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   Jharkhand Board Class 10  Biology  Notes | प्राकृतिक संसाधनों का प्रबंधन 

 JAC Board Solution For Class 10TH (Science) Biology Chapter 7


1. हमें वन एवं वन्य जीवन का संरक्षण क्यों करना चाहिए?
                                                                    [JAC 2009 (A)]
उत्तर : वन्य जीवन को अग्रलिखित कारणों से सुरक्षित रखना चाहिए―
(i) प्रकृति में पारिस्थितिक संतुलन बनाए रखने के लिए।
(ii) जीन पूल की सुरक्षा के लिए। वन्य जीवन का संरक्षण राष्ट्रीय पार्क
तथा पशुओं और पक्षियों के लिए शरणस्थल बनाने से किया जा
सकता है। यह पशुओं का शिकार करने की निषेध आज्ञा का कानून
प्राप्त करके किया जा सकता है।

2. वन प्रबंधन में जन भागीदारी का एक उदाहरण दें। [JAC 2010 (A)]
उत्तर : वन प्रबंधन में जनता अपने खेतों की मेड़ पर, सड़क के किनारे,
पोखर के किनारे वृक्षारोपण कर सकती है। इस कार्य से वन विकास संभव है। रोपे
गये पौधों को जन भागीदार द्वारा संवर्धन किया जा सकता है।

3. वनों के संरक्षण के तीन उपाय लिखिए। [JAC 2009 (A). 2014 (A)]
उत्तर : वनों के संरक्षण के तीन उपाय निम्न है-(i) वन में से उन्हीं पेड़ो
को काटने की सरकार द्वारा अनुमति देना जो सूख गए है अथवा पूर्ण प्रौढ़ हो चुके
हैं। (ii) बंजर तथा परती भूमि पर सघन वृक्षारोपण के कार्यक्रमों का संचालन। (iii)
जनता में जागरूकता पैदा कर वृक्षारोपण के लिए प्रोत्साहित करना।

4. तीन सरल विकल्पों को लिखें जिनसे हमारी ऊर्जा खपत में अन्तर पड़
सकता है।                                                    [JAC 2009 (S)]
उत्तर : तीन सरल विकल्प इस प्रकार हैं―
(i) कूकर के प्रयोग से ऊर्जा की खपत में भारी अंतर संभव है।
(i) सौर ऊर्जा का अधिकाधिक प्रयोग से।
(iii) बायो ऊर्जा का प्रयोग कर।

5. वन्य सम्पदा की सुरक्षा के लिए कौन-कौन-से उपाय हैं?
                                                   [JAC 2010(A)]
उत्तर : वन्य सम्पदा की सुरक्षा के अनलिखित उपाय है―
(i) वृक्षों का काटना बन्द होना चाहिए।
(ii) केवल वे ही वृक्ष काटे जाएँ जो सूख जाएँ या जिन्हें कोई गम्भीर
बीमारी लग जाए और उनके स्थान पर नये वृक्ष लगाये जाने
चाहिए।
(iii) वृक्षों की प्रति वर्ष गिनती की जानी चाहिए और वृक्षारोपण के लक्ष्य
को पूर्ण करना चाहिए।
(iv) नये लगाए गए वृक्षों की देखभाल करनी चाहिए।

6. ऐसे तीन कार्य लिखें जिनसे आप प्राकृतिक संसाधनों का संरक्षण कर
सकते हैं।                                                  [JAC 2010 (A)]
उत्तर : (i) हमें अपने संसाधनों का मितव्ययितापूर्वक उपयोग करना
चाहिए तथा उनकी बर्बादी को रोकना चाहिए। (ii) पुरानी बेकार वस्तुओं को फेक
देने के बजाय उनको उपयोगी बनाकर फिर से उपयोग में लाना। धातुओं के
टुकड़ों, प्लास्टिक इत्यादि को बेच देने से ये सामान फैक्टरियों तक पहुँच जाते
हैं और इनसे नई वस्तुएँ बना दी जाती है। पुराने कपड़ों को फेंकने के बजाय
गरीबों को दान देना बेहतर उपाय है।

7. खादिन क्या है? यह पर्यावरण संरक्षण से किस प्रकार संबंधित है?
                                                                [JAC 2011 (A)]
उत्तर : 'खादिन' भारत के राजस्थान राज्य में कृषि के उपयोग हेतु
प्रचलित एक पारम्परिक जल-संरक्षण की विधि है। खादिन वास्तव में एक लम्बी
बाँध संरचना है जिसका निर्माण ढालू कृषि क्षेत्र के आर-पार किया जाता है। वर्षा
का जल कृषि-क्षेत्र से होता हुआ नीचे उतरता है परन्तु खादिन-बाँध द्वारा रोक
लिया जाता है। बाँध के पीछे छिल्ला कुआँ खोद दिया जाता है ताकि यदि जल
खादिन की ऊँचाई स्तर से ऊपर उठे तो वह बाहर जाकर कुएँ में भरता रहे। इस
प्रकार खादिन क्षेत्र में जमा जल धीरे-धीरे भूमि में समा जाता है और कुएं के द्वारा
जो जल भूमि में जाता है वह भूमिगत जलस्तर को ऊपर उठाता है। इस प्रकार
खादिन संरचना द्वारा वर्षा के जल का उपयोग किया जाता है।

