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 Jharkhand Board Class 10 Hindi Notes | संगतकार ― मंगलेश डबराल  Solutions Chapter 9

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 काव्यांशों पर आधारित अर्थ-ग्रहण संबंधी प्रश्नोत्तर

काव्यांश 1. मुख्य गायक के चट्टान जैसे भारी स्वर का साथ देती
                वह आवाज सुन्दर कमजोर काँपती हुई थी
                वह मुख्य गायक का छोटा भाई है
                या उसका शिष्य
                या पैदल चलकर सीखने आने वाला दूर का कोई रिश्तेदार
                मुख्य गायक की गरज है
                वह अपनी गूँज मिलाता आया है प्राचीन काल से।

प्रश्न-मुख्य गायक की आवाज में कौन-सा गुण है? संगतकार की
आवाज कैसी थी?
उत्तर―मुख्य गायक की आवाज में गंभीरता, कड़क तथा भारीपन है।
संगतकार की आवाज मधुर, कमजोर एवं कंपनयुक्त थी। वह मुख्य गायक की
गंभीर आवाज को कोमलता प्रदान करती थी।

प्रश्न-संगतकार का काम क्या है?
उत्तर―संगतकार का काम है-मुख्य गायक की गंभीर आवाज में अपनी गूँज
मिलाना। मुख्य गायक के स्वर को और अधिक बल देकर उठाना।

प्रश्न-संगतकार के साथ गायक का संबंध बताते हुए कवि ने 'या' का
प्रयोग क्यों किया है?
उत्तर―कवि को गायक और संगतकार के संबंधों का सही ज्ञान नहीं है। फिर
भी, इसकी भाव-भंगिमा से वह मुख्य गायक का कोई नजदीकी प्रियजन है या
उसका छोटा भाई है. प्रिय शिष्य है या दूर का रिश्तेदार है। उसी अनुपात के कारण
कवि ने 'या' का प्रयोग किया है।

काव्यश 2. गायक जब अंतरे की जटिल तानों के जंगल में
               खो चुका होता है
               या अपने ही सरगम को लाँधकर)
               चलता जाता है भटकता हुआ एक अनहद में-
               तब संगतकार ही स्थायी को संभाले रहता है
               जैसे समेटता हो मुख्य गायक का पीछे छूटा हुआ सामान
               जैसे उसे याद दिलाता हो उसका बचपन
               जब वह नौसिखिया था।

प्रश्न-अंतरे की जटिल तानों का जंगल किसे कहा गया है?
उत्तर―किसी गीत के चरण को गाते हुए उसके स्वरों और अलापों के कठिन
और उलझी हुई तानों को तानों का जंगल कहा जाता है।

प्रश्न-सरगम को लाँधने का क्या तात्पर्य है?
उत्तर―गीत के मुख्य स्वर की मर्यादा को भूलकर और कठिन अलापों में खो
जाना या स्वर को अधिक उठा देने की क्रिया को सरगम को लाँघना कहा जाता
है।

प्रश्न-'अनहद' का आशय स्पष्ट करें।
उत्तर―संतों के अनुसार 'अनहद' का अर्थ है, असीम और अनन्त। यहाँ पर
'अनहद' शब्द का प्रयोग आध्यात्मिक मस्ती के अर्थ में हुआ है।

प्रश्न-संगतकार गायक का किस प्रकार सहयोग करता है?
उत्तर―संगतकार मुख्य गायक के पीछे-पीछे उसी के स्वर को दोहराता है।
यदि मुख्य गायक बहुत जटिल लय और तान में उलझने लगता है तो संगतकार का
मूल स्वर उसे पुनः अपने मूल स्वर में लाने का प्रयास करता है। इस प्रकार संगतकार
मुख्य गायक को अपने मूल स्वर से भटकने नहीं देता है।

प्रश्न-संगतकार मुख्य गायक को नौसिखिया की स्थिति मे कैसे लाता है?
उत्तर―कभी-कभी मुख्य गायक गाते-गाते इतनी जटिल लयतान में खो जाता
है कि संगीतकार ही उसे वापस मूल स्वर में लौटा लाता है। ठीक यही स्थिति
नये-न्ये शिष्य की होती है कि गाते-गाते प्रायः मूल स्वर को भूल जाता है।

प्रश्न-स्थायी को सँभाले रखने का क्या तात्पर्य है?
उत्तर―स्थायी को सँभाले रखने का तात्पर्य है कि किसी गीत की मुख्य पंक्ति
या टेक के मूल स्वर को गाते रहना। उसके स्वर को बिखरने या बदलने से बचाना।
उसकी गति, उठाना या लय को कम-अधिक न होने देना।

