Jharkhand Board Class 10 Biology Notes | नियंत्रण एवं समन्वय
JAC Board Solution For Class 10TH (Science) Biology Chapter 2
1. एक पादप हॉर्मोन का नाम लिखें जो पौधों में वृद्धि का घटक है।
[JAC 2009 (A)]
उत्तर : ऑक्जीन।
2. कौन-सा रसायन दीप्तिकालिता उत्पन्न करता है? [JAC 2009 (5)]
उत्तर : फाइटोक्रोम
3. कौन-सी ग्रंथि अंत:स्रावी और बहिःस्रावी दोनों हैं? [JAC 2009 (S)]
उत्तर: अग्नाशय।
4. कौन-सा हॉर्मोन रुधिर में शर्करा की मात्रा को नियंत्रित करता है?
[JAC 2010(A)]
उत्तर : इनसुलीन।
5. इनसुलीन हॉर्मोन की अधिकता से रक्त के ग्लूकोज-स्तर पर क्या प्रभाव
पड़ता है? [JAC 2011 (A)]
उत्तर : घटता है।
6. थायरॉक्सीन के स्रवण में कौन-सा तत्त्व आवश्यक है? [JAC 2012(A)]
उत्तर : कैल्सियम।
7. दो तंत्रिका कोशिकाओं की दुमिकाओं के सन्धिस्थल को क्या कहते हैं?
[JAC 2012]
उत्तर : अन्तर्ग्रथन या सिनैप्स।
8. पराग नलिका का बीजांड की ओर वृद्धि करना किस प्रकार का अनुवर्तन है?
[JAC 2013 (S)]
उत्तर : रसायनानुवर्तन।
9. उस पादप हॉर्मोन का नाम लिखें जो पतझड़ को उत्प्रेरित करता है?
[JAC 2014 (A), 2020 (A)]
उत्तर : एबसिसिक एसिड या ABA-हॉर्मोन।
10. आवेग उत्पन्न करने वाले कारक का नाम लिखें। [JAC 2017(A)]
उत्तर : उद्दीपन।
11. शरीर का प्रमुख समन्वय केन्द्र क्या है? [JAC 2019(A)]
उत्तर: मस्तिष्क
12. तंत्रिका तंत्र की रचनात्मक और कार्यात्मक इकाई क्या है?
उत्तर : तंत्रिका कोशिका (न्यूरॉन)
13. दो तंत्रिका कोशिकाओं के मध्य खाली स्थान को क्या कहते हैं?
उत्तर : अन्तर्ग्रधन या सिनैप्स।
14. शरीर का प्रमुख समन्वय केन्द्र क्या है?
उत्तर : मस्तिष्क।
15. मस्तिष्क का कौन-सा भाग़ शरीर का आसन एवं संतुलन बनाए रखता है?
उत्तर : सेरीबेलम।
16. मस्तिष्क का कौन-सा भाग शरीर की स्थिति तथा संतुलन का अनुरक्षण
करता है?
उत्तर : अनुमस्तिष्क।
17. नशीले पदार्थों का सबसे अधिक प्रभाव मस्तिष्क के किस भाग पर
पड़ता है?
उत्तर : अनुमस्तिष्क पर।
18. आवेग उत्पन्न करने वाले कारक का नाम लिखें।
उत्तर : उद्दीपन।
19. मस्तिष्क या मेरूरज्जु से प्रतिवर्तित होने के बाद आवेग प्रेरक न्यूरॉनों से
होकर कहाँ जाते हैं?
उत्तर : इफेक्टर में।
20. कौन-सी ग्रंथि एड्रीनलीन हार्मोन का स्राव करती है?
उत्तर : अभिवृक्क ग्रंथि।
21. मनुष्य में चीनी के पाचन में कौन हॉर्मोन सहायक है?
उत्तर : इन्सुलिन हॉर्मोन।
22. मस्तिष्क के चारों ओर स्थित पतली झिल्ली क्या कहलाती है?
उत्तर : मेनिंजीज।
23. किस मानव ग्रंथि को मास्टर ग्रंथि कहते हैं?
उत्तर : पीयूष ग्रंथि, मास्टर ग्रंथि कहलाती है।
24. कौन-सा हॉर्मोन कार्बोहाइड्रेट, वसा एवं प्रोटीन के उपापचय को
नियंत्रित करता है?
उत्तर : थायरॉक्सीन।
25. शरीर का कौन-सा भाग केन्द्रीय तन्त्रिका तन्त्र बनाता है?
उत्तर: मस्तिष्क।
26. किस हार्मोन के कारण तना प्रकाश की ओर मुड़ता है?