8. मृदा संरक्षण के तीन उपाय लिखिए।                    [JAC 2013 (A)]
उत्तर : इसके लिए निम्नांकित तीन उपाय किए जा सकते हैं―
(i) भूमि-कटाव को रोकना―इसके लिए वनों की कटाई पर रोक,
अतिचारण पर रोक एवं भूमि को परती न छोड़ना जैसे उपाए किये जाने चाहिए।
(ii) पहाड़ी क्षेत्रों में कन्टूर सिंचाई एवं कंटूर खेती को बढ़ावा देना।
(iii) पहाड़ी ढलानों पर गुल्ली बनाकर उतरते हुए जल के वेग को कम
करना।

9. समन्वित वन-प्रवंधन पर टिप्पणी लिखिए। [JAC 2015 (A)]
उत्तर : वनों के संरक्षण के लिए निम्नांकित उपाय किये जा सकते हैं―
(i) वनों की कटाई पर रोक लगाना
(ii) वन रोपण
(iii) वनों में क्षतिपूरक वृक्षारोपण
(iv) कृषि के विस्तार के लिए वृक्षों की कटाई पर रोक लगाना
(v) इंधन के लिए लकड़ियों की कटाई पर रोक लगाना
(vi) लकड़ियों के अवैध व्यापार पर रोक लगाना।

10. गंगा जल के प्रदूषण की किन्हीं तीन परिस्थितियों (कारणों) का उल्लेख
कीजिए।                                                      [JAC 2016 (A)]
उत्तर : गंगा जल प्रदूषण की तीन परिस्थितियाँ निम्न है―
(i) शहरों के गंदे जल का गंगा में बहाव।
(ii) गंदे वस्त्रों एवं जानवरों को गंगा में धोना।
(iii) डाल्फीन का अधिक शिकार से।

11. अपने घर को पर्यावरण-मित्र बनाने के लिए आप कौन-कौन-से परिवर्तन
करेंगे?
उत्तर :
(i) घर के आसपास के खाली स्थानों में फूल और अन्य पेड़-पौधे
लगाना होगा।
(ii) जल का नियंत्रित उपयोग करना होगा ताकि व्यर्थ बहने से बचाया
जा सके।
(iii) वर्षा-जल के संचयन की व्यवस्था करनी होगी।
(iv) एक छोटे वर्मी कम्पोस्ट की व्यवस्था करनी होगी जिससे घर के
कूड़े-कचरे का खाद बनाया जा सके।

12. प्राकृतिक संसाधनों के उपयोग में दीर्घकालिक दृष्टिकोण रखना क्यों
आवश्यक है?
उत्तर : निम्नांकित कारणों से प्राकृतिक संसाधनों के उपयोग में दीर्घकालिक
दृष्टिकोण अपनाना आवश्यक है।
(i) संसाधनों के निर्ममतापूर्वक दोहन से पर्यावरण को काफी क्षति
पहुँचती है। अतः, संसाधनों के संपोषण के साथ पर्यावरण का
संरक्षण आवश्यक है। प्रदूषकों का एकत्रित होना पर्यावरण को
अपूरणीय क्षति पहुँचा सकता है।
(ii) सीमित संसाधनों का वितरण सभी वर्ग के लोगों में समान रूप से
करना तथा उनकी उपलब्धता भावी पीढ़ियों के लिए सुरक्षित रखना
हमारी नैतिक जिम्मेदारी है।

13. पर्यावरण-मित्र बनने के लिए आप अपनी आदतों में कौन-से परिवर्तन
ला सकते हैं?
उत्तर : पर्यावरण की सुरक्षा ही पर्यावरण-मित्र बनना है। इसके लिए
प्राकृतिक संसाधनों का सीमित एवं विवेकपूर्ण उपयोग करने, अनुपयोगी
वस्तुओं को गलाकर उपयोगी वस्तुएँ बनाने एवं वस्तुओं का पुनः उपयोग और
वस्तुओं के पुनर्चालन की आदत डालनी चाहिए। वृक्षारोपण को प्रोत्साहित करना
और ऊर्जा के गैर-परंपरागत स्रोतों का उपयोग करना भी पर्यावरण-मित्र बनना
ही है।