                         पाठ्य-पुस्तक के प्रश्न एवं उत्तर

प्रश्न 1. संगतकार के माध्यम से कवि किस प्रकार के व्यक्तियों की ओर
संकेत करना चाह रहा है? [JAC 2009 (S): 2010 (C): 2013 (A)]
उत्तर―संगतकार के माध्यम से कवि किसी भी कार्य अथवा कला में लगे
सहायक कर्मचारियों और कलाकारों की ओर संकेत कर रहा है। वे सहायक
कलाकार स्वयं को महत्त्व न देकर मुख्य कलाकार और मुख्य व्यक्ति के महत्त्व को
बढ़ाने में अपनी शक्ति लगा देते हैं।

प्रश्न 2. संगतकार जैसे व्यक्ति संगीत के अलावा और किन-किन क्षेत्रों
में दिखाई देते हैं?                                          [JAC 2013 (A)]
उत्तर―संगतकार जैसे व्यक्ति संगीत के अलावा बड़े बड़े नेताओं, अभिनेताओं,
संतों-महात्माओं के साथ भी इसी प्रकार सहयोग करते हैं। नेताओं के इर्द-गिर्द रहने
वाले सभी सहायक उपनेता अपने बड़े नेता के महत्त्व को बढ़ाने में लगे रहते हैं।
आम कार्यकर्ता, झंडे लगाने वाले नारे लगाने वाले कार्यकर्ता संगतकार की भूमिका
ही निभाते हैं। संतों-महात्माओं के आने से पहले उनकी महिमा का गुणगान करने
वाले भक्त और उनके जाने के बाद उनका प्रचार करने वाले भक्त भी संगतकार
के समान होते हैं।

प्रश्न 3. संगतकार किन-किन रूपों में मुख्य गायक-गायिकाओं की मदद
करते हैं?                                                        [JAC 2009 (A)]
अथवा, संगतकार मुख्य गायक का किस प्रकार सहयोग करता है?
                                                                 [JAC 2009 (A); 2016 (A)]
उत्तर―संगतकार निम्नलिखित रूपों में मुख्य गायक-गायिकाओं की मदद करते
हैं―
  ● वे अपनी आवाज और गूंज को मुख्य गायक की आवाज में मिलाकर
उनकी आवाज का बल बढ़ाते हैं।
● वे गायक द्वारा और कहीं गहरे चले जाने पर उनकी स्थायी पंक्ति को
पकड़े रखते हैं तथा मुख्य गायक को वापस मूल स्वर पर ले आते है।
● वे मुख्य गायक की थकी हुई टूटती-बिखरती आवाज को बल देकर
सहयोग देते हैं। उन्हें अकेला नहीं पड़ने देते, बिखरने नहीं देते।

प्रश्न 4. सफलता के चरम शिखर पर पहुँचने के दौरान यदि व्यक्ति
लड़खड़ाते हैं तब उसे सहयोगी की तरह सँभालते हैं ? [JAC 2011 (A)]
उत्तर―जब कोई व्यक्ति सफलता के चरम शिखर पर पहुँचकर अचानक
लड़खड़ा जाता है तो उसके सहयोगी ही उसे बल, उत्साह, शाबासी और साथ देकर
सँभालते हैं। वे अपनी शक्ति उसके लिए लगा देते हैं। वे उसकी कमी को पूरा
करने का भरसक प्रयास करते हैं।

प्रश्न 5. किसी भी क्षेत्र में संगतकार की पंक्ति वाले लोग प्रतिभावान होते
हुए भी मुख्य या शीर्ष स्थान पर क्यों नहीं पहुँच पाते होंगे?
उत्तर―किसी भी में संगतकार की पंक्ति वाले लोग मुख्य कलाकर नहीं बन
पाते । कारण स्पष्ट है। वे मुख्य गायक के सहायक के रूप में आते हैं। यदि वे
जीवन-भर तबला, हारमोनियम आदि वाद्य-यंत्र बजाते रहे तो मुख्य कलाकर कैसे
बन सकते हैं। हाँ, यदि कभी उन्हें स्वतंत्र रूप से अपनी प्रतिभा दिखाने का अवसर
मिले, उनका गायन सुना जाए: उनका तबला या हारमोनियम ही सुना जाए, तभी
वे मुख्य स्थान प्राप्त कर सकेंगे। इस बात के अवसर बहुत कम होते हैं।
        प्रायः संगतकार द्वितीय श्रेणी की प्रतिभा वाले होते हैं। प्रथम श्रेणी की प्रतिभा
वाले कलाकार जल्दी ही संगतकार की भूमिका छोड़कर स्वतंत्र कार्यक्रम करने लगते
हैं। यदि नहीं करते, तो इसे उनके प्रयासों की कमी या दुर्भाग्य माना जाना चाहिए ।
      मुख्य कलाकार बनने में जहाँ प्रतिभा चाहिए, वहाँ लोगों के बीच संबंध भी
चाहिए। कुछ लोग उसके प्रशंसक होने चाहिए। उसे ऊपर उठाने वाले होने
चाहिए। जो कलाकार गरीब होते हैं, साधनहीन होते हैं; वे प्रायः शीर्ष स्थान से
वंचित रह जाते हैं। उन्हें स्वयं को स्थापित करने के अवसर बहुत कम मिलते हैं।

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