उत्तर : ऑक्जीन।
27. प्रकाशानुवर्तन और गुरुत्वानुवर्तन में उद्दीपन कौन-से हैं?
उत्तर : प्रकाश और गुरुत्व।
28. इंसुलिन का उत्पादन कहाँ होता है?
उत्तर : अग्नाशय में।
29. मधुमेह रोग में क्या होता है?
उत्तर : रुधिर में शर्करा का स्तर बढ़ जाता है।
30. 'आपातकालीन हॉर्मोन' किसे कहते हैं?
उत्तर : एड्रिनेलीन हॉर्मोन।
3 अंक स्तरीय प्रश्न
1. पौधे में प्रकाशानुवर्तन, गुरूत्वानुवर्तन, जलानुवर्तन और रसायनुवर्तन
का एक-एक उदाहरण लिखें। [JAC 2009 (S)]
उत्तर : प्रकाशानुवर्तन―प्रारोह प्रकाश की दिशा में मुड़ जाती है।
गुरुत्वानुवर्तन―जड़ें गुरुत्वाकर्षण की दिशा धरती में जाती है।
जलानुवर्तन―अमीबा जल की ओर बढ़ता है।
रसानुवर्तन―पादप हॉर्मोन जिबरेलिन तने में वृद्धि करता है।
2. मधुमेह क्या है? यह क्यों होता है? [JAC 2013 (A)]
उत्तर : मधुमेह एक प्रकार का रोग है। जब मानव शरीर में इंसुलिन की
कमी हो जाती है तो रक्त में ग्लूकोज की मात्रा बढ़ जाती है जिसमें अतिरिक्त
ग्लूकोज मूत्र के साथ बाहर आने लगता है।
3. प्रतिवर्ती क्रिया को परिभाषित करें तथा कोई एक उदाहरण लिखें।
[JAC 2011(A)]
उत्तर : जीवधारियों में किसी दृश्य या अदृश्य, बाह्य अथवा भीतरी उद्दीपन
के प्रभाव में होनेवाली वे अनैच्छिक क्रियाएँ जिनका संचालन एवं समन्वयन
प्राय: मेरुरज्जु की तंत्रिकाओं द्वारा होता है, प्रतिवर्ती क्रियाएँ कहलाती हैं।
4. संवेदी तथा प्रेरक तंत्रिकाओं से आप क्या समझते हैं? [JAC 2015 (A)]
उत्तर : संवेदी तंत्रिका कोशिका : ये कोशिकाएँ आवेगों को ग्रहण करती हैं।
प्रेरक तंत्रिकाएँ : ये आवेगों को केन्द्रीय तंत्रिका तंत्र से प्रेरक अंगों या
पेशियों तक ले जाती हैं।
5. पादप हार्मोन और जन्तु हार्मोन में दो अन्तर लिखिए। [JAC 2017 (A)]
उत्तर : (i) ऑक्जीन और जिबरेलिन दो प्रमुख पादप हार्मोन समूह है
जबकि एस्ट्रोजन, प्रोजेस्टरॉन, रिलैक्सिन जन्तु हार्मोन हैं।
(ii) ऑक्जीन पौधों के तने की लम्बाई को बढ़ाता है और जिबरेलिन पौधे
के तने की वृद्धि करता है। जबकि पीयूष ग्रंथि से वृद्धि हार्मोन (जन्तुओं में) के
द्वारा हड्डी तथा ऊतकों की वृद्धि को नियमित करता है। जन्तु हार्मोन का स्राव
सीधे रक्त में होता है। थायराइड हार्मोन, उत्तेजक हार्मोन है। तथा थायराइड ग्रंथि
से स्रावित हार्मोन शरीर वृद्धि के लिए आवश्यक है।
6. हमारे शरीर में ग्राही का क्या कार्य है। ऐसी स्थिति पर विचार की
जहाँ ग्राही उचित प्रकार से कार्य नहीं कर रहे हों। क्या समस्याएँ उत्पन्न
हो सकती हैं? [JAC 2018(A)]
उत्तर : ग्राही सूचनाओं को ग्रहण करके उन्हें आवेग के रूप में संवेदी
तंत्रिका द्वारा मेरुरज्जु और मस्तिष्क में भेजते हैं। वहाँ उन सूचनाओं का
विश्लेषण होता है। तदनुसार एक उपयुक्त आदेश आवेग के रूप में मोटर
तंत्रिका द्वारा उस ग्राही अंग की पेशी में और ज्ञानेन्द्रियों में भेजा जाता है।