14. क्या प्राकृतिक संसाधनों का समान वितरण होना चाहिए? संसाधनों के
समान वितरण के विरुद्ध कौन-कौन-सी शक्तियाँ कार्य कर सकती है?
उत्तर : हाँ, प्राकृतिक संसाधनों का वितरण सभी वर्गों में समान रूप से
होना चाहिए।
प्राकृतिक संसाधनों के विरुद्ध शक्तिशाली और अमीर लोग तथा
उद्योगपति कार्य कर सकते हैं।

15. वन एवं वन्य जीव हमारे लिए किस प्रकार से लाभदायक हैं?
उत्तर : वन एवं वन्य जीव पर्यावरण को सुरक्षित एव सतुलित रखने में
सहायक होते हैं। वन पर्यावरण की सुरक्षा के साथ-साथ हमारी मूलभूत
आवश्यकताओं, जैसे-आवास निर्माण सामग्री, ईंधन, भोजन एकत्र करने
एवं उसके भंडारण के लिए साधन, औजार, दुर्लभ औषधियाँ, रबर आदि।
आपूर्ति करते है। जल-चक्र का पूर्ण होना, वायुमंडल में CO₂ एवं O₂ का
संतुलन वनों पर ही निर्भर है। इसमें वन्य जीव सुरक्षित रहते जो पर्यावरण को
संतुलित रखने में योगदान करते हैं। वन मिट्टी अपरदन को नियंत्रित करते हैं।
अतः, वन एवं वन्य जीवों का संरक्षण आवश्यक है।

16, वन एवं वन्य जीवों के दावेदार कौन-कौन हैं? उनमें किसे वन प्रबंधन का
अधिकार मिलना चाहिए?
उत्तर : वन एवं वन्य जीवों के चार दावेदार होते हैं।
(i) वनों में या उनके आसपास रहनेवाले लोग, जो अपनी
आवश्यकताओं के लिए वनों पर निर्भर है
(ii) सरकार, जिसका वन पर स्वामित्व और नियंत्रण है
(iii) उद्योगपति, जो वन उत्पादों का उपयोग करते है
(iv) पर्यावरण-मित्र
वनों के बेहतर प्रबंधन के लिए सरकार का न्यूनतम नियंत्रण स्थानीय लोगों
की सहमति और सक्रिय भागीदारी और पर्यावरण-मित्रों का सहयोग अपेक्षित है।

17. वन्य जीवों के संरक्षण के विभिन्न उपायों का उल्लेख करें।
उत्तर : वन्य जीवों के संरक्षण के लिए निम्नांकित उपाय करने चाहिए।
(i) पशु-पक्षियों की सुरक्षा के लिए वन बिहार राष्ट्रीय उद्यान तथा अन्य
प्राकृतिक क्षेत्रों की स्थापना तथा इन क्षेत्रों में उनके आवास के अनुकूल
वातावरण उपलब्ध कराना
(ii) लुप्त होती जा रही प्रजातियों (जैसे―गिर-शेर) की संख्या बढ़ाने
के लिए परियोजना बनाना
(iii) जानवरों के शिकार पर लगे प्रतिबंध का कड़ाई से पालन करना ।

18. जल-संग्रहण आवश्यक है, क्यों?
उत्तर : जल को जीवन-सार कहते हैं, क्योंकि इसके बिना जीवन संभव
नहीं है। इसका उपयोग हम प्रतिदिन अनेक प्रयोजन, जैसे―दैनिक कार्यों,
शारीरिक क्रियाओं, सिंचाई, बिजली उत्पादन तथा तकनीकी विकास आदि में
करते हैं। औद्योगिक क्रांति एवं जनसंख्या वृद्धि के कारण जल की माँग में काफी
वृद्धि हुई है, परंतु उसकी उपलब्धता में कमी आई है। भूमिगत जल के भंडारों में
कमी आई है तथा भूमिगत जलस्तर गिरता जा रहा है। फलतः शहरों में
जलापूर्ति की समस्या गंभीर होती जा रही है। अतः, वर्षा-जल का संग्रहण
आवश्यक है ताकि भूमिगत जलस्तर बरकरार रहे।

19. तीन Rs में से दूसरे R का क्या अर्थ है?
उत्तर : दूसरे R का अर्थ है Recycle अर्थात् पुनः चक्रण। इसका अर्थ है
कि हमें प्लास्टिक, कागज, काँच, धातु की वस्तुएँ आदि पदार्थों का पुनः चक्रण
करके इनसे उपयोगी वस्तुएं बनानी चाहिए। हमें ऐसी चीजों को कचरे के डिब्बे
में नहीं डालना चाहिए बल्कि इन्हें अपने कचरे से अलग करना होगा ताकि यह
दुबारा उपयोगी बनायी जा सके।

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