डायन-बिसाहा का वास्तव में अस्तित्व नहीं होता है और ये महज
सामाजिक कुरीति एवं अंधविश्वास है। अशिक्षित लोग इन मिथ्यापूर्ण तथ्यों
को बढ़ा-चढ़ा कर पेश करते हैं और समाज में दिग्भ्रम की स्थिति पैदा
करते हैं। सच पूछा जाय तो डायन-बिसाहा के अस्तित्व को स्वीकार करना
समाज की बीमार मानसिकता का परिचय है। विज्ञान के विकास के साथ
यह तथ्य बिल्कुल स्पष्ट हो चुका है कि इन अंधविश्वासों का कोई अस्तित्व
ही नहीं है।
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