तदनुसार अनुक्रिया होती है। यदि ग्राही अंग उचित प्रकार से कार्य नहीं करेगा तो
सूचनाएँ मस्तिष्क या मेरुरज्जु तक नहीं पहुंच सकेंगी। इस प्रकार शरीर में
आवश्यक कार्य सम्पादित नहीं हो सकेगा और वह किसी भी सम्भावित खतरे
का शिकार हो सकता है।
7. प्रतिवर्ती क्रिया और प्रतिवर्ती चाप में अंतर लिखिए। [JAC 2019(A)]
उत्तर:
प्रतिवर्ती क्रिया प्रतिवर्ती चाप
(i) स्पाइनल कॉर्ड द्वारा निर्गत (i) न्यूरॉनों में आवेग के ऐसे संचार
अनैच्छि क्रियाएँ प्रतिवर्ती क्रियाएँ का निश्चित पथ प्रतिवर्ती चार
कहलाती है। कहलाता है।
(ii) प्रतिवर्ती क्रिया अपेक्षाकृत (ii) प्रतिवर्ती चाप तत्काल अनुक्रिया
व्यवहार का सरल रूप है जिसमें करवाता है।
वही उद्दीपन हर समय एक ही
अनुक्रिया उत्पन्न करता है।
8. प्रतिवर्ती क्रिया और टहलने में क्या अंतर है? [JAC 2020]
उत्तर : प्रतिवर्ती क्रिया एक अनैच्छिक क्रिया है जो स्वत: होती है और
उसपर हमारा कोई नियंत्रण नहीं रहता है। टहलना एक ऐच्छिक क्रिया है जिसे
हम अपने अनुसार नियंत्रित और परिवर्तित करते हैं।
9. एक जीव में नियंत्रण एवं समन्वय तंत्र की क्या आवश्यकता है?
उत्तर : (i) विभिन्न प्रकार के प्रक्रम कई अंगों के समन्वय द्वारा सम्पादित
होते है। अत:जीव में समन्वय आवश्यक है। (i) शरीर के उपापचय की दर एवं
हृदय तथा फेफड़े के कार्य करने की दर निश्चित होनी चाहिए। अतः इन दरों को
नियंत्रित रखना आवश्यक होता है।
10. छुई-मुई पादप में गति तथा हमारी टाँग में होने वाली गति के तरीके में
क्या अन्तर है?
उत्तर : छुई-मुई पौधे की पत्तियों की गति उद्दीपन के प्रभाव में अनुक्रिया के
रूप में होती है। इसमें आवेग का संचरण स्पर्श के स्थान से अनुक्रिया के स्थान
(पत्रकों की वन्त-गाँठो) तक वैद्युत-रासायनिक संकेत के रूप में विसरण के
फलस्वरूप होता है। इसके कारण पत्रक वृन्त-गाँठों पर से मुड़ जाते है। इसके
विपरीत मनुष्य की टाँगे पेशियों के संकुचन एवं अनुशिथिलन के कारण गति
करती हैं और पेशियों में आवेग का संचरण तंत्रिका द्वारा होता है। दूसरी ओर,
यह क्रिया पूर्णत: ऐच्छिक है जबकि छुई-मुई पादप की पत्तियों की गति वाह्य
उद्दीपन पर आश्रित होती है।
11. हम एक अगरबत्ती की गंध का पता कैसे लगाते हैं?
उत्तर : हमारे अग्रमस्तिष्क में प्राण केन्द्र होता है जो गन्ध से सम्बन्धित
सूचनाओं को प्राप्त करता है। इसके बाद उस केन्द्र के एक अन्य भाग में उन
सूचनाओं का विश्लेषण होता है। पहले से गन्ध के सम्बन्ध में एकत्रित सूचनाओं
से प्राप्त गन्ध सम्बन्धी सूचना का मिलान किया जाता है। यदि गन्ध के सम्बन्ध
में प्राप्त सूचना पहले से एकत्रित सूचनाओं में से अगरबत्ती की गन्ध से मेल
खाती है तो मस्तिष्क यह निष्कर्ष निकालता है कि प्राप्त सूचना अगरबती की
गन्ध से सम्बन्धित है। इस प्रकार हमें अगरबत्ती की गन्ध का पता चल जाता है।
12. प्रतिवर्ती क्रिया में मस्तिष्क की क्या भूमिका है?
उत्तर : मस्तिष्क शरीर का मुख्य समन्वय केन्द्र है। यह मेरुरज्जु से प्राप्त
की गई सूचनाओं पर सोचने एवं उनका विश्लेषण करने का कार्य करता है
मस्तिष्क में प्रतिवर्ती क्रियाओं के संदेश भेजे जाते हैं। कुछ प्रतिवर्ती क्रियाएँ
सीधे मस्तिष्क द्वारा ही नियन्त्रित होती हैं। तीव्र प्रकाश में हमारे नेत्र की पुतली
का संकुचित होना इसका एक उदाहरण है।
13. जलानुवर्तन दर्शाने के लिए एक प्रयोग की अभिकल्पना दीजिए।
उत्तर : सीसे के दो नाद लेकर उन्हें दो-तिहाई भाग तक मिट्टी से भर देते हैं।
नाद–A में और नाद-B में समान प्रकार के दो नन्हें पौधे आरोपित कर देते है।
नाद–A में एक समान रूप से सिंचाई करते हैं तथा नाद-B की मिट्टी में एक मिट्टी
का बरतन गहराई तक व्यवस्थित करके उसमें जल भर देते है. मिट्टी की सिंचाई
नहीं करते हैं। कुछ दिनों के बाद पौधों को जड़ों को क्षति पहुँचाये बिना जब
खोदकर बाहर निकालते हैं तब हम पाते हैं कि नाद-B के पौधे की जड़ें एक दिशा
में मुड़ी हुई है जिस दिशा में जल से भरा हुआ मिट्टी का पात्र रखा हुआ था।
नाद–A के पौधे की जड़ें बिलकुल सीधी हैं। इससे जलानुवर्तन का प्रदर्शन होता है।
14. अनैच्छिक क्रियाएँ तथा प्रतिवर्ती क्रियाएँ एक-दूसरे से किस प्रकार भिन्न हैं?
उत्तर : यद्यपि प्रतिवर्ती क्रियाएँ भी अनैच्छिक क्रियाएँ ही हैं तथापि पूर्णत:
अनैच्छिक क्रियाएँ नियमित रूप से स्वत: होती है एवं इनके लिए किसी उद्दीपन
की आवश्यकता नहीं होती है- उदाहरण के लिए हृदय की गति, जो नियमित
होती है। इन गतियों का संचालन मध्य मस्तिष्क तथा पश्च मस्तिष्क द्वारा होता
है। प्रतिवर्ती क्रियाओं का संचालन सदैव मेरुरज्जु के माध्यम से होता है।
15. हॉर्मोन क्या है? किन्हीं चार पादप हॉर्मोनों के नाम लिखें।
उत्तर : हॉर्मोन विशिष्ट जटिल कार्बनिक यौगिक होते है, जो नलिकाविहीन
अंतःस्रावी ग्रंथियों द्वारा सावित किए जाते है। इनकी अल्प मात्रा ही विभिन्न
कार्यों को संपन्न करने के लिए काफी होती है। चार पादप हॉर्मोन–ऑक्सिन,
जिबरेलिन्स, साइटोकाइनिन तथा एथिलीन है।
16. जब एड्रिनलीन हॉर्मोन रुधिर में मिल जाता है, तो शरीर में क्या
अनुक्रिया होती है?
उत्तर : एड्रिनलीन हॉर्मोन के रुधिर में मिलने से शरीर में निम्नलिखित
अनुक्रियाएँ होती है―
(a) हृदय की धड़कन बढ़ जाती है, ताकि हमारी पेशियों को अधिक
ऑक्सीजन की आपूर्ति हो सके।
(b) पाचन तंत्र तथा त्वचा में रुधिर की आपूर्ति कम हो जाती है।
(c) रुधिर प्रवाह की दिशा कंकाल पेशियों की ओर बढ़ जाती है, जिससे
चेहरा लाल हो जाता है।
(d) डायाफ्राम तथा पसलियों की पेशी में संकुचन बढ़ जाती है, जिससे
श्वसन-दर बढ़ जाती है।
ये सभी अनुक्रियाएँ मिलकर हमारे शरीर को किसी आपातकालीन
परिस्थिति से निपटने के लिए तैयार करती है।
17. आयोडीनयुक्त नमक के उपयोग की सलाह क्यों दी जाती है?
उत्तर : आयोडीन की कमी से थाइरॉइड ग्रंथि द्वारा बननेवाला हॉर्मोन
थाइरॉक्सिन कम बनता है। थाइरॉक्सिन की कमी से शारीरिक तथा मानसिक
वृद्धि प्रभावित होती है तथा घेघा या गलगंड (goitre) बीमारी हो सकती है। इसी
कारण आयोडीनयुक्त नमक के उपयोग की सलाह दी जाती है।
18. मधुमेह के कुछ रोगियों की चिकित्सा इंसुलिन का इंजेक्शन देकर क्यों
की जाती है?
उत्तर : मधुमेह के कुछ रोगियों में आन्याशय की लैंगरहैस की दीपिकाओं
द्वारा इंसुलिन हॉर्मोन का स्राव नहीं हो पाता है। इसके कारण इनके रुधिर में शर्करा
का स्तर बढ़ जाता है। यह बढ़ा स्तर शरीर में अनेक हानिकारक प्रभावों (जैसे
मोतियाबिंद, वृक्क की क्षति आदि) का कारण बन जाता है। इसलिए ऐसे मधुमेह
रोगियों को चिकित्सा इंसुलिन का इंजेक्शन देकर की जाती है, ताकि रुधिर में
शर्करा की मात्रा सामान्य स्तर पर रहे।
19. पौधों में रासायनिक समन्वय किस प्रकार होता है?
उत्तर : उच्च वर्गीय पादप अपनी विशिष्ट कोशिकाओं द्वारा कुछ विशेष
प्रकार के जटिल कार्बनिक यौगिकों का स्राव करते हैं। ये पौधों में वृद्धि का
नियमन करते है। कुछ पादप-हॉर्मोन पादप-वृद्धि दर को प्रेरित करते हैं, जबकि
अन्य कम कर देते हैं।
20. वृद्धि हार्मोन क्या है? मनुष्यों में बौनेपन का क्या कारण है ?
उत्तर : वृद्धि हार्मोन पीयुष ग्रंथि द्वारा सावित होने वाला महत्वपूर्ण हार्मोन
है। मनुष्यों की लम्बाई में वृद्धि को उत्प्रेरित करने वाला वृद्धि हॉर्मोन पीयूष ग्रन्थि
में बनता है। इस हॉर्मोन का स्राव यदि बाल्यावस्था में कम हो जाय तो वृद्धि रुक
जाती है जिसे बौनापन कहते हैं। यद्यपि पीयूष ग्रन्थि बहुत से हॉर्मोनों का साय
करती है, तथापि वृद्धि हॉर्मोन की कमी या अधिकता ही वृद्धि को प्रभावित करती है।
21. अनुवर्तन तथा अनुकंचन गतियों में अंतर लिखिए।
उत्तर : अनुवर्तन तथा अनुकुंचन गतियों में अंतर―
अनुवर्तन गति अनुकुंचन गति
(i) पौधों की उद्दीपन की दिशा में ही (i) पौधों की उहीपन की दिशा में
गति होती है। गति नहीं होती, बल्कि पूर्व
निश्चित दिशा में होती है।
(ii) प्रकाश, गुरुत्व और रसायनों के (ii) छुई-मुई के पत्तों को छूने पर वे
प्रभाव से पौधे अनुवर्तन गति नीचे की ओर ही लटकते है, न
करते हैं। कि स्पर्श की दिशा में।
22. प्रकाशानुवर्तन और गुरुत्वानुवर्तन में क्या अन्तर है?
उत्तर: पौधो का प्रकाश (सूर्य का प्रकाश) की ओर बढ़ना या गति करना
प्रकाशानुवर्तन कहलाता है। पौधों की जड़ों का पृथ्वी के गुरुत्व की दिशा में
बढ़ना गुरुत्वानुवर्तन कहलाता है।
23. न्यूरॉन क्या है? एक तंत्रिका कोशिका का नामांकित चित्र बनाएँ।
उत्तर : तंत्रिका तंत्र की रचनात्मक और कार्यात्मक इकाई को तंत्रिका कोशिका
या न्यूरॉन कहते है। तंत्रिका कोशिका (न्यूरॉन) तीन प्रकार की होती है―
उत्तर : (A) प्रमस्तिष्क गोलार्द्ध
(B) प्रमस्तिष्क
(C) सेरिबेलम
(D) सक्कस
(a) A और B के नाम लिखें।
(b)? क्या है? इसका एक कार्य लिखें।
उत्तर : (a) A ―पॉन्स, B ―मेडुला
(b)? ―अनुमस्तिष्क
कार्य : यह शरीर की संस्थिति तथा संतुलन के लिए उत्तरदायी है।
26. जिबरेलिन्स के क्या कार्य हैं?
उत्तर:
(i) कोशिका-विभाजन एवं कोशिका-दीर्धन द्वारा ये पौधे के स्तंभ की
लंबाई में वृद्धि करते हैं।
(ii) इनके उपयोग से बृहत आकार के फलों एवं फूलों का उत्पादन
किया जाता है।
(ii) बीजरहित फलों के उत्पादन में ये सहायक होते है।